अब भी नहीं संभले तो... कांग्रेस के गिरते ग्राफ पर सोनिया को चेतावनी भरी चिट्ठी

1 hour ago

Last Updated:December 11, 2025, 17:35 IST

अब भी नहीं संभले तो... कांग्रेस के गिरते ग्राफ पर सोनिया को चेतावनी भरी चिट्ठीसोनिया गांधी को ओडिशा कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम ने पत्र लिखा है. (फाइल फोटो)

कटक. ओडिशा कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम ने गुरुवार को प्रदेश और देश में पार्टी के लगातार निराशाजनक प्रदर्शन पर चिंता जताई है. उन्होंने इस विषय पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा और कुछ सुझाव दिए. कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आम चुनाव के बाद पांच राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा, खास तौर पर दिल्ली में हमें एक भी सीट नहीं मिली. बिहार में पार्टी छह सीट पर सीमित रह गई. ओडिशा में उपचुनाव हुआ, जिसमें हमें हार मिली. कहीं न कहीं पार्टी सही रास्ते पर नहीं चल रही है. इसलिए मैंने सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है और अपने मन की बात उनको पहुंचाई है. मैंने कुछ प्वाइंट लिखे हैं, जिनमें अगर सुधार नहीं किया जाएगा तो आगे कांग्रेस को और मुश्किल होगी.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शरत पटनायक पर बार-बार विश्वास जताए जाने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अभी भी जिस व्यक्ति को उन्होंने बैठाया है, वो ओडिशा को विभाजित करने लगे थे. उनके निर्वाचन मंडल में हम बड़े अंतर से चुनाव हारे हैं. हम छह बार चुनाव हार चुके हैं. 2000 से आज तक कांग्रेस नहीं आई. अगर हमें 2029 की तैयारी करनी है और अगर इस विषय को ध्यान में रखकर तैयारी नहीं की तो कांग्रेस कभी उभर नहीं पाएगी. जो सीनियर नेता कई बार चुनाव हार चुके हैं, उनकी जगह पर कुछ नए चेहरों को उतारना पड़ेगा ताकि कांग्रेस पार्टी आगे बढ़े.”

मोकिम ने कहा, “कांग्रेस मेरे खून में है. इतनी बड़ी पार्टी जब डूब रही है, तो हम सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य होता है कि इससे पार्टी को अवगत कराएं. आज भी मैं कांग्रेस पार्टी की सिपाही हूं. सोनिया गांधी हमारी नेता हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह पार्टी की समस्याओं से अवगत होंगी और इसमें सुधार करने के लिए कोशिश करेंगी.”

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बारे में उन्होंने कहा, “राहुल गांधी हमारे नेता हैं. जिस तरह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी लोगों से खुलेआम मिलते थे, समस्याओं को सुनकर समाधार करते थे, राहुल गांधी को भी वैसा ही करना चाहिए. वे पहले ऐसा करते थे, लेकिन पिछले 5 साल से हमें ऐसा नहीं दिख रहा है. अगर वे नेताओं, कार्यकर्ताओं से नहीं मिलेंगे तो पार्टी में कैसे सुधार होगा? पदयात्रा करना एक अलग विषय है, लेकिन कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बूथ सजाना एक अलग विषय है.”

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Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

First Published :

December 11, 2025, 17:35 IST

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