Zakir Naik Peace TV news: भारत की एजेंसियों की नजर से भागा भागा फिर रहा जहरीला मौलाना जाकिर नाईक की पड़ोसी बांग्लादेश में वापसी हो रही है. जिस चैनल पर बैठकर वो जहरीली तकरीर करता है. दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत फैलाता है. जाकिर नाइक का वो चैनल बांग्लादेश में फिर से शुरु होने वाला है. मतलब साफ है कि हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए नर्क बने बांग्लादेश में हिंदुओं के जख्मों पर नमक छिड़कने आ रहा जहरीला मौलाना जाकिर नाईक. हर सच्चा भारतीय और देशभक्त जानता है कि जाकिर नाईक दुनिया भर में आतंकवाद फैलाने के लिए उकसाने वाला व्यक्ति है. वही जहरीला जाकिर नाईक लौट आया है. दुनिया में अपनी जहरीली तकरीरों से आतंक फैलाने वाला जाकिर नाईक अब बांग्लादेश में फिर से जहर फैलाने को बेकरार है. साल 2016 से भारतीय एजेंसियों से भागे-भागे फिर रहे जाकिर नाईक की तकरीरें अब बांग्लादेश में फिर से गूंजेंगी.
बांग्लादेश में कट्टरपंथ की वापसी
दरअसल बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और नई अंतरिम सरकार के कमान संभालने के बाद वहां फिर से कट्टरपंथ की वापसी हो रही है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. उनके घर जलाए जा रहे हैं. मंदिर तोड़े जा रहे हैं. ऐसे में जाकिर नाईक की बांग्लादेश में तकरीर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ और जहर घोलेगी. जानकारी के मुताबिक कुख्यात चरमपंथी जाकिर के पीस टीवी का प्रसारण फिर से बांग्लादेश में शुरू हो सकता है. इस बात की जानकारी खुद जाकिर नाइक ने साझा की है. उसने कहै हि कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से मंजूरी मिलते ही बांग्लादेश में फिर से पीस टीवी का प्रसारण शुरू हो जाएगा.
मतलब जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. लोग धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किए जा रहे हैं. हिंदुओं की नौकरी छीनी जा रही है. जहरीला जाकिर नाइक उस आग में घी डालने का काम करेगा. जाकिर नाइक पर बांग्लादेश के ढाका में एक बेकरी पर आतंकवादी हमले के बाद कथित रूप से नफरत भरे भाषण देने और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है.
दरअसल जुलाई 2016 में ढाका में होली आर्टिसन बेकरी पर हुए आंतकी हमले के बाद पीस टीवी बांग्ला का प्रसारण बंद कर दिया गया था. क्योंकि पकड़े गए आरोपियों में से एक ने कहा था कि वो जाकिर नाइक के उपदेशों से प्रेरित था. इस घटना के बाद भारत में भी जांच शुरू हुई, जिसके बाद दोनों देशों में पीस टीवी के प्रसारण को बंद कर दिया गया. जहरीला जाकिर नाईक पिछले 7 सालों से मलेशिया में भगोड़े की जिंदगी जी रहा है. भारतीय अधिकारियों के हाथों गिरफ्तारी से बच रहा है.