Last Updated:June 27, 2025, 10:12 IST
Operation Deep Manifest: भारत ने 'ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट' के तहत न्हावा शेवा बंदरगाह पर 39 पाकिस्तानी कंटेनर जब्त किए, जिनमें 1,115 मीट्रिक टन माल था. यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई.

भारत में पाकिस्तान के 39 कंटेनर जब्त.
हाइलाइट्स
भारत ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर 39 पाकिस्तानी कंटेनर जब्त किए.जब्त कंटेनरों में 1,115 मीट्रिक टन पाकिस्तानी माल था.यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई.Operation Deep Manifest: भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को नाकाम करते हुए उसकी आर्थिक चालबाजियों पर तगड़ा प्रहार किया है. नवी मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट के तहत 39 कंटेनरों को जब्त किया, जिनमें 1,115 मीट्रिक टन पाकिस्तानी मूल का माल था. करीब 9 करोड़ रुपये की कीमत वाले इस माल को UAE के रास्ते भारत में तस्करी की कोशिश की जा रही थी. यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त नीति का हिस्सा है, जिसके तहत 2 मई से पाकिस्तानी माल के आयात या ट्रांजिट पर पूरी तरह प्रतिबंध है.
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 हिंदुओं का नरसंहार किया गया था. इस घटना ने भारत को कड़ा रुख अपनाने के लिए मजबूर किया. इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया. इस सैन्य कार्रवाई के बाद भारत ने आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेरना शुरू किया. ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट उसी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत DRI ने तस्करी के इस बड़े नेटवर्क को बेनकाब किया.
DRI की जांच में पता चला कि ये 39 कंटेनर कराची बंदरगाह से दुबई के जेबेल अली बंदरगाह के रास्ते भारत लाए गए थे. तस्करों ने माल को UAE मूल का बताकर भारतीय कस्टम नियमों को धोखा देने की कोशिश की. लेकिन DRI की सतर्कता ने इस चाल को नाकाम कर दिया. जांच में शिपिंग दस्तावेजों, कंटेनर मूवमेंट और वित्तीय लेनदेन का विश्लेषण किया गया, जिससे पाकिस्तानी संस्थाओं से जुड़े धन हस्तांतरण और एक जटिल नेटवर्क का खुलासा हुआ. इस नेटवर्क में पाकिस्तानी और UAE के नागरिक शामिल थे, जो शेल कंपनियों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए माल की उत्पत्ति छिपा रहे थे.
दो अलग-अलग मामले
DRI ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर दो अलग-अलग मामलों में ये कंटेनर जब्त किए. एक आयातक फर्म के साझेदार को गिरफ्तार किया गया है और जांच आगे बढ़ने के साथ और गिरफ्तारियां संभव हैं. वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने की DRI की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मंत्रालय ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद DRI ने खुफिया जानकारी और डेटा एनालिटिक्स के जरिए पाकिस्तानी माल पर नजर रखने की रणनीति को और तेज किया.
यह जब्ती भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है. 2022 में भारत-UAE मुक्त व्यापार समझौते के बाद से कुछ आयातक UAE के रास्ते पाकिस्तानी माल, जैसे खजूर और सूखे मेवे भारत में लाने की कोशिश कर रहे थे. DRI ने पहले भी मई 2025 में ऐसी तस्करी को पकड़ा था. इस बार की कार्रवाई से न केवल तस्करी का नेटवर्क बेनकाब हुआ, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की आशंकाओं को भी बल मिला.
‘ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट’ भारत की उस नीति का हिस्सा है, जो पाकिस्तान की हरकतों पर नकेल कसने के लिए सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कार्रवाई के बाद भारत UAE जैसे ट्रांजिट हब के लिए आयात नियमों को और सख्त कर सकता है. यह घटना भारत की आर्थिक सीमाओं की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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