Turkey Greece News: 'सिकंदर' के देश को सबसे खतरनाक फाइटर जेट देने जा रहा US, तुर्किए क्यों हुआ परेशान?

1 month ago

What is Turkey Greece Controversy: यूरोप में अगले कुछ सालों में ऐसी लड़ाई शुरू होने वाली है, जिसकी आहट से ही दुनिया के सबसे बड़े सैन्य संगठन और रूस के कट्टर दुश्मन नेटो की टेंशन बढ़ गई है. असल में 1952 से इस गठबंधन के दो सदस्य देश ग्रीस और तु​र्किए नेटो के दुश्मनों से लड़ने के लिए नहीं एक दूसरे से लड़ने के लिए ख़तरनाक हथियार खरीद रहे हैं. दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा व्यापारी और नेटो का सबसे शक्तिशाली सदस्य अमेरिका ही इस युद्ध की चिंगारी को हवा दे रहा है. 

ग्रीस को खतरनाक फाइटर जेट दे रहा यूएस 

पाकिस्तान के दोस्त तुर्किए को सदमा देने वाली ख़बर ये है कि उसके पड़ोसी और कट्टर दुश्मन ग्रीस को अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली और पांचवीं पीढ़ी का पहला फाइटर जेट F-35 देने जा रहा है. जिसके बाद तुर्किए और ग्रीस की ताकत में इतना अंतर आ जाएगा कि यूरोप की बड़ी सैन्य ताकत होने का दम भरने वाला तुर्किए आंख उठाकर ग्रीस की तरफ नहीं देख पाएगा. 

दुनिया के सबसे एडवांस फाइटर जेट एफ-35 की डील को ग्रीस ने हरी झंडी दिखा दी. अब उसे अमेरिका से ऐसे 20 लड़ाकू विमान मिलेंगे. तुर्किये तबाह करने की गारंटी देने वाली डील पर ग्रीस ने 31 हजार 5 सौ करोड़ रुपये खर्च किये हैं. जिससे ग्रीस और उसके प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस का जोश हाई है और तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन का दिल बैठा जा रहा है. 

आसमान में नजर नहीं आता F-35

दुनिया के सबसे आधुनिक और खतरनाक फाइटर जेट F-35 की सबसे बड़ी ताकत इसका अदृश्य होना है. यानी दुश्मन का राडार इसे पकड़ ही नहीं सकता. इसके मायने ये हैं कि एफ-35 हासिल करने के बाद ग्रीस की वायुसेना तुर्किए में कभी भी किसी भी इलाके में बड़ा हवाई हमला कर पाएगी क्योंकि तुर्किए का एयर डिफेंस इसका पता नहीं लगा सकता. 

एफ-35 लड़ाकू विमान अत्याधुनिक सेंसर से लैस है जो युद्ध के दौरान तेजी से सारा डेटा पायलट तक पहुंचाते हैं. जिससे सटीक लक्ष्य की पहचान आसान हो जाती है. इसके बाद इसमें लगी हवा से ज़मीन ओर हवा से हवा में हमला करने वाली मिसाइलें दुश्मन के टारगेट को आसानी से ख़त्म कर सकते हैं. 

तुर्किए के लिए डबल झटका

कट्टर दुश्मन को सबसे घातक फाइटर जेट मिलने की खबर तुर्किए के लिए डबल झटका है क्योंकि तुर्किए की योजना खुद एफ 35 हासिल करके ग्रीस के ख़िलाफ़ रणनीतिक बढ़त बनाने की थी. लेकिन अपना एयर डिफेंस मजबूत करने की चाहत में उसके हाथ से एफ-35 लड़ाकू विमान हासिल करने मौका निकल गया. तुर्किए ने रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की डील की. अमेरिका की चेतावनी के बाद भी तुर्किए ने अपना इरादा नहीं बदला तो डॉनल्ड ट्रंप के दौर में तुर्किए को एफ-35 कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया. 

तुर्किए ने अमेरिका के इस फैसले पर काफी हाय तौबा मचाई. रणनीतिक संबंधों की दुहाई दी लेकिन अमेरिका ने फैसला नहीं बदला. 
पहले अमेरिका तुर्किए और ग्रीस की दुश्मनी को देखते हुए ग्रीस को भी एफ-35 फाइटर बेचने से ​हिचक रहा था. लेकिन जो बाइडेन के दौर में ग्रीस को एफ 35 दिए जा रहे हैं और खलीफा अर्दोआन सिर पकड़कर बैठे हैं. 

