Last Updated:August 13, 2025, 13:43 IST
Jagdish Temple Udaipur History : उदयपुर में स्थित प्राचीन भगवान जगदीश मंदिर की कहानी अपने आप में बेहद अनूठी है. मान्यता है कि भगवान जगदीश यहां साक्षात विराजते हैं. जानें क्या है इसके पीछे की पौराणिक कहानी और क्...और पढ़ें

उदयपुर. उदयपुर के प्राचीन भगवान जगदीश मंदिर की एक अनूठी कहानी है. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की आकर्षक प्रतिमा है. इनके हाथ में सोने के कड़े हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ साक्षात विराजित हैं. मेवाड़ के महाराणा जगत सिंह को यह शक्ति प्राप्त थी कि वे प्रतिदिन जगन्नाथ पुरी जाकर भगवान जगदीश के स्वप्न दर्शन कर सकते थे. एक दिन यह नियम भंग हो गया और महाराणा जगत सिंह अन्न-जल त्याग कर प्रभु भक्ति में लीन हो गए. तब भगवान जगदीश ने महाराणा जगत सिंह को दर्शन दिए और मेवाड़ में जगन्नाथ मंदिर बनाने का आदेश दिया.
मान्यताओं के अनुसार भगवान ने कहा कि मेवाड़ में मंदिर बनाओ. मैं स्वयं वहां आऊंगा. भगवान जगन्नाथ को मीरा को दिए वचन के अनुसार भी मेवाड़ में आना था. उसके बाद मंदिर का निर्माण पूरा हुआ और डूंगरपुर के पास शरण पर्वत से प्रतिमा लाई गई. डूंगरपुर का यह पर्वत उस समय जल गया था जब कृष्ण और जयसंघ के बीच युद्ध हुआ था. तब कृष्ण ने भविष्यवाणी की थी कि कलयुग में इस पर्वत की प्रतिमाएं पूजी जाएंगी. वहीं से भगवान जगन्नाथ की यह प्रतिमा लाई गई है.
…तो समझ लेना कि मैं मेवाड़ आ गया हूं
इतिहासकार चंद्रशेखर शर्मा के अनुसार लेकिन महाराणा जगत सिंह के मन में शंका उत्पन्न हुई कि इस प्रतिमा में भगवान जगन्नाथ का पदार्पण होगा या नहीं. तब भगवान जगन्नाथ ने महाराणा जगत सिंह को स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि जगन्नाथ पुरी में जो सोने के कड़े भगवान जगन्नाथ को पहनाए थे यदि मूर्ति प्रतिष्ठा के समय वही कड़े इस नई प्रतिमा के हाथों में आ जाएं तो समझ लेना कि मैं मेवाड़ आ गया हूं. फिर ऐसा ही हुआ. जब भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव चल रहा था तब इस प्रतिमा के हाथ में वही सोने के चार कड़े अपने आप आ गए जो महाराणा जगत सिंह ने जगन्नाथ पुरी में भगवान को पहनाए थे.
भगवान जगन्नाथ के प्रति मेवाड़वासियों की गहरी आस्था है
तभी से यह विश्वास हो गया कि भगवान जगन्नाथ का जगन्नाथ पुरी से मेवाड़ पदार्पण हो गया है. यह इस बात का प्रमाण है कि इस मंदिर में साक्षात भगवान विराजमान हैं. वर्तमान में भी भगवान जगन्नाथ के प्रति मेवाड़वासियों की गहरी आस्था है. यहां प्रतिदिन हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं. यही नहीं इस मंदिर की वास्तुकला भी सात समुंदर पार से आए विदेशी मेहमानों को आकर्षित करती है.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
Location :
Udaipur,Udaipur,Rajasthan
First Published :
August 13, 2025, 13:43 IST