अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने की तैयारी जारी, आर्मी कमांडर ने लिया जायजा

1 day ago

Last Updated:June 04, 2025, 23:59 IST

AMARNATH YATRA 2025: अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का साया हमेशा से ही मंडराता रहा है. पहलगाम हमले के बाद से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा रहे है. बारत ने पहले ही सफा कर दिया है कि पाकिस्तान की तरफ से कोई भी आत...और पढ़ें

अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने की तैयारी जारी, आर्मी कमांडर ने लिया जायजा

अमरनाथ यात्रा की तैयारी तेज

हाइलाइट्स

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी.यात्रा की सुरक्षा के लिए 50,000 सुरक्षाबल तैनात होंगे.ड्रोन और हेलिकॉप्टर से यात्रा की निगरानी की जाएगी.

AMARNATH YATRA 2025: 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है. हर बार की तरह इस बार भी यात्रा को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. पहलगाम से अमरनाथ यात्रा शुरू होती है और पहलगाम हमले के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. तैयारियों का जायजा लेने के लिए नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने श्रीनगर स्थित 15 कोर (चिनार कोर) का दौरा किया. इस दौरे में उन्होंने मौजूदा सुरक्षा हालातों की समीक्षा की और भारतीय सेना की तैयारियों का जायजा लिया. नॉर्दर्न आर्मी कमांडर ने अमरनाथ यात्रा के लिए की जा रही सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की. उन्होंने सुनिश्चित किया कि यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित और सुचारू रूप से संपन्न हो, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

सुरक्षा के चाक चौबंद इंतेजाम
अमरनाथ यात्रा 2025 में 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. पहला जत्था 3 तारीख को श्रीनगर से रवाना होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, 38 दिन तक चलने वाली इस यात्रा के लिए 50,000 सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है. ये सुरक्षाबल पूरे यात्रा रूट, बेस कैंप और संवेदनशील इलाकों में तैनात रहेंगे. सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन और हेलिकॉप्टर का सर्वेलांस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. चौबीसों घंटे पूरी यात्रा सीसीटीवी की निगरानी में होगी. पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा में 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे. पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पर्यटकों की वापसी होने लगी थी.

अमरनाथ यात्रा पर 32 साल में 36 हमले
अगर अमरनाथ यात्रा में आतंकी हमलों का इतिहास देखें तो 90 के दशक से ही यह यात्रा आतंकियों के निशाने पर रही है. सबसे पहले 1993 में अमरनाथ यात्रा पर हमला हुआ था और लगातार 4 साल तक, यानी 1996 तक, आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया. लेकिन सबसे बड़ा हमला 2000 में हुआ, जब पहलगाम बेस कैंप में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई, जिसमें 32 लोगों की जान गई और करीब 60 लोग घायल हुए. इस हमले को लश्कर के आतंकियों ने अंजाम दिया था. इसके बाद 2001 में पहलगाम बेस कैंप के पास शेशनाग झील पर यात्रियों के कैंप पर ग्रेनेड फेंके गए, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हुए. 2002 में यात्री कैंप पर ग्रेनेड फेंका गया और 2006 में यात्रियों की बस को निशाना बनाया गया. इसके बाद करीब 11 साल तक कोई हमला नहीं हुआ, लेकिन 2017 में एक बार फिर अमरनाथ यात्रियों की बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई, जिसमें 7 यात्रियों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए. तब से अब तक, यानी 6 साल में, भारतीय सुरक्षा तंत्र इतना मजबूत हो गया कि आतंकियों ने कोई हमला करने की हिम्मत नहीं जुटाई. लेकिन यात्रा से ठीक दो महीने पहले पहलगाम में आतंकी हमले ने घाटी का मॉहौल खराब करने की कोशिश की.

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