Last Updated:December 06, 2025, 20:13 IST
भारत और अमेरिका ने आतंकवाद को लेकर नया मोर्चा खोल दिया है.नई दिल्ली. भारत और अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज कर दिया है. दोनों देशों ने अब आतंकी संगठनों के प्रॉक्सी ग्रुप्स को निशाना बनाने का फैसला किया है. आतंकरोधी वर्किंग ग्रुप की बैठक में यह अहम मुद्दा छाया रहा. भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठनों को प्रतिबंधित करने का आह्वान किया है. इनका मकसद साफ है कि नाम बदल कर काम कर रहे आतंकियों पर भी नकेल कसी जाए. बैठक में दोनों पक्षों ने आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे गुटों के खिलाफ भी साझा कार्रवाई पर जोर दिया. भारत ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करने के लिए अमेरिका का शुक्रिया अदा किया. यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ती सुरक्षा साझेदारी को दर्शाता है.
यूएन और एफएटीएफ में सहयोग बढ़ाने पर जोर: बैठक में दोनों पक्षों ने माना कि आतंकवाद से लड़ने के लिए सिर्फ द्विपक्षीय नहीं, बल्कि सामूहिक कार्रवाई जरूरी है. यह लड़ाई निरंतर और व्यापक तरीके से लड़ी जानी चाहिए. भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र, क्वाड और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ में अपना सहयोग बढ़ाने का वादा किया. मकसद यह है कि आतंकियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कहीं भी पनाह न मिले. बहुपक्षीय मंचों पर यह एकजुटता उन देशों पर दबाव बनाने में मददगार होगी जो आतंक को पालते हैं. दोनों देश अब खुफिया जानकारी साझा करने पर भी ज्यादा काम करेंगे.
आतंकियों की संपत्ति और यात्रा पर लगेगा बैन: बातचीत का मुख्य केंद्र संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध सूची रही. दोनों देशों ने इस लिस्ट में और अधिक आतंकियों को शामिल करने की मांग की. इसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के अलावा उनके प्रॉक्सी ग्रुप भी शामिल हैं. साथ ही उनके समर्थकों, स्पॉन्सर और फाइनेंस करने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा. अगर ये संगठन लिस्ट में आते हैं तो उन पर कड़े प्रतिबंध लागू होंगे. उनकी संपत्ति फ्रीज कर दी जाएगी. इसके अलावा उन पर ट्रैवल बैन और हथियार खरीदने पर रोक लग जाएगी. इससे उनकी कमर टूट जाएगी.
टीआरएफ पर अमेरिकी एक्शन की भारत ने की तारीफ: इस बैठक में भारत ने अमेरिका के एक खास कदम की सराहना की. अमेरिका ने हाल ही में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है. इसे स्पेशली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में भी डाला गया है. टीआरएफ असल में लश्कर का ही एक प्रॉक्सी ग्रुप है जो कश्मीर में सक्रिय है. भारत ने इस फैसले के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय को धन्यवाद दिया. यह दिखाता है कि आतंकवाद को लेकर दोनों देशों की सोच अब एक जैसी है. दोनों देश अब आतंकियों के हर रूप को पहचानने लगे हैं.
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राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 06, 2025, 20:13 IST

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