पटना. दुनिया के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेश चौहान 48,000 से अधिक बाईपास सर्जरी कर चुके हैं. वह कहते हैं-आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा हार्ट डिज़ीज़ कैपिटल बन चुका है. वजह सिर्फ खानपान नहीं, बल्कि हमारा टॉक्सिक माहौल, तनाव और प्रदूषण है. हमारे संवाददाता रजनीश कुमार से विशेष बातचीत में डॉ. नरेश त्रेहान ने युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के पीछे के वैज्ञानिक कारण, शुरुआती चेतावनियां, AI तकनीक से इलाज के नए आयाम और जीवनशैली से जुड़े बेहद महत्वपूर्ण उपाय साझा किए.
प्रश्न-आज भारत को हार्ट डिजीज की राजधानी कहा जा रहा है, क्या यह सही है?
डॉ. नरेश चौहान : यह बिल्कुल सच है. भारत में हृदय रोग सबसे ज्यादा तेजी से बढ़े हैं. इसके दो बड़े कारण हैं- पहला जेनेटिक फैक्टर. जिनके परिवार में हार्ट डिजीज, शुगर या ब्लड प्रेशर है, उनके बच्चों में जोखिम डबल हो जाता है. इसलिए मैं कहता हूं कि अपनी जींस को पहचानना जरूरी है. दूसरा, हमारी लाइफस्टाइल. तेल, तली चीजें, मीठा, फास्ट फूड… यह पहले भी था पर अब मात्रा कई गुना बढ़ गई है. इसके साथ तनाव, नींद की कमी, ट्रैफिक, प्रदूषण-ये सब मिलकर शरीर पर लगातार हमला करते हैं. ऐसे माहौल में हार्ट बेहद जल्दी डैमेज होता है.
प्रश्न : क्या यह सच है कि अब 30 साल से कम उम्र के लोग भी बाईपास तक की नौबत में आ रहे हैं?
डॉ. नरेश चौहान : हां, यह बहुत डराने वाली बात है. 30 साल पहले जब मैं अमेरिका से भारत आया था, तब ज्यादातर 50–60 की उम्र में हार्ट अटैक या बाईपास की ज़रूरत पड़ती थी. आज हालत यह है कि मैंने हाल ही में 28 साल के युवक का बाईपास किया-उसे 90% तक ब्लॉकेज थी. कारण साफ है-तनाव, ओवरवर्क, भोजन की खराब आदतें और बिल्कुल न के बराबर एक्सरसाइज़.
प्रश्न : जिम में हार्ट अटैक से मौतें बढ़ रही हैं, ऐसा क्यों?
डॉ. नरेश चौहान : इसके दो कारण हैं- कोविड के बाद का इन्फ्लेमेशन. गंभीर कोविड से बचे कई लोगों की हृदय धमनियों में अंदरूनी सूजन रह गई है. यह देर से असर करती है और लोग अचानक गिर जाते हैं. कई युवाओं को पता ही नहीं कि उन्हें पहले से ब्लॉकेज है. जिम में हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट के दौरान ब्लड प्रेशर अचानक तेजी से बढ़ता है. अगर पहले से 60-70% ब्लॉकेज हो तो यह दिल पर सीधा खतरा बन जाता है.
प्रश्न : बिना मेडिकल जांच के कोई व्यक्ति शायद ही समझ पाता है कि वह खतरे में है, शुरुआती लक्षण क्या हैं?
डॉ. नरेश चौहान : यह सबसे जरूरी हिस्सा है. हार्ट अटैक का दर्द हमेशा छाती में ही हो यह जरूरी नहीं है. कई बार दर्द- गले में, जबड़े में, कंधे में, हाथ में भी महसूस हो सकता है. अगर चलने या किसी भी गतिविधि के दौरान छाती में प्रेशर, जलन, जकड़न या दर्द आए और रुकने पर ठीक हो जाए तो यह 50% ब्लॉकेज का गंभीर संकेत है. डायबिटीज़ मरीजों में दर्द महसूस ही नहीं होता. उनके लिए रेगुलर चेकअप अनिवार्य है.
प्रश्न : AI तकनीक इलाज में कितना कारगर हो रही है?
डॉ. नरेश चौहान : अद्भुत बदलाव आया है. आज AI आधारित एको मशीनें हार्ट की फोटो लेकर बताती हैं-मसल कितनी मोटी है, पंपिंग कैसी है, स्ट्रेन पैटर्न क्या है. अगले 5 साल में हार्ट अटैक का खतरा कितना है- हम एक नए शोध पर काम कर रहे हैं, जिसमें एक ऐप सिर्फ 1 मिनट में- ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, स्ट्रेस लेवल, इंफ्लेमेशन लेवल दिखा देगा. अगर यह वैलिडेट हो गया तो यह क्रांतिकारी बदलाव होगा.
प्रश्न : कार्डियक मरीजों की सबसे बड़ी गलती क्या है?
डॉ. नरेश चौहान : लोग दर्द को एसिडिटी समझकर अनदेखा कर देते हैं. यह सबसे बड़ा जोखिम है. दूसरा बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर और दूसरी दवाएं लेना-यह हार्ट को बड़ा नुकसान पहुंचाती हैं.
प्रश्न : कौन-सी उम्र से चेकअप अनिवार्य करना चाहिए?
डॉ. नरेश चौहान : फैमिली हिस्ट्री हो तो-25 साल से पहले फैमिली हिस्ट्री न हो तो 30 साल से पहले एक बार पूरा चेकअप हो जाए तो आपकी हेल्थ जन्मपत्री तैयार हो जाती है, जिसमें अगले कई वर्षों का जोखिम साफ दिख जाता है.
प्रश्न : युवा पीढ़ी के लिए आपकी तीन सबसे महत्वपूर्ण सलाह?
डॉ. नरेश चौहान : खानपान नियंत्रित करें-तला, मीठा, जंक फूड कम अनुपात में खाएं. हफ्ते में कम से कम 4 दिन, 45 मिनट एक्सरसाइज़. दिन में 10–15 मिनट प्राणायाम… यह तनाव को खत्म करने का सबसे प्रभावी तरीका है.
प्रश्न : सर्दी के मौसम में डायबिटीज़ मरीजों के लिए क्या खास सावधानी?
डॉ. नरेश चौहान : सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ता है और खून गाढ़ा होता है. डायबिटिक मरीजों को तेज सुबह की वॉक शुरू करने से पहले स्ट्रेस टेस्ट जरूर कराना चाहिए.

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