कर्नाटक: कांग्रेस की दुर्गति पर मोइली का वार-हाईकमान को बताया जिम्मेदार

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Last Updated:November 28, 2025, 20:08 IST

Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ती खींचतान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने हाईकमान पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासन खत्म हो गया है और नेतृत्व ने विवाद को क्लाइमैक्स तक पहुंचने दिया. मोइली ने चेतावनी दी कि अगर स्थिति नहीं संभाली गई तो BJP इसका पूरा राजनीतिक फायदा उठा लेगी.

 कांग्रेस की दुर्गति पर मोइली का वार-हाईकमान को बताया जिम्मेदारकर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ती खींचतान पर वीरप्पा मोइली ने कांग्रेस हाईकमान को जिम्मेदार ठहराया.

DK Shivakumar Vs Siddaramaiah: कर्नाटक में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बढ़ते विवाद ने न सिर्फ प्रदेश की राजनीति को अस्थिर किया है, बल्कि पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है. इसी राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने हाईकमान पर खुलकर निशाना साधा है. उन्होंने साफ कहा कि कर्नाटक में जो अराजकता दिख रही है, उसके लिए सीधा जिम्मा पार्टी नेतृत्व का है.

मोइली ने यह तक कह दिया कि कुर्सी की लड़ाई को जिस तरह फैलने दिया गया, वह कांग्रेस की भविष्य की संभावनाओं के लिए खतरनाक है. उनके मुताबिक हाईकमान ने समय पर दखल नहीं दिया. इससे मामला क्लाइमैक्स तक पहुंच गया और अब स्थिति ऐसी बन रही है कि इसे संभालना मुश्किल हो सकता है. मोइली का यह बयान कर्नाटक कांग्रेस की सियासत में नई दरार का संकेत है.

‘डिसिप्लिन लाओ, वरना’

एम. वीरप्पा मोइली ने कर्नाटक कांग्रेस के हालात को अराजक बताया और कहा कि पार्टी में फिलहाल फ्री-फॉर-ऑल जैसी स्थिति बन गई है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसी तरह स्थिति बिगड़ती रही, तो विपक्षी BJP कांग्रेस को हर मोर्चे पर नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो जाएगी.

उन्होंने कहा कि स्वामीजी और सामुदायिक नेता अलग-अलग नेताओं के समर्थन में सामने आ रहे हैं. इससे जनता में गलत संदेश जा रहा है. उनके अनुसार, पार्टी को इस समय जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है अनुशासन. वरना कर्नाटक भी कांग्रेस के हाथ से निकल सकता है.

सिद्धारमैया बनाम शिवकुमार: हाईकमान की चुप्पी पर सवाल

मोइली ने स्पष्ट किया कि वह इस बात पर टिप्पणी नहीं करना चाहते कि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने रहें या D.K. शिवकुमार को मौका मिले. उनका कहना है कि मुद्दा कुर्सी कौन संभाले नहीं, बल्कि यह है कि पार्टी के शीर्ष नेता इस विवाद को बढ़ने क्यों दे रहे हैं.

मोइली के मुख्य आरोप

हाईकमान ने कर्नाटक की स्थिति को समय रहते नहीं संभाला. स्वामीजी और समुदायों की दखल से पार्टी छवि को नुकसान. कुर्सी विवाद को ‘क्लाइमैक्स’ तक पहुंचने दिया गया. कांग्रेस अपने ही घर में अनुशासन लागू करने में असफल. BJP इसका राजनीतिक लाभ उठा सकती है. शिवकुमार को मिले समर्थन पर मोइली की नाराजगी.

जब एक स्वामीजी ने D.K. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की खुली मांग की, तो मोइली बेहद सख्त हो गए. उन्होंने कहा कि धर्मगुरुओं या सामुदायिक नेताओं को मुख्यमंत्री की दौड़ में किसी पक्ष में नहीं आना चाहिए. यह पार्टी को तोड़ने जैसा है और इससे अनुशासनहीनता बढ़ती है. मोइली के अनुसार इस तरह का हस्तक्षेप कांग्रेस के हित में नहीं है और इससे जनता में गलत संकेत जाता है.

हाईकमान को फटकार- सही समय पर फैसले क्यों नहीं लिए?

मोइली ने आरोप लगाया कि हाईकमान ने पिछले ढाई-तीन साल में कर्नाटक की आंतरिक तनावों को कभी गंभीरता से नहीं समझा. उन्होंने कहा कि यह विवाद कोई अचानक नहीं उठा, बल्कि छह साल से लगातार पक हो रहा था, लेकिन नेतृत्व ने इस पर ध्यान नहीं दिया.

मोइली की मांगें

हाईकमान तुरंत सिद्धारमैया और शिवकुमार को दिल्ली बुलाकर मामला सुलझाए. दोनों नेताओं को फिलहाल सार्वजनिक बयानबाजी से रोकने का निर्देश दिया जाए. स्टेट-इनचार्ज की जवाबदेही तय की जाए. पार्टी में अनुशासन बहाल किया जाए. भविष्य के लिए स्पष्ट जिम्मेदारी तय की जाए.

मोइली ने कहा कि अगर नेतृत्व ने समय रहते हस्तक्षेप किया होता, तो आग इस स्तर तक नहीं पहुंचती. उन्होंने कहा कांग्रेस को जनता चुन लेती है लेकिन पार्टी उसे संभाल नहीं पाती यह सबसे बड़ी समस्या है.

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Sumit Kumar

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November 28, 2025, 20:08 IST

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