इस अनोखे ब्रिज में लगा है हवाई जहाज वाला स्‍टील, भूकंप-तूफान सब बेअसर

1 day ago

Last Updated:June 04, 2025, 20:14 IST

Chenab Bridge- भारतीय रेलवे ने दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज बनाकर विश्‍व रिकार्ड कायम कर दिया है. अब इस ब्रिज से ट्रेन दौड़ने वाली है. आइए जानते हैं इस ब्रिज की खासियत-

इस अनोखे ब्रिज में लगा है हवाई जहाज वाला स्‍टील, भूकंप-तूफान सब बेअसर

6 जून को होगा इस ब्रिज का उद्घाटन.

हाइलाइट्स

ब्रिज के लिए खास डिजाइन किया गया है स्‍टील120 साल से ज्‍यादा है इसकी लाइफ29880 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग हुआ

नई दिल्‍ली. भारतीय रेलवे एक और विश्‍व रिकार्ड बनाने जा रहा है. विश्‍व के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज पर ट्रेन चलने जा रही है, जो एफिल टॉवर से भी ऊंचा है. इस ब्रिज में ऐसा स्‍टील लगाया गया है, जिससे कभी जंक न लगे. इस तरह का स्टील विमानों में इस्‍तेमाल किया जाता है. 6 जून को इस बिज से पहली ट्रेन वंदेभारत एक्‍सप्रेस रवाना होगा, इसे प्रधानमंत्री झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

रेल मंत्रालय के एग्‍जक्‍यूटिव डायरेक्‍टर इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी दिलीप कुमार ने बताया कि इस ब्रिज की जांच फेज्‍ड एरे अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग द्वारा की गयी है. इस ब्रिज की लाइफ 120 साल से अधिक है. इसकी एक और खासियत यह है कि बड़े से बड़े तूफान को झेल सकता है. 266 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा भी इस ब्रिज का कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं. भूकंपीय क्षेत्र 5 के भूकंप सहने की क्षमता है.

निर्माण में इतना स्‍टील का हुआ इस्‍तेमाल

इसके निर्माण में 29880 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग हुआ है. कुतुब मीनार से करीब 5 गुना व एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है. 1315 मीटर लंबा ब्रिज और ब्रिज की ऊंचाई नदी तल से 359 मीटर है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने इस स्टील को डिजाइन करने में मदद की, ताकि यह प्राकृतिक आपदाओं और हमलों से सुरक्षित रहे.

स्टेनलेस स्टील में क्‍या होता है इस्‍तेमाल

स्टेनलेस स्टील में कार्बन, सिलिकॉन, मैंगनीज, फॉस्फोरस, सल्फर, निकल, मोलिब्डेनम और टाइटेनियम भी शामिल हो सकते हैं, जो इसे जंकरोधी बनाने में मदद करते हैं. जहाज और शिप में इस्‍तेमाल किया जाता है.

पुल को सुरक्षित रखने के लिए इंतजाम

ब्रिज निर्माण में विस्फोट-रोधी डिजाइन तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया है, जिससे विस्फोट होने पर भी ब्रिज पर कोई असर न पड़ें, ट्रेनें धीमी गति से चल सकती हैं. किसी तरह का कोई नुकसान न हो.

सेंसर सिस्टम का इस्‍तेमाल

ब्रिज में सेंसर लगाए गए हैं, जो लगातार मौसम की जानकारी देते रहेंगे. साथ ही कंपन व वातावरण में अन्‍य बदलाव की जानकारी लोकोपायल और कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी. इसकी हर छह माह में जांच होती रहेगी, जिससे पता चलता रहेगा कि पुल में किसी तरह के बदलाव तो नहीं हो रहे हैं.

ब्रिज ही नहीं नींव भी लोहालाट

चिनाब ब्रिज ही नहीं इसकी नींव भी मजबूत बनाई गयी है. नींव को इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे भूकंप और तेज हवाओं में कोई फर्क न पड़े.

Location :

Jammu and Kashmir

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