अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों से मिल चुके हैं पुतिन, पिछली मुलाकातों में क्या कुछ हुआ था

8 hours ago

Russia US Relations: अमेरिका और रूस महाशक्तियां ही नहीं पारंपरिक प्रतिद्वंदी भी है. आज भी दुनिया का आधा कारोबार डॉलर में होता है, इसलिए नंबर वन इकॉनमी होने के चलते अमेरिका सुपरपावर का टैग लिए है, वरना दूसरी ऐसी कोई और बात नहीं है, जिसमें रूस अमेरिका से रत्ती भर भी कम हो. शीत युद्ध की समाप्ति से लेकर अभी तक अंदरखाने दोनों के बीच टशन चलती रहती है. 2016 में जब ट्रंप, पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो आरोप लगा कि प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में रूस का दखल था. पुतिन-ट्रंप की दोस्ती और केमेस्ट्री की बातें की जाने लगी थीं. फिर सममय का पहिया घूमा तो रूस ने अपनी सुरक्षा के नाम पर यूक्रेन पर हमला किया. तब बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति थे. ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बने तो यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के मकसद को लेकर वो पुतिन के दोस्तों की नहीं बल्कि दुश्मनों की कतार में खड़े हो गए.

पिछले 25 सालों में कब-कब आमने सामने बैठे पुतिन और उनके समकक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति?

रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के नाम पर हो रही इस मुलाकात में कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी. पुतिन बीते करीब 26 सालों से रूस की सत्ता पर किसी न किसी रूप में काबिज हैं. 72 साल के पुतिन 1999 में पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे. बीते ढाई दशकों के दौरान पुतिन और उनके अमेरिकी समकक्षों के बीच द्विपक्षीय बैठकें उनके राष्ट्रपति बनने के पहले कार्यकाल के दौरान नियमित रूप से होती थीं. 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जे और 2016 के अमेरिकी चुनावों में दखल देने के आरोपों के बाद मास्को और पश्चिम के बीच तनाव बढ़ता गया, लिहाजा दोनों देशों के बीच की बैठकें कम होती गईं.

पुतिन और जो बाइडेन 

पुतिन और जो बाइडेन राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पुतिन और जो बाइडेन केवल एक बार जून 2021 में जिनेवा में एक दूसरे से मिले. तब रूस यूक्रेन के साथ लगी सीमा पर सैनिकों का जमावड़ा जुटा रहा था. पुतिन और बाइडेन ने 3 घंटे बात की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला तो बाइडेन ने रूस के यूक्रेन पर हमला करने की सूरत में उस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी तो निगोशिएशन में पुतिन ने कीव यानी यूक्रेन के नाटो में शामिल न होने की गारंटी मांगी. इसे अमेरिका और पश्चिमी (यूरोप) ने बेतुकी मांग बताया. दोनों के बीच एक और फोन कॉल फरवरी 2022 में हुई उसमें भी कोई नतीजा नहीं निकला. इसके कुछ दिन बाद रूस ने प्रचंड वेग से यूक्रेन पर हमला बोल दिया. फिर उच्च-स्तरीय संपर्क ठंडे बस्ते में पड़ गए और अभी तक कोई सार्वजनिक रूप से कोई बातचीत नहीं हुई.

पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप

बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में उनकी पुतिन से छह मुलाकातें हुईं. G-20 और एपेक सम्मेलनों के इतर दोनों मिलते रहे. लेकिन सबसे चर्चित मीटिंग जुलाई 2018 में हेलसिंकी में हुई थी. जहां ट्रंप पुतिन के बगल में खड़े थे और ऐसा लग रहा था कि उन्होंने पुतिन के उस बयान को स्वीकार कर लिया है कि मास्को ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप नहीं किया था. ये कुछ ऐसा कदम था मानो ट्रंप जाने अनजाने अपनी ही खुफिया एजेंसियों के दावों पर सवाल उठा रहे थे.

FAQ

सवाल- पुतिन और ट्रंप की सीधी मुलाकातों के इतर कितनी बार फोन कॉल पर बात हुई.
जवाब-
सरकारों के ऑन रिकॉर्ड स्टेटमेंट की पड़ताल में पता चलता है कि इस साल ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद से, उनकी और पुतिन की लगभग आधा दर्जन सार्वजनिक रूप से प्रकट टेलीफोन बातचीत हो चुकी हैं.

सवाल- पुतिन ट्रंप के अलावा किस-किस अमेरिकी राष्ट्रपति से मिल चुके हैं?

जवाब- पुतिन, ट्रंप के अलावा बराक ओबामा, जॉर्ज बुश और बिल क्लिंटन से मिल चुके हैं. ओबामा ने पुतिन से नौ बार मुलाकात की. ओबामा दो बार रूस गए. 2009 में मेदवेदेव से मिलने और फिर 2013 में G-20 शिखर सम्मेलन के लिए. मेदवेदेव और पुतिन दोनों अमेरिका भी गए. मेदवेदेव के कार्यकाल में मास्को और वाशिंगटन ने शीत युद्ध के बाद रूस-अमेरिका संबंधों को 'रीसेट' करने यानी नए सिरे से गढ़ने पर चर्चा की और हथियार नियंत्रण संधियों पर काम किया. उस समय अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने 2009 में एक बैठक में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव को एक बड़ा 'रीसेट' बटन भेंट किया था.

सवाल- ट्रंप और जॉर्ज बुश की मुलाकातों में क्या हुआ?
जवाब- 
बुश के दो कार्यकालों के दौरान पुतिन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश 28 बार मिले. पुतिन 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद बुश को फोन करने वाले पहले वैश्विक नेता थे उन्होंने बुश को एक सभ्य व्यक्ति और अच्छा मित्र बताते हुए कहा है कि उनके साथ अच्छे संबंधों ने सबसे गंभीर और संघर्षपूर्ण स्थितियों" से बाहर निकलने में मदद की है.'

सवाल- पुतिन और बिल क्लिंटन की मुलाकात कैसी रही?
जवाब- 
क्लिंटन जून 2000 में पुतिन के राष्ट्रपति पद पर शपथ लेने के चंद दिनों बाद उनसे मिलने रूस गए थे. बातचीच में हथियार नियंत्रण, रूस के उत्तरी काकेशस क्षेत्र में अशांति और बाल्कन की स्थिति पर चर्चा हुई. क्लिंटन ने पुतिन की शान में कसीदे गढ़े. दोनों उसी साल जुलाई में जापान में (G-8 शिखर सम्मेलन) और सितंबर में न्यूयॉर्क में (UN मुख्यालय के मिलेनियम समिट) और नवंबर में ब्रुनेई में (एपेक शिखर सम्मेलन) मिले.

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