Last Updated:August 12, 2025, 13:16 IST
मीडिया बातचीत के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने पप्पू यादव के रोकने पर भी नमाज़ अदा करने को महत्वपूर्ण मानते हुए बीच में ही खड़े हो गए और वहां से निकल गए. इस दृश्य ने सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रियाओं और ट्रोलिंग का...और पढ़ें

Bihar Politics: राष्ट्रीय राजनेता असदुद्दीन ओवैसी और पप्पू यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दोनों मीडिया के बातचीत करते नजर आ रहे हैं. लेकिन, अचानक ही किसी स्टेटमेंट के दौरान असदुद्दीन ओवैसी नमाज पढ़ने के लिए निकल जाते हैं. हालांकि, पप्पू यादव उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वह नहीं रुके.
इस क्षण को मीडिया के कैमरों ने कैद कर लिया, जिससे यह तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में देखा जा सकता है कि ओवैसी गंभीर मुद्रा में खड़े हो गए और नमाज अदा करने के लिए बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही निकल गए. इस बीच, पप्पू यादव उन्हें शांत करने की कोशिश करते नजर आए, लेकिन ओवैसी ने धार्मिक कर्तव्य को प्रमुखता दी, जो कुछ दर्शकों को प्रेरणादायक और कुछ को चौंकाने वाला लगा.
सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाओं की बाढ़
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया का माहौल गरम हो गया. कई यूजर्स ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया, तो कुछ लोगों ने इस पर तीखी टिप्पणी की और ओवैसी को ट्रोल भी किया. इसके अलावा, कुछ आलोचक इसे धार्मिक प्राथमिकता की मजबूती में बदलते राजनीति के प्रतीक के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य हल्के-फुल्के कटाक्ष कर रहे हैं.
“Aapse badhkar Namaz hai”
A Muslim will always choose his religion, but a Hindu would choose Secularism. pic.twitter.com/M4a3Ad8kvl
राजनीति बनाम धर्म पर छिड़ी बहस
एक यूजर ने वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा कि “आपसे बढ़कर नमाज़ है, पप्पू यादव की कोई इज़्ज़त नहीं?”
वहीं, दूसरे यूजर ने कहा, “एक मुस्लमाल देश और धर्म में से हमेशा धर्म को चुनेगा, जबकि एक हिंदू का सबसे बड़ा धर्म देश प्रेम है”
हालांकि, एक यूजर ने ओवैसी के इस कदम का सपोर्ट करते हुए लिखा, “बताओ इसमें गलत क्या है, नमाज़ का भी एक वक्त होता है और नमाज़ के वक्त नमाज पढ़ने वाले के लिए नमाज़ से बढ़कर कोई काम नहीं होता.”
यह दृश्य राजनीतिक संबंधों की जटिलता और धार्मिक अनुशासन की प्राथमिकता को उजागर करता है. ओवैसी की रक्षात्मक मुद्रा, जहां उन्होंने धर्म को प्राथमिकता दी, इससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ क्षणों में धार्मिक अनुशासन हर दूसरे तत्व से ऊपर खड़ा हो जाता है. वहीं, पप्पू यादव की प्रतिक्रिया यह संकेत देती है कि राजनीतिक मंचों पर ऐसा अचानक कदम त्वरित संभावनाओं को जन्म दे सकता है.
First Published :
August 12, 2025, 13:16 IST