'एक ही जाति के लोग कथावाचक क्यों होते हैं...' तेजस्वी ने भड़का दी चिंगारी?

6 hours ago

Last Updated:June 26, 2025, 11:48 IST

Tejashwi Yadav News: आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार चुनाव से पहले दलित और पिछड़ा कार्ड खेलकर बड़ा दांव चल दिया है. क्या एनडीए की परेशानी बढ़ने वाली है? जानें तेजस्वी ने क्यों कहा एक ही जाति से कथावाचक क्यों ...और पढ़ें

'एक ही जाति के लोग कथावाचक क्यों होते हैं...'  तेजस्वी ने भड़का दी चिंगारी?

तेजस्वी यादव ने कथावाचकों को लेकर क्या कह दिया कि मच गया बवाल

हाइलाइट्स

बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी ने क्यों बदला चुनावी मद्दा?तेजस्वी का कथावाचक वाला दांव बिहार में काम करेगा?आरजेडी की इस चाल का एनडीए कैसे देगी जवाब?

Tejashwi Yadav on Kathawachak : बिहार चुनाव से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दलित और पिछड़ा कार्ड खेल दिया है. तेजस्वी के एक बयान से बिहार की राजनीति में खलबली मच गई है. तेजस्वी यादव ने इटावा में एक कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार को पिछड़ा और दलित से जोड़कर पटना में बड़ा बयान दे दिया है. तेजस्वी ने बिहार सरकार की पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा के आरजेडी में शामिल होने के मौके पर कहा, ‘एक ही जाति के लोग कथावाचक क्यों होते हैं? क्या दलित और पिछड़े हिंदू नहीं हैं? क्या सिर्फ सवर्ण ही कथावाचक बन सकते हैं?’ तेजस्वी ने कहा है कि अगर बिहार में आरजेडी की सरकार बनती है तो इटावा की तरह किसी भी दलित और पिछड़ा कथावाचक के साथ मारपीट या सिर बिहार में नहीं मुंडवाना पड़ेगा.

तेजस्वी ने कहा कि हर व्यक्ति को भगवान की कथा कहने का हक है और बीजेपी की चुप्पी इस मुद्दे पर उनकी मंशा जाहिर करती है. बता दें कि बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच तेजस्वी का एक ही जाति का कथावाचक वाला मुद्दा गर्मा सकता है. तेजस्वी ने उत्तर प्रदेश के इटावा में दलित कथावाचक के साथ हुई मारपीट का मुद्दा उठाकर सियासी तापमान बढ़ा दिया है. ऐसे में इटावा की आग अब पटना की राजनीति को अगले कुछ दिनों तक जलाते रहेगी.

कथावाचक वाला विवाद पहुंच पटना

तेजस्वी यादव बीते कुछ दिनों से भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते ही हैं आरएसएस को भी निशाने पर लेते हैं. तेजस्वी बिहार की नीतीश सरकार को ‘गोडसे के पुजारी’ करार दिया और दलित-पिछड़ों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया. तेजस्वी ने कहा, ‘सत्ता में बैठे लोग गोडसे के पुजारी हैं. अगर वे गोडसे को नहीं मानते तो खुलकर ‘गोडसे मुर्दाबाद’ बोलें.’ उन्होंने उत्तर प्रदेश के इटावा और ओडिशा में दलित कथावाचकों के साथ मारपीट की घटनाओं का जिक्र किया. तेजस्वी ने सवाल उठाया, ‘क्या दलित और पिछड़े हिंदू नहीं हैं? क्या सिर्फ सवर्ण ही कथावाचक बन सकते हैं?’ उन्होंने बीजेपी पर दोहरा चरित्र अपनाने और समाज में भेदभाव को बढ़ावा देने का इल्जाम लगाया.

इटावा का मामला क्या है, और पटना कैसे पहुंचा?

तेजस्वी का कहना था कि हर व्यक्ति को भगवान की कथा कहने का हक है और BJP की चुप्पी इस मुद्दे पर उनकी मंशा जाहिर करती है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हाल ही में एक दलित कथावाचक के साथ मारपीट की घटना हुई, जिसने सोशल मीडिया और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोरी. इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा. तेजस्वी ने इस मुद्दे को बिहार में उठाकर इसे दलित-पिछड़ा वोट बैंक से जोड़ने की कोशिश की. बिहार में दलित और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की आबादी करीब 32% है, जो चुनावी नतीजों में अहम भूमिका निभाती है. तेजस्वी ने इसे BJP की ‘जातिवादी मानसिकता’ से जोड़कर बिहार के मतदाताओं को लामबंद करने की रणनीति अपनाई. हालांकि, इटावा की घटना का बिहार से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन तेजस्वी ने इसे सामाजिक न्याय के बड़े मुद्दे के रूप में पेश किया.

कुलमिलाकर तेजस्वी का कथावाचक मुद्दा बिहार में उठाना उनकी पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे सामाजिक न्याय, जाति आधारित जनगणना और दलित-पिछड़ों के हक की बात करते हैं. तेजस्वी की रणनीति दलित और EBC वोटरों को आरजेडी की ओर खींचने की है. 2020 के चुनाव में आरजेडी ने 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने का रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें दलित और पिछड़ा वर्ग का समर्थन अहम था. कथावाचक मुद्दा इन वोटरों में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी पैदा कर सकता है, खासकर अगर आरजेडी इसे ग्रामीण इलाकों में प्रभावी ढंग से प्रचारित करे.हालांकि. एनडीए ने तुरंत ही जवाबी हमला बोला. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ‘तेजस्वी बिहार के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यूपी की बात कर रहे हैं.’

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

और पढ़ें

homebihar

'एक ही जाति के लोग कथावाचक क्यों होते हैं...' तेजस्वी ने भड़का दी चिंगारी?

Read Full Article at Source