इंडियन आर्मी का सिकंदर, 24000 की फीट की ऊंचाई से उगलेगा आग

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Last Updated:December 26, 2025, 12:40 IST

Indian Army News: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयरफोर्स के साथ ही इंडियन आर्मी के जवानों ने भी अपनी वरीता का परिचय दिया था. पाकिस्‍तान के साथ सैन्‍य टकराव के बाद भारत ने अपने डिफेंस सिस्‍टम को और मजबूत करने की प्रकिया शुरू कर दी है. इसके तहत अब सेना के लिए 20 टैक्टिकल यूएवी यानी ड्रोन खरीदने की योजना है.

इंडियन आर्मी का सिकंदर, 24000 की फीट की ऊंचाई से उगलेगा आगIndian Army News: इंडियन आर्मी के लिए 20 टैक्टिकल UAV खरीदने की प्‍लानिंग है. रिमोट पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्‍टम देश में ही बने होंगे. (फाइल फोटो/Reuters)

Indian Army News: भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय (MoD) भारतीय सेना के लिए 20 टैक्टिकल रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) खरीदने की तैयारी में है. यह पूरी परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत होगी, जिससे देश में ही अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का विकास और निर्माण संभव हो सकेगा. इन मानवरहित एयर सिस्‍टम्‍स (UAV) को खासतौर पर भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाएगा. ये ड्रोन दिन और रात, दोनों समय मिशन को अंजाम देने में सक्षम होंगे. तेज हवा, बारिश और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी ये प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे. भारत के पहाड़ी इलाकों, रेगिस्तानी क्षेत्रों, घने जंगलों और सीमावर्ती दुर्गम क्षेत्रों में आर्मी को इन ड्रोन से बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये ड्रोन मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म पर आधारित होंगे. इसका मतलब यह है कि भविष्य में जरूरत के हिसाब से इनमें नए सिस्टम और तकनीक जोड़ी जा सकेंगी. इनमें अलग-अलग तरह के आधुनिक पेलोड लगाए जा सकेंगे जैसे इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड (EO/IR) कैमरे, संचार खुफिया (COMINT), इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT), सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) और फॉरेन ओपन रडार (FOPEN). इससे निगरानी, टोही और खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.

होश उड़ाने वाली खासियत

बताया जा रहा है कि इन ड्रोन की उड़ान क्षमता भी काफी प्रभावशाली होगी. ये कम से कम 8 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकेंगे. लाइन ऑफ साइट (LOS) के जरिए इनकी रेंज लगभग 120 किलोमीटर होगी, जबकि सैटेलाइट कम्युनिकेशन (SATCOM) के जरिए यह दूरी करीब 400 किलोमीटर तक पहुंच जाएगी. साथ ही ये ड्रोन 24,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर भी ऑपरेट कर सकेंगे, जो ऊंचे पहाड़ी और सीमावर्ती इलाकों में बेहद अहम है. सबसे अहम बात यह है कि ये ड्रोन पूरी तरह हथियारबंद होंगे. इनमें न्यूनतम 200 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने की क्षमता होगी. ये हवा से जमीन पर सटीक हमला करने वाले हथियार, ग्लाइड बम और लोइटरिंग म्यूनिशन से लैस किए जा सकेंगे. इससे भारतीय सेना की मारक क्षमता और जवाबी कार्रवाई की ताकत में बड़ा इजाफा होगा.

इलेक्‍ट्रॉनिक वॉरफेयर का सिकंदर

ड्रोन को इस तरह तैयार किया जाएगा कि वे दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और जीएनएसएस-डिनाइड (GNSS से वंचित) माहौल में भी काम कर सकें. इनमें सुरक्षित ड्यूल-बैंड डेटा लिंक और सैटेलाइट कम्युनिकेशन बैकअप होगा, जिससे मिशन के दौरान संपर्क बना रहे. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना न सिर्फ सेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि देश में ड्रोन और रक्षा तकनीक से जुड़े उद्योगों को भी नई ऊंचाई देगी. ‘मेक इन इंडिया’ के तहत यह सौदा भारत को आधुनिक युद्ध तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

December 26, 2025, 12:40 IST

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