पिनाका के नए अवतार का यूजर ट्रायल पूरा, रेंज 37 km से 75 km के पार

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Last Updated:August 04, 2025, 20:46 IST

PINAKA EXTENDED RANGE: पिछले साल नवंबर में भारत ने गाइडेड एक्सटेंडेड रेंज रॉकेट की पहली सफल फ्लाइट को अंजाम दिया था. डीआरडीओ ने इसका तीन अलग अलग चरण में अलग अलग फ़ायरिंग रेंज में इसका सफल परीक्षण किया था.गाइडेड...और पढ़ें

पिनाका के नए अवतार का यूजर ट्रायल पूरा, रेंज 37 km से 75 km के पारपिनाका रॉकेट का नया अवतार

हाइलाइट्स

पिनाका की रेंज 37 किमी से बढ़कर 75 किमी हुई.सेना ने पिनाका एक्सटेंडेड रेंज का ट्रायल पूरा किया.पिनाका गाइडेड रॉकेट GPS नेविगेशन से लैस है.

PINAKA EXTENDED RANGE: आत्मनिर्भर भारत के तहत भारतीय सेना लगातार अपने रॉकेट की रेंज को बढ़ाने में जुटी है. अब तक भारतीय सेना रूसी मल्टी बैरल रॉकेट लॉंचर ग्रैड और स्मर्च के ज़रिए जंग लड़ने की तैयारी करती थी, लेकिन स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉंचर पिनाका के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद से क्षमताओं में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा हुआ है. अब इसकी मारक क्षमता को बढ़ाते हुए इसका नया अवतार भी आ गया है. पिनाका का एक्सटेंडेड रेंज पिनाका का यूजर ट्रायल यानी सेना में शामिल होने से पहले का अंतिम ट्रायल भी पूरा हो चुका है. अब जल्द ही इसे सेना में शामिल किया जाएगा. भारतीय सेना के पास मौजूदा पिनाका रॉकेट की रेंज 37 किलोमीटर है, जिसे बढ़ाकर 75 किलोमीटर के करीब किया गया है.

गेम चेंजर पिनाका एक्सटेंडेड रेंज
भारतीय सेना के आर्टिलरी में शामिल पिनाका की बात करें तो पिनाका रॉकेट फ्री फ्लाइट है, यानी बस उसे लॉंच किया गया तो वह अपनी रेंज 37 किलोमीटर के हिसाब से जाकर गिरेगा. लेकिन उसकी सटीकता इतनी नहीं थी कि ठीक निशाने पर हिट करे. यह एक एरिया वेपन के तौर पर है. लेकिन जो एक्सटेंडेड रेंज गाइडेड पिनाका है, वह गाइडेड रॉकेट GPS नेविगेशन से लैस है. यानी एक बार टारगेट सेट कर दिया गया तो लॉंच होने के बाद वह उस टार्गेट को सटीक मार करेगा. इसकी सटीक मारक क्षमता की बात करें तो यह टारगेट के 25 मीटर के आसपास हिट कर सकता है, जो कि एक बेहतर रेंज है. इस रॉकेट को पहले से ही प्रोग्राम किया गया होगा और लॉंच करने के बाद जो ट्रैजेक्टरी सेट की गई होगी, वह उसी पर मूव करेगा. अगर किसी वजह से वह अपनी ट्रैजेक्टरी से कहीं भी इधर-उधर होता है तो GPS की मदद से ऑन बोर्ड कंप्यूटर रॉकेट को वापस निर्धारित ट्रैजेक्टरी पर ले जाएगा. यही नहीं, GPS को सपोर्ट करने के लिए इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) लगा है. इससे सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि अगर कोