कांग्रेस-BJP और लेफ्ट सब हो गए साथ, किसे हराने के लिए मिलाया हाथ?

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Last Updated:December 06, 2025, 09:37 IST

Kerala Local Body Election: कई बार राजनीति में ऐसे घटनाक्रम सामने आते हैं, जब आमलोग भौंचक्‍के रह जाते हैं. राजनीति में एक-दूसरे के कट्टर दुश्‍मन भी दोस्‍त बन जाते हैं. केरल की राजनीति में भी ऐसा ही कुछ हुआ है. एक छोटी सी पार्टी ने ऐसी सुनामी लाई कि तीन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने हाथ मिला लिया.

कांग्रेस-BJP और लेफ्ट सब हो गए साथ, किसे हराने के लिए मिलाया हाथ?Kerala Local Body Election: केरल में स्‍थानीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं. प्रदेश में ऐसी राजनीतिक शक्ति अस्तित्‍व में आई है, जिसके खिलाफ माकपा, भाजपा और कांग्रेस एकजुट हो गई है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

Kerala Local Body Election: केरल की राजनीति में हमेशा कुछ न कुछ अनोखा होता रहता है. ऐसे प्रयोग होते हैं, जिसे राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनाया जाता है और उसकी चर्चा भी होती है. केरल में इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. प्रदेश में लोकल बॉडी यानी स्‍थानीय निकाय के लिए चुनाव होने हैं. उससे पहले एक दिलचस्‍प राजनीतिक वाकया हुआ है. कांग्रेस, CPI(M) और BJP ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्‍या हुआ कि तीनों धुर विरोधी पार्टियां एकजुट हो गईं? सामान्‍य स्थिति में इसके बारे में सोचना भी असंभव सा लगता है, पर ऐसा ही हुआ है.

केरल की राजनीति में इस बार अनोखा समीकरण देखने को मिल रहा है. कोच्चि के पास स्थित किटेक्स ग्रुप की राजनीतिक इकाई ट्वेंटी20 (Twenty20) के तेजी से बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए कांग्रेस, CPI(M) और BJP (तीनों प्रतिद्वंद्वी दल) एक साथ खड़े हो गए हैं. 9 और 11 दिसंबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में इन दलों ने किज़क्कम्बलम में साझा निर्दलीय उम्‍मीदवार उतारे हैं, ताकि कॉरपोरेट समर्थित इस पार्टी को टक्कर दी जा सके. Twenty20 की शुरुआत 2013 में किटेक्स ग्रुप ने CSR कार्यक्रम के रूप में की थी. उद्देश्य था – किज़क्कम्बलम गांव का विकास, जहां कंपनी का बड़ा गारमेंट यूनिट स्थित है. साल 2015 में इस समूह ने पहली बार पंचायत चुनाव जीता और 2020 में जाकर तीन और पंचायतें अपने कब्जे में कर लीं.

क्‍यों घबराईं पार्टियां?

अब सवाल उठता है कि केरल की तीनों बड़ी पार्टियां क्‍यों घबराई हुई हैं? इस बार संगठन 48 पंचायतों, कोच्चि नगर निगम, तीन नगरपालिकाओं और कई जिलों में चुनाव लड़ रहा है. कुछ पंचायतों में सभी सीटों पर इनके उम्मीदवार हैं. पूथ्रिक्का पंचायत में सभी उम्मीदवार महिलाएं हैं. Twenty20 की इस प्‍लानिंग से माकपा के साथ ही भाजपा और कांग्रेस घबरा गई हैं. Twenty20 के अध्यक्ष और किटेक्स के एमडी साबू एम जैकब कहते हैं कि उनकी पार्टी ने चार पंचायतों में भ्रष्टाचार खत्म किया है और लगभग 50 करोड़ रुपये बचाए हैं. किज़क्कम्बलम में 50% सब्सिडी पर सामान देने वाले फूड सेफ्टी मार्केट ने पार्टी को बड़ी लोकप्रियता दिलाई. हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बड़े राजनीतिक दलों की शिकायत पर यह बाजार बंद कर दिया गया था.

किज़क्कम्बलम पंचायत की 21 सीटों का हाल

कांग्रेस सिर्फ 2 सीटों पर CPI(M) 1 सीट पर BJP 2 सीटों पर बाकी पर साझा इंडिपेंडेंट कैंडिडेट्स

जनता क्‍यों मेहरबान?

‘इंडियन एक्‍सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, साबू ने वादा किया है कि पंचायतों की 50 करोड़ रुपये की सरप्लस राशि का उपयोग कर लोगों को बिजली और गैस बिल पर 25% सब्सिडी दी जाएगी. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने योजना को मंजूरी नहीं दी, जिसके बाद मामला हाई कोर्ट में गया है. CPI(M) का आरोप है कि ट्वेंटी20 CSR के नाम पर लोगों को प्रभावित कर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि साबू गरीबी का फायदा उठाकर फ्रीबीज़ देकर राजनीति कर रहे हैं. BJP का कहना है कि महिलाओं में सब्सिडी योजनाओं को लेकर पार्टी की पकड़ मजबूत है, इसलिए उनके पास उम्मीदवार भी कम हैं.

Twenty20 पार्टी का क्‍या है पक्ष?

साबू सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं कि किटेक्स का सालाना CSR फंड सिर्फ 2.5 करोड़ रुपये है और उसके दुरुपयोग का सवाल ही नहीं उठता. वे दावा करते हैं कि पिछले 5 साल में सरकार ने उनके चार पंचायतों में 84 बार छापे और जांच कीं, लेकिन कोई गड़बड़ी नहीं मिली. साबू ने प्रमुख दलों पर आरोप लगाया कि वे SDPI और वेलफेयर पार्टी के साथ मिलकर 25 दलों का गठबंधन बनाकर ट्वेंटी20 को रोकना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टियां पंचायत के 32 करोड़ रुपये के सरप्लस फंड पर नजर गड़ाए बैठी हैं.

चुनावों में दिलचस्प मुकाबला

Twenty20 का चुनाव चिन्ह आम (मैंगो) है, लेकिन इस बार उसके खिलाफ उतरे कई स्वतंत्र उम्मीदवार भी अलग-अलग फलों के प्रतीक लेकर मैदान में हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. कुल मिलाकर किटेक्स समूह की राजनीतिक इकाई ट्वेंटी20 के बढ़ते प्रभाव ने केरल की पारंपरिक राजनीति को नया मोड़ दे दिया है. अब देखने वाली बात होगी कि क्या तीनों बड़े दलों की संयुक्त रणनीति इस कॉरपोरेट-समर्थित मॉडल को रोक पाएगी या फिर ट्वेंटी20 अपने प्रभाव का विस्तार करने में कामयाब होती है.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

Location :

Kochi,Ernakulam,Kerala

First Published :

December 06, 2025, 09:37 IST

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