इस एयरपोर्ट पर न बोर्डिंग पास, न ID, बस चेहरा दिखा प्‍लेन में चढ़ जाइए!

6 hours ago

Last Updated:June 17, 2025, 14:55 IST

Airport News: चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा ने हवाई यात्रा को आसान बना दिया है. चेहरे की पहचान तकनीक से बिना कागजी कार्रवाई के सिक्योरिटी और बोर्डिंग होती है. ऐप डाउनलोड तेजी से बढ़ रहा है.

इस एयरपोर्ट पर न बोर्डिंग पास, न ID, बस चेहरा दिखा प्‍लेन में चढ़ जाइए!

हाइलाइट्स

चेन्नई एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा से हवाई यात्रा आसान हुई.चेहरे की पहचान तकनीक से बिना कागजी कार्रवाई के बोर्डिंग होती है.डिजी यात्रा ऐप के उपयोगकर्ता तेजी से बढ़ रहे हैं.

Airport News: हवाई यात्रा अब पहले जैसी मुश्किल भरी नहीं रही. इस एयरपोर्ट पर अब न तो बोर्डिंग पास की जरूरत है, न ही बार-बार आईडी दिखाने का झंझट. बस अपना चेहरा दिखाइए और मिनटों में सिक्योरिटी क्लियरेंस से लेकर बोर्डिंग तक सब हो जाएगा. यह जादू है डिजी यात्रा का, जो चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तेजी से पॉपुलर हो रहा है. यह डिजिटल बायोमेट्रिक सिस्टम चेहरे की पहचान (फेशियल रिकग्निशन) तकनीक का उपयोग करता है, जिससे यात्रियों को कागजी कार्रवाई के बिना तेज और सुगम अनुभव मिलता है.

पिछले साल जून 2024 में शुरू हुए डिजी यात्रा ऐप को तब 20,704 यात्रियों ने अपने फोन पर डाउनलोड किया था. लेकिन मार्च 2025 तक, यानी सिर्फ नौ महीनों में यह आंकड़ा बढ़कर 1.12 लाख तक पहुंच गया. डिजी यात्रा के तहत यात्री ऐप पर अपनी पहचान संबंधी दस्तावेज और फोटो अपलोड करते हैं, फिर फ्लाइट डिटेल्स लिंक करते हैं. इसके बाद एयरपोर्ट पर बायोमेट्रिक गेट्स पर उनका चेहरा स्कैन होता है. इसके बाद, बिना किसी सीआईएसएफ कर्मी के मैनुअल चेकिंग के सिक्योरिटी और बोर्डिंग प्रक्रिया पूरी हो जाती है. यह तकनीक न केवल समय बचाती है, बल्कि यात्रा को और सुरक्षित भी बनाती है.

कैसे काम करता है डिजी यात्रा?
डिजी यात्रा ऐप में रजिस्ट्रेशन के बाद यात्री को सिर्फ अपने चेहरे का उपयोग करना होता है. एयरपोर्ट पर प्रवेश, सिक्योरिटी चेक और बोर्डिंग गेट पर बस चेहरा स्कैन करवाइए और आप तैयार हैं. चेन्नई के टी-1 टर्मिनल में तीन समर्पित डिजी यात्रा लेन हैं, जबकि T4 में गेट 16 को छोड़कर सभी लेन पर यह सुविधा उपलब्ध है. नियमित यात्री वी विवेक का कहना है कि डिजी यात्रा ने सिक्योरिटी क्लियरेंस के लिए इंतजार का समय काफी कम कर दिया. पहले लंबी लाइनों में खड़े रहना पड़ता था, अब कुछ मिनटों में सब हो जाता है.

‘डिजी बडीज’ बने मददगार
सिविल एविएशन मंत्रालय ने सभी एयरपोर्ट्स पर कम से कम 10% यात्रियों को डिजी यात्रा ऐप सो जोड़ने का लक्ष्य रखा था. चेन्नई ने तीन महीनों में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया है. उन्होंने ‘डिजी बडीज’ नामक एक विशेष टीम बनाई, जो यात्रियों को ऐप के बारे में बताती है और इसका उपयोग करने में उनकी मदद करती है. इस पहल ने डिजी यात्रा उपयोगकर्ताओं की संख्या को और बढ़ाया है.

सुरक्षा का नया स्तर
डिजी यात्रा के साथ-साथ चेन्नई एयरपोर्ट ने सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सभी तीन टर्मिनलों पर 2D बारकोड स्कैनर सिस्टम का विस्तार किया है. यह सिस्टम सुनिश्चित करता है कि केवल वैध यात्री ही एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकें. डिजी यात्रा की बायोमेट्रिक तकनीक और बारकोड स्कैनर मिलकर एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जो तेज और सुरक्षित होने के साथ भरोसेमंद भी है.

अभी सामने है यह चुनौती?
हालांकि डिजी यात्रा ने यात्रा को आसान बनाया है, लेकिन कुछ यात्रियों को अभी भी डिजिटल तकनीक अपनाने में झिझक महसूस होती है. बुजुर्ग यात्रियों और टेक्नोलॉजी से कम परिचित लोगों के लिए मैनुअल प्रक्रिया अभी भी उपलब्ध है. लेकिन डिजी बडीज और जागरूकता अभियानों के जरिए एयरपोर्ट प्रशासन इस अंतर को तेजी से पाट रहा है.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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