Last Updated:December 11, 2025, 05:31 IST
Gold Bond Maturity : गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना हमेशा से ही आकर्षक रहा है. आरबीआई ने बताया कि जिन लोगों ने साल 2017 में निवेश किया था, उन्हें करीब 13 हजार के भाव से रिटर्न दिया जाएगा.
सोने की मौजूदा कीमत पर आरबीआई ने गोल्ड बॉन्ड का भुगतान करने को कहा है. नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) योजना की दो शृंखलाओं के तहत किए गए निवेश को भुनाने के लिए इसकी प्रति यूनिट 12,801 कीमत घोषित कर दी है. आरबीआई ने बताया कि इन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को आज की कीमत के आधार पर भुगतान किया जाएगा. साथ ही गोल्ड बॉन्ड के निवेशकों को 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलेगा. आरबीआई ने बताया है कि इन बॉन्ड की मेच्योरिटी पूरी हो चुकी है और निवेशक चाहें तो अपनी कीमत ले सकते हैं.
आधिकारिक बयान के मुताबिक, एसजीबी 2017-18 श्रेणी-11 (जारी करने की तारीख 11 दिसंबर 2017) के यूनिट धारकों को अंतिम मूल्य के रूप में प्रति यूनिट 12,801 रुपये मिलेंगे. इन यूनिट धारकों ने एसजीबी खरीदते समय प्रति यूनिट 2,954 रुपये निवेश किए थे और उन्हें निवेशित राशि पर 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज भी मिला है. इसका मतलब है कि गोल्ड बॉन्ड में 3 हजार रुपये से भी कम का निवेश करने वालों को आज इसकी 4 गुना कीमत मिल रही है. ऊपर से 2.5 का सालाना ब्याज भी मिलेगा.
आरबीआई क्यों लाया था गोल्ड बॉन्ड
यह योजना देश के लोगों को भौतिक सोने में निवेश करने से हतोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी. पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में आई तेजी के कारण निवेशकों को मिलने वाले अच्छे रिटर्न की काफी चर्चा रही है. आरबीआई ने 2019-20 शृंखला 1 (रिडीम करने की तिथि 11 दिसंबर 2025) को भुनाने के लिए भी प्रति यूनिट 12,801 रुपये का मूल्य घोषित किया है. आरबीआई ने कहा कि यह कीमत भारतीय सर्राफा एवं आभूषण संघ लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा प्रकाशित 99.9 शुद्धता वाले सोने की पिछले तीन कार्य दिवसों की औसत कीमत के आधार पर तय की गई है.
क्या होते हैं गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड भी एक तरह की सिक्योरिटीज होते हैं, जिसे भारत सरकार की तरफ से आरबीआई जारी करता है. यह फिजिकल सोने का डिजिटल रूप होता है. इसमें भी बिलकुल सोना खरीदने की तरह ही ग्राम के हिसाब से निवेश करना पड़ता है, लेकिन इसे भौतिक रूप में सुरक्षित रखने की दिक्कत नहीं होती है. आरबीआई ने इसे साल 2015 में शुरू किया था, ताकि फिजिकल सोने की खरीद कम करके आयात में कमी लाई जा सके. इसमें सोने की बढ़ी कीमत तो मिलती ही है, साथ में 2.5 फीसदी सालाना का ब्याज भी मिलता है.
क्या है मेच्योरिटी और निकासी की शर्तें
गोल्ड बॉन्ड में निवेश के बाद 8 साल में मेच्योर होता है और ब्याज चाहें तो छमाही या सालाना आधार पर ले सकते हैं. आप चाहें तो अपने बॉन्ड को मेच्योरिटी पर भुना सकते हैं या फिर 5 साल बीतने के बाद भी इसे रिडीम कराया जा सकता है. इस बॉन्ड को आप एक्सचेंज के जरिये भी खरीद और बेच सकते हैं, जो बिलकुल शेयरों की तरह ही डीमैट फॉर्म में होता है. गोल्ड बॉन्ड को कोई भी भारतीय नागरिक यानी व्यक्तिगत, एचयूएफ, ट्रस्ट अथवा यूनिवर्सिटी के नाम पर खरीदा जा सकता है, लेकिन एनआरआई इसमें निवेश नहीं कर सकते हैं.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 11, 2025, 05:31 IST

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