एक बंदा कहेगा तो फैसला बदल देंगे... कबूतरों को लेकर हाईकोर्ट ने BMC को फटकारा

1 week ago

Last Updated:August 13, 2025, 19:18 IST

Bombay Kabootar Khana: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी के कबूतरों को दाना डालने पर लगाए प्रतिबंध को बरकरार रखा है और बीएमसी को मनमाने फैसले बदलने पर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दि...और पढ़ें

एक बंदा कहेगा तो फैसला बदल देंगे... कबूतरों को लेकर हाईकोर्ट ने BMC को फटकाराकबूतरों को दाना डालने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है.

मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कबूतरों को दाना डालने पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा है. कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि वह मनमाने ढंग से फैसले नहीं बदल सकती. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध का आदेश ऐसे समय में दिया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम भेजने का फैसला सुनाया था.

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर बीएमसी के वकील रामचंद्र आप्टे ने कहा, “कोर्ट ने एक विशेष समिति नियुक्त की है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं की जांच करेगी. समिति अपनी सिफारिशें तैयार करेगी और इन्हें सौंपने के बाद कोर्ट इन सिफारिशों के आधार पर अंतिम फैसला लेगी.”

याचिकाकर्ता के वकील हरीश जे. पांड्या ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर कहा, “कबूतरों को दाना डालने वालों को अस्थायी आधार पर बीएमसी से अनुमति के लिए आवेदन करने की मंजूरी दी गई थी. दो अलग-अलग याचिकाकर्ताओं ने आवेदन जमा किए. समय सीमा नहीं बताई गई है. बीएमसी के वकील ने बताया कि उन्हें एक आवेदन प्राप्त हुआ, लेकिन दूसरा नहीं मिला. उन्होंने अनुरोध किया कि बीएमसी के वकीलों को गुरवार तक इन आवेदनों की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं.”

सुनवाई के दौरान बीएमसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि वह सुबह 6 से 8 बजे के बीच कुछ शर्तों के साथ कबूतरों को दाना डालने की अनुमति देने को तैयार है. इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब पहले सार्वजनिक हित में प्रतिबंध लगाया गया था, तो अब एक व्यक्ति की बात पर फैसला कैसे बदला जा सकता है.

कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि फैसला बदलने से पहले कानूनी प्रक्रिया का पालन करें, सार्वजनिक नोटिस जारी करें और सभी हितधारकों, विशेषकर नागरिकों से सुझाव लें. कोर्ट ने यह भी कहा, “पालिका सीधे फैसला नहीं ले सकती. सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर विचार करना होगा.”

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

August 13, 2025, 19:01 IST

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