Bangkok skyscraper collapse reveals China connection: थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद एक 30 मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई. इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 32 लोग घायल हैं, जबकि 83 मजदूर अब भी लापता हैं. बैंकॉक में कई गगनचुंबी इमारतें हैं, लेकिन भूकंप के दौरान केवल इसी बन रही इमारत को भारी नुकसान हुआ. जिसके बाद अब कई सारे खुलासे हुए हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकॉक में 30 मंजिला गगनचुंबी इमारत सिर्फ भूकंप की वजह से नहीं गिरी है, बल्कि इसके पीछे कथित भ्रष्टाचार, लागत में कटौती और लापरवाही का नतीजा है.
सबसे पहले देखें बैंकॉक में किस तरह गिरी ये इमारत:-
बैंकॉक में क्यों एक ही इमारत गिरी?
बैंकॉक में निर्माणाधीन सरकारी टावर जो म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के झटकों के बाद ढह गया था, जबकि बैंकॉक में अन्य ऊंची इमारतें सुरक्षित रहीं, अब इसके डिज़ाइन, सामग्री और परियोजना के पीछे के लोगों की ईमानदारी पर सवाल उठ रहे हैं. जब इस मामले में जांच होनी शुरू हुई तो सोमवार को थाई अधिकारियों ने ढही हुई इमारत के संवेदनशील दस्तावेजों को चोरी करने के आरोप में चार चीनी नागरिकों को हिरासत में लिया. थाई समाचार एजेंसी द नेशन के अनुसार, चीनियों को गिरे हुए स्टेट ऑडिट ऑफिस (SAO) भवन के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करते हुए और 30 से अधिक दस्तावेजों को दोबारा अपने पास रखते हुए पकड़ा है. पुलिस मेजर जनरल नोपासिन पूलस्वात ने ब्लूप्रिंट और अन्य निर्माण-संबंधी कागजात सहित 32 फ़ाइलों की बरामदगी की पुष्टि भी की. हिरासत में लिए गए लोगों में से एक जिसके पास लीगल वर्क परमिट था उसने खुद को प्रोजेक्ट मैनेजर होने का दावा किया, जबकि अन्य ने अपने को ठेकेदार के तौर पर पहचान बताई.
4,93,00,00,000 रुपए की परियोजना
थाईलैंड के स्टेट ऑडिट ऑफिस प्रोजेक्ट के तौर पर बन रही ये 30-मंजिला गगनचुंबी इमारत तीन साल से निर्माणाधीन थी और इसे 2026 में पूरा होना था. द टेलीग्राफ यूके की एक रिपोर्ट के अनुसार, $58 मिलियन यानी भारतीय रुपए में इसे देखें तो यह करीब 4,93,00,00,000 बनता है. यह परियोजना इतालवी-थाई डेवलपमेंट पीएलसी और चाइना रेलवे नंबर 10 (थाईलैंड) लिमिटेड के बीच ज्वाइंट वेंचर था. चाइना रेलवे नंबर 10 जो चाइना रेलवे ग्रुप की सहायक कंपनी है. थाई कानून के अनुसार विदेशी ओनरशिप 49 प्रतिशत तक सीमित था, जबकि शेष हिस्सा थाई निवेशकों सोफन मीचाई (40.80 प्रतिशत), प्रचुआब सिरीखेत (10.20 प्रतिशत) और मानस श्री-अनंत (तीन शेयरों वाला एक छोटा सा शेयरधारक) के पास था.
उप प्रधानमंत्री ने दिया जांच का आदेश
इमारत गिरने के बाद, उप प्रधान मंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने तत्काल जांच का आदेश दिया. उन्होंने टेलीग्राफ को बताया कि मैंने उन्हें इमारत गिरने के कारणों की रिपोर्ट करने के लिए सात दिन का समय दिया है. विशेषज्ञों ने निर्माण में संभावित खामियों के बारे में चिंता जताई है. सिविल इंजीनियर और राजनीतिज्ञ प्रो. सुचाचावी सुवानसावास ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि आप सभी अन्य इमारतों को देखें, यहां तक कि निर्माणाधीन ऊंची इमारतों को भी, वे सुरक्षित हैं. इसलिए या तो डिजाइन गलत था या निर्माण गलत था, लेकिन निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी.