नई दिल्ली (BTech Courses). टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बदल रही है. इसका असर एजुकेशन सेक्टर पर भी देखा जा रहा है. जो नौकरियां 5 साल पहले तक बहुत लोकप्रिय थीं, अब उनकी डिमांड कम हो गई है. अगले 5 साल यानी 2030 तक कई अन्य नौकरियां भी इसी लिस्ट में शामिल हो जाएंगी. 12वीं पास जो स्टूडेंट्स बीटेक कोर्स में एडमिशन की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें ब्रांच का फैसला बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए. ऐसा न हो कि 2029 में जब तक बीटेक की डिग्री मिले, तब तक उस क्षेत्र में एक्सपर्ट की डिमांड बंद हो जाए.
2030 तक भारत में बहुत बड़े लेवल पर टेक्निकल प्रोग्रेस होने की उम्मीद है. एआई (AI), ऑटोमेशन और डिजिटल बदलाव के कारण कुछ बीटेक कोर्सेस से जुड़ी नौकरियां कम हो सकती हैं या पूरी तरह खत्म भी हो सकती हैं. ऐसे में इन कोर्सेस में अपने 4 साल और लाखों की फीस इन्वेस्ट करने का कोई फायदा नहीं है. जानिए 5 ऐसे बीटेक कोर्स, जिनमें 2030 तक नौकरी की संभावनाएं काफी कम हो सकती हैं (खासकर अगर आप बिना अपस्किलिंग के इन क्षेत्रों में रहते हैं).
2030 तक कम होगी इन बीटेक कोर्स की डिमांड
बीटेक बहुत लोकप्रिय कोर्स है. पीसीएम से 12वीं पास करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स इसी कोर्स में एडमिशन लेते हैं. लेकिन ऐसे बीटेक कोर्स में एडमिशन लेने का कोई फायदा नहीं है, जिनमें आगे जाकर नौकरी ही न मिले-
1- बीटेक इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (B.Tech in Mechanical Engineering)
कारण: मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पुराने रोल्स (जैसे मैनुअल डिज़ाइन और असेंबली लाइन काम) को अब ऑटोमैटिक मशीन और रोबोटिक्स रिप्लेस कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोबोटिक सिस्टम 70% तक मैनुअल कामों को ऑटोमैटिकली कर सकते हैं.
प्रभावित क्षेत्र: ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन- यहां CAD/CAM सॉफ्टवेयर और AI-संचालित डिज़ाइन डिवाइस ह्यूमन इंटरवेंशन को कम कर रहे हैं.
सलाह: रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग या रिन्यूएबल एनर्जी में एक्सपर्टीज हासिल करें.
2- बीटेक इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (B.Tech in Electronics and Communication Engineering)
कारण: टेलीकॉम और हार्डवेयर-संबंधी नौकरियां (जैसे सर्किट डिज़ाइन और मैनुअल टेस्टिंग) AI और सॉफ्टवेयर-आधारित सॉल्यूशंस से तेजी से रिप्लेस हो रही हैं. IoT और 5G जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता की जरूरत है, लेकिन बेसिक भूमिकाएं कम हो रही हैं.
प्रभावित क्षेत्र: टेलीकॉम, सर्किट असेंबली और हार्डवेयर टेस्टिंग.
सलाह: साइबर सिक्योरिटी, IoT या डेटा एनालिटिक्स में सर्टिफिकेट हासिल करें.
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3- बीटेक इन सिविल इंजीनियरिंग (B.Tech in Civil Engineering)
कारण: AutoCAD, BIM (Building Information Modeling) और AI-संचालित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टूल्स सिविल इंजीनियरिंग में मैनुअल ड्राफ्टिंग और बेसिक कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट जैसे कामों को ऑटोमैटिकल कर रहे हैं. स्मार्ट सिटी और पर्यावरण इंजीनियरिंग को छोड़कर ट्रडिशन रोल्स कम हो रहे हैं.
प्रभावित क्षेत्र: मैनुअल ड्राफ्टिंग, साइट इंस्पेक्शन और बेसिक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग.
सलाह: स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन बिल्डिंग या सस्टेनेबल डिज़ाइन में विशेषज्ञता हासिल करें.
4- बीटेक इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (B.Tech in Electrical Engineering)
कारण: पुराने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग रोल्स (जैसे मीटर रीडिंग और बेसिक वायरिंग डिज़ाइन) को अब स्मार्ट ग्रिड और ऑटोमैटिक सिस्टम ने रिप्लेस कर दिया है. स्मार्ट मीटर और रिमोट ट्रैकिंग टेक्नीक्स मैनुअल कामों को खत्म कर रही हैं.
प्रभावित क्षेत्र: यूटिलिटी मैनेजमेंट, मैनुअल इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग और पारंपरिक पावर सिस्टम रखरखाव.
सलाह: रिन्यूएबल एनर्जी, स्मार्ट ग्रिड या बैटरी टेक्नोलॉजी में स्किल डेवलप करें.
5- बीटेक इन केमिकल इंजीनियरिंग (B.Tech in Chemical Engineering)
कारण: ऑटोमेटेड प्रोसेस कंट्रोल सिस्टम्स और AI ने केमिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र की पुरानी नौकरियों (जैसे मैनुअल प्रोसेस मॉनिटरिंग और बेसिक प्रोडक्शन) को प्रभावित कर दिया है. पर्यावरण नियमों और ग्रीन टेक्नोलॉजी में बदलाव से बेसिक भूमिकाएं कम हो रही हैं.
प्रभावित क्षेत्र: ट्रडिशनल पेट्रोकेमिकल और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस.
सलाह: बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी या पर्यावरण इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल करें.
काम की बात
1- एडवांस्ड स्किल्स की जरूरत: इन क्षेत्रों में नौकरियां पूरी तरह खत्म नहीं होंगी, लेकिन बेसिक रोल्स कम हो जाएंगे. AI, डेटा साइंस, साइबरसिक्योरिटी और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों में सर्टिफिकेशन और एक्सपर्टीज नौकरी की संभावनाएं बढ़ा सकती है.
2- रीस्किलिंग: इन कोर्सेस के स्टूडेंट्स को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए एडवांस टेक्निकल स्किल्स (जैसे प्रोग्रामिंग (Python, C++), डेटा एनालिटिक्स या मशीन लर्निंग) सीखने चाहिए.
3- नौकरी की डिमांड: भारत में 2030 तक डेटा साइंस, AI और साइबरसिक्योरिटी जैसे सेक्टर्स में 170 मिलियन नई नौकरियां शुरू होने की उम्मीद है.