पहले से मजबूत हो जाएगा ग्रीस

दुनिया के सबसे एडवांस 20 विमान ग्रीस को मिलेंगे और वो चाहे तो 20 और खरीद सकता है. F-35 फाइटरजेट ग्रीस पहुंचने से पहले अगर तुर्किए ने ग्रीस को आंख दिखाने की कोशिश की तो सिकंदर का देश खलीफा के देश को फ्रांस के रफाल से जवाब देगा. 2020 के बाद से ग्रीस ने फ्रांस से 24 रफाल फाइटर जेट खरीदे हैं. 

मल्टीरोल फाइटर रफाल के अलावा किरियाकोस मित्सोताकिस ने अपनी सेना में शामिल 84 एफ-16 फाइटर जेट्स को नई तकनीक वाइपर कॉन्फिगरेशन से अपडेट किया है, जिससे ये और घातक हो गए हैं. वैसे तुर्किए ने भी ग्रीस की चुनौती से निपटने के लिए अपनी सेना में ऐसे कई घातक हथियार जमा कर लिए हैं, जो दो नेटो देशों के बीच युद्ध के ज्वालामुखी को सुलगा रहे हैं. 

1 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया बजट

यूरोप में एक ज्वालामुखी तैयार है और हथियारों की डील किसी भी वक्त इस ज्वालामुखी में विस्फोट करा सकती है. एफ-Thirty Five तो झांकी है. अमेरिका से ग्रीस को हथियारों की पूरी सीरीज मिल रही है. गोला-बारूद का भंडार बनाने की तैयारी है. ग्रीस ने अपने डिफेंस बजट को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है.

जर्मनी का घातक लेपर्ड टैंक. अमेरिका के डेंजरस अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर और इजरायली स्पाइक मिसाइलें. ग्रीस ने अपनी सेना को तुर्किये का मुकाबला करने के लिये हर तरह से तैयार किया है. ग्रीस एक छोटा देश है पर उसकी सेना शक्तिशाली है. ग्रीस की हथियारों वाली शॉपिंग देखकर तुर्किये उससे टकराने से पहले हज़ार बार सोचेगा.

भारतीय ब्रह्मोस पर भी ग्रीस की नजर

तुर्किये को दुनिया की बड़ी ड्रोन सुपरपावर माना जाता है..इसके बायरक्तार ड्रोन ने यूक्रेन, सीरिया और लीबिया के संघर्षों में घातक परफॉर्मेंस दी. अगर यूरोप में ग्रीस-तुर्किये की टक्कर हुई तो पहली बार F-35 वर्सेस ड्रोन की जंग दिख सकती है. ग्रीस के पास अच्छे फाइटर जेट्स हैं तो तुर्किये के पास बेहतर लड़ाकू ड्रोन हैं. 

तुर्किये को मात देने के लिये ग्रीस की नजर भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलों पर है. ग्रीस इन मिसाइलों को अपने विवादित आईलैंड्स पर तैनात करना चाहता है ताकि तुर्किये के युद्धपोत उसकी सीमा के करीब आने से भी डरें. 

एजियन सागर में बदल जाएगा शक्ति संतुलन

फिलीपींस-भारत के बीच ब्रह्मोस डील के बाद, ग्रीक मीडिया में भारत से ब्रह्मोस खरीदने की आवाजें तेज हो गई हैं..पिछले एक साल में भारत और ग्रीस के प्रधानमंत्री ने एक-दूसरे के देश की यात्रा की. इस दौरान ब्रह्मोस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया..पर इसके बावजूद ग्रीस में ब्रह्मोस का इंतजार शुरु हो गया है.

ग्रीस-तुर्की के बीच एजियन (Aegean) सागर का विवादित इलाका है, जहां ब्रह्मोस की तैनाती पूरे शक्ति संतुलन को बदल देगी. ग्रीस को चैलेंज देने के लिये तुर्किये पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान भी डेवलप कर रहा है. हालांकि तुर्किये के पास पुराने एफ-16 फाइटर जेट्स भी हैं.

दोनों का दो दशक पुराना है विवाद

माना जाता है कि तुर्किये से दशकों पुराने विवाद ने ग्रीस को अपना डिफेंस बजट बढ़ाकर हथियार खरीदने के लिये मजबूर कर दिया. तुर्किये से विवाद की तैयारी ग्रीस ने पहले ही शुरु कर दी थी. उसका रक्षा बजट लगातार जीडीपी के 2 प्रतिशत से अधिक रहा है. 

ताकतवर सेना और हथियारों की रेस में तुर्किये अपने पड़ोसी ग्रीस से आगे है. तुर्किये की सेना दुनिया में आठवें नंबर पर तो ग्रीस 32वें पायदान पर है. सैनिकों के मामले में भी ग्रीस से दो गुना ज्यादा जवान तुर्किये की आर्मी में हैं. ग्रीस को बढ़त मिलने की वजह अमेरिका है, जो ग्रीस को दुनिया के सबसे एडवांस फाइटर जेट F-35 दे रहा है.

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