US Election Results 2024: समोसा कॉकस में से कौन जीत रहा? भारतीयों का भी हाल जानिए

2 weeks ago

Indian American Results in US Elections: अमेरिका के प्रतिनिधि सभा के लिए नौ भारतीय अमेरिकी चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से पांच पुनः निर्वाचित होने की दौड़ में हैं, जबकि अन्य तीन पहली बार कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं. डेमोक्रेट सुहास सुब्रमण्यम (38) ने उत्तरी वर्जीनिया का प्रतिनिधित्व करने वाली अमेरिकी सदन की एक सीट के लिए चुनाव जीत लिया है. रो खन्ना ने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से कैलिफोर्निया 17वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव जीता. इसी पार्टी से राजा कृष्णमूर्ति इलिनोइस के 8वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए फिर चुनाव जीते.

पेशे से चिकित्सक डॉ. अमी बेरा 2013 से कैलिफोर्निया के छठे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे वरिष्ठ भारतीय अमेरिकी सांसद हैं. अगर डेमोक्रेटिक पार्टी को प्रतिनिधि सभा में बहुमत प्राप्त होता है, तो 59 वर्षीय बेरा को वरिष्ठ पद मिलना तय है. वाशिंगटन स्टेट के सातवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाली 59 वर्षीय सांसद प्रमिला जयपाल 2017 से डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर एक शक्तिशाली नेता के रूप में उभरी हैं. उनका फिर से चुना जाना तय माना जा रहा है. इसी तरह 2023 से मिशिगन के तेरहवें कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे 69 वर्षीय श्री थानेदार की जीत की भी प्रबल संभावना है.

एरिजोना राज्य की असेंबली में 2018, 2020 और 2022 में तीन बार जीत के बाद डॉ. अमीश शाह अब एरिजोना के पहले कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट में प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. वह सात बार चुनाव जीत चुके रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डेविड श्वेइकर्ट को चुनौती दे रहे हैं.

रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े डॉ. प्रशांत रेड्डी कंसास के तीसरे कांग्रेसनल जिले से प्रतिनिधि सभा के लिए तीन बार से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद रहे शैरिस डेविड्स के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. डॉ. राकेश मोहन न्यू जर्सी से चुनाव लड़ रहे हैं. वह रिपब्लिकन पार्टी से हैं. रेड्डी और मोहन के इस बार चुनाव जीतने की संभावनाएं काफी क्षीण हैं.

अमेरिका भर में 36 से अधिक भारतीय अमेरिकी स्थानीय निकायों और स्टेट असेंबली चुनावों में भाग ले रहे हैं, जो इस छोटे समुदाय के बीच राजनीतिक मुख्यधारा का हिस्सा बनने की बढ़ती रुचि को दर्शाता है. भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति विभिन्न भारतीय अमेरिकी समूहों को संबोधित करते समय उन्हें हर स्तर पर चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहे हैं.

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क्‍या है 'समोसा कॉकस'?
'समोसा कॉकस' अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय-अमेरिकी सांसदों के ग्रुप को दिया गया एक निकनेम है. यह दक्षिण एशियाई मूल के लेजिस्लेचर की बढ़ती संख्या को संदर्भित करता है, विशेष रूप से भारतीय मूल के.  'समोसा' एक लोकप्रिय भारतीय स्नैक है. यह शब्द 2018 के आसपास राजा कृष्णमूर्ति द्वारा अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया गया. 

'समोसा कॉकस' में प्रतिनिधि सभा और सीनेट दोनों के सदस्य शामिल हैं, जिनकी जड़ें भारत या दक्षिण एशिया में हैं. ये सदस्य, अक्सर भारतीय-अमेरिकी समुदाय से संबंधित मुद्दों या अमेरिका में दक्षिण एशियाई लोगों के हित के व्यापक मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं. 

दलीप सिंह सौंद अमेरिकी कांग्रेस में चुने गए पहले भारतीय-अमेरिकी थे. वह उन्होंने 1957 से 1963 पद पर रहे. उन्होंने डेमोक्रेट के रूप में प्रतिनिधि सभा में कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद सदन में अगले भारतीय-अमेरिकी की एंट्री 40 साल बाद 2004 में लुइसियाना से बॉबी जिंदल के रूप में हुई. वे रिपब्लिकन थे, उन्होंने एक और कार्यकाल पूरा किया. आगे उन्होंने अपने गृह राज्य के गवर्नर पद के लिए चुनाव लड़ा और जीते. 

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए अगले भारतीय-अमेरिकी के आने में पांच साल लगे. एमी बेरा ने 2013 में पहली बार सदन में प्रवेश करने के बाद से लगातार कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व किया है. 2017 में उनके साथ इलिनोइस से राजा कृष्णमूर्ति, वाशिंगटन स्टेट से प्रमिला जयपाल और कैलिफोर्निया से ही रो खन्ना भी सदन में शामिल हुए.  

'समोसा कॉकस' की पांचवीं सदस्य कमला हैरिस थीं, जो दूसरों के विपरीत, अमेरिकी सीनेट के लिए चुनी गईं और ऊपरी सदन में शामिल होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बन गईं. उन्होंने कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व किया.

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