Last Updated:June 09, 2025, 08:33 IST
Ropeway News- जल्द ही देश के छह धार्मिक स्थलों में आना जाना आसान होने जा रहा है. सड़क परिवहन मंत्रालय के इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा बुजुर्गों को होगा, जो चढ़ाई होने की वजह से जा नहीं पाते हैं.

अवार्ड होते ही जमीनी स्तर पर काम हो जाएगा शुरू. एआई फोटो
हाइलाइट्स
सभी स्थानों पर काम 2025-26 में होना है अवार्डअवार्ड होते ही छह माह में काम हो जाएगा शुरूपहला अरबन रोपवे वाराणसी में तैयार हो चुका हैनई दिल्ली. कामाख्या मंदिर समेत देश के छह मंदिरों के दर्शन आसान होने जा रहा है. भविष्य में यहां पहुंचने में आपको समय नहीं लगेगा. खासबात यह है कि चढ़ाई और पहाड़ों वाले इन स्थलों में बुजुर्ग भी बड़े ही आराम से यहां तक पहुंचे सकेंगे और जरा भी थकान नहीं होगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने श्रद्धालुओं को सुविधा जनक सफर कराने के लिए इन स्थानों पर तक रोपवे शुरू करने का प्लान बनाया है. एनएचएलएमएल ने निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौढ़ ने बताया कि देश में छह स्थानों पर रोपवे निर्माण काम या तो शुरू हो चुका है या काम अवार्ड कर दिया गया है. यानी इन स्थानों पर भी जल्द काम शुरू हो जाएगा. इसमें वाराणसी, उज्जैन, प्रयागराज, ढोली हिल, बिजली महादेव, केदारनाथ शामिल हैं. वाराणसी का रोपवे लगभग तैयार हो चुका है, जल्द ही इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा.
कुल 12 रोपवे का काम हो जाएगा शुरू
इसके अलावा छह और स्थानों पर साल 2025-26 में काम अवार्ड कर दिया जाएगा. काम अवार्ड करने का मतलब है कि छह माह के अंदर काम जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा. इस तरह अगले सात तक देश में 12 स्थानों पर रोपवे का काम शुरू हो जाएगा.
यहां काम होगा अवार्ड
एनएचएलएमएल इस साल जिन छह स्थानों पर काम आवार्ड करने जा रहा है, उनमें हेमकुंड साहिब, कामाख्या देवी, शंकराचार्य मंदिर श्रीनगर, रामटेक गढ़ मंदिर और तवांग रोपवे. ये सभी धार्मिक स्थल हैं.
जहां काम आवार्ड होगा, उन पर नजर
कामाख्या मंदिर में 1.44 किमी लंबे रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. इस दूरी के बीच में दो स्टेशन बनाए जाएंगे. पूरे रोपवे में 8 से 9 टॉवर बनेंगे. इसके बनने के बाद श्रद्धालु नीचे से सीधा कामाख्या मंदिर में पहुंच सकेंगे. उनको मंदिर में दर्शन के लिए बस या टैक्सी की जरूरत नहीं पड़ेगी. रोपवे से कम समय और कम खर्च में मंदिर पहुंचा जा सकेगा
शंकराचार्यमंदिर श्रीनगर
शंकराचार्य मंदिर, श्रीनगर में भी रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. यह मंदिर1100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 244 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं और गर्भ गृह के लिए 30 और सीढ़ियां हैं. रोपवे के निर्माण से श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने पर आवागमन में सुविधा होगी. यह रोपवे 1.05 किमी. लंबा होगा, जिसकी क्षमता रोजाना करीब 14000 श्रद्धालुओं की होगी.
हेमकुंड साहिब रोपवे
इस रोपवे की कुल लंबाई 12.4 किमी. होगी. गोविंदघाट से शुरू होकर हेमकुंड साहिब पहुंचा जा सकेगा. इस दूरी के बीच मं कुल सात स्टेशन बनेंगे. गोविंदघाट से घंघारिया तक मोनो केबल और वहां से हेमकुंड साहिब तक ट्राई के बल से 10 सीटों वाला डंगोला चलेगा. 10.5 किमी. गोविंदघाट से घंगारिया और घंगरिया से हेमकुंड 1.5 किमी. लंबेा होगा रोपवे.
तवांग
तवांग शहर समुद्रतल से 12000 फुट की ऊंचाई पर है. तवांग मोनेस्ट्री को कनेक्ट करने के लिए 5.15 किमी. लंबा रोपवे का निर्माण कराया जा रहा है. यहां पर मोनोकेबल गंडोला तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. रोपवे से 90 मिनट के बजाए 16 मिनट में पर्यटक मोनेस्ट्री पहुंचेंगे. इस रोपवे की क्षमता 10000 यात्रियों को रोजाना ढोने की होगी. इस प्रोजेक्ट के बिड आमंत्रित की गयी है और वित्तीय वर्ष 2024 में इसका काम अवार्ड करने की तैयारी है.
Location :
New Delhi,Delhi