Last Updated:November 22, 2025, 19:41 IST
Justice Surya Kant News: जस्टिस सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे, मध्यस्थता को बढ़ावा और AI के उपयोग पर अपनी प्राथमिकता जाहिर की. उन्होंने जजों पर सोशल मीडिया के दबाव को सिरे से खारिज कर दिया. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया में AI को किस सीमा तक शामिल किया जाए.
जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें सीजेआई होंगे. (पीटीआई)नई दिल्ली. भारत के नामित प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि उनकी प्राथमिकता लंबित मामलों का निपटारा करना होगा. मनोनीत सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत ने शपथ ग्रहण से पहले मीडिया के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट और पूरे देश में मुकदमों का बढ़ता बोझ घटाने के लिए वह समानांतर योजनाएं लागू करेंगे.
उन्होंने कहा, “अगले कुछ हफ्तों में पांच, सात और नौ जजों की पीठ भी गठित कर लंबे समय से पेंडिंग महत्वपूर्ण मकदमों की सुनवाई कराने पर कदम उठाए जाएंगे. मध्यस्थता को भी कारगर ढंग से लागू किया जाएगा ताकि लाखों मुकदमों का बोझ घटाया जा सके.” जस्टिस सूर्यकांत ने सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर भी अपनी राय रखी.
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई जज या सीजेआई सोशल मीडिया या जिसे मैं मज़ाक में ‘अनसोशल मीडिया’ कहता हूं, उससे दबाव में आता है. ऐसे लोगों का बोझ कभी मत उठाइए. इन्हें बस नज़रअंदाज़ कीजिए.” एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर उन्होंने कहा, “यह एक ग्रे एरिया है. हमें यह देखना होगा कि न्यायिक प्रक्रिया में AI को किस सीमा तक शामिल किया जाए. हम इस पर समग्र और व्यापक दृष्टिकोण अपनाएंगे और बार (वकीलों) से भी बात करेंगे.
कुछ दिनों पहले ही जस्टिस सूर्यकांत ने आगाह किया था कि भारतीय अदालतों को साइबर अपराध, डिजिटल साक्ष्य, जलवायु संबंधी विवादों, संसाधन संघर्षों और बढ़ते मुकदमों के बोझ से ग्रस्त युग के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने रांची में झारखंड हाईकोर्ट के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि ये चुनौतियां पारंपरिक न्यायिक मॉडल पर पूर्ण पुनर्विचार की मांग करती हैं.
जस्टिस सूर्यकांत ने तकनीकी क्षमता को मजबूत करने, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाने, विशेष दक्षता का निर्माण करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि न्यायिक प्रक्रियाएं तुरंत उभरती परिस्थितियों के अनुरूप ढल जाएं. उन्होंने कहा, “न्यायपालिका केवल ऐसी ही दूरदर्शिता के जरिये समय पर और प्रभावी उपाय प्रदान कर सकती है, तथा संवैधानिक लोकतंत्र की मांग के अनुसार हर चुनौती का शीघ्रता एवं स्पष्टता के साथ सामना कर सकती है.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 22, 2025, 19:29 IST

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