पूरी दुनिया जानती है कि जापान में लंबी और सेहतमंद जिंदगी जीने वालों की संख्या अच्छी खासी है. जापान हर साल सितंबर के तीसरे सोमवार को ‘केइरो नो हि’ यानी वरिष्ठ नागरिक दिवस पर बुजुर्गों को सम्मानित किया जाता है. इस दिन खास तौर पर 88 साल (बेइजू) और 99 साल (हकुजू) की उम्र पूरी करने वालों को उपहार दिए जाते हैं. लेकिन इस बार आइची प्रांत के ओकाजाकी शहर ने एक ऐसी परंपरा तोड़ दी, जिसने बुजुर्गों को हैरान कर दिया है.
रिकॉर्ड तोड़ती बुजुर्ग आबादी
जापान टुडे के अनुसार, स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने बताया कि इस साल देश में 100 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की संख्या 99,800 से अधिक हो गई है. यह लगातार 55वां साल है जब यह आंकड़ा बढ़ा है. कई शहरों में समारोह हुए, जहां बेइजू और हकुजू की उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित किया गया. आपको बता दें कि जापानी संस्कृति में 88 साल की उम्र को ‘बेइजू’ के रूप में खास माना जाता है, क्योंकि यह उम्र दीर्घायु और समृद्धि का प्रतीक है.
ओकाजाकी ने क्यों रोकी परंपरा?
इस बार ओकाजाकी शहर ने 88 साल के बुजुर्गों को दी जाने वाली 10,000 येन की बधाई राशि बंद कर दी. पहले इस राशि को बेइजू की उपलब्धि पर सम्मान के तौर पर दिया जाता था. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस फैसले से हर साल करीब 2 करोड़ येन की बचत होगी. इस राशि को अब बुजुर्गों की सेहत और देखभाल के लिए बेहतर सुविधाओं में निवेश किया जाएगा. जापान में महिलाओं की औसत आयु 87 साल से ज्यादा है, और ओकाजाकी में हर चार में से एक व्यक्ति 65 साल से अधिक उम्र का है.
99 साल की उम्र के लोगों के लिए बल्ले-बल्ले
जापानी मीडिया के मुताबिक, इस फैसले पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं. कुछ बुजुर्गों को यह फैसला पसंद नहीं आया, क्योंकि यह राशि उनके लिए सम्मान और खुशी का प्रतीक थी. वहीं, कुछ लोग इसे सही मानते हैं, क्योंकि यह पैसा अब बुजुर्गों की बेहतर देखभाल के लिए इस्तेमाल होगा. राहत की बात यह है कि 99 साल की उम्र (हकुजू) वालों को बधाई राशि मिलती रहेगी.
आने वाले दिनों में बढ़ सकती है चुनौती
लेकिन जिस तरह ओकाजाकी शहर ने फैसला किया है. आने वाले दिनों में जापान की बढ़ती बुजुर्ग आबादी के सामने बहुत बड़ी चुनौती आ सकती है. अगर यही हाल रहा तो अन्य शहर भी इसी तरह का प्लान बना सकते हैं. यानी अब बुजुर्गों को स्वस्थ रहकर 99 साल की उम्र तक पहुंचने का इंतजार करना होगा, ताकि वे सम्मान और उपहार पा सकें.

3 weeks ago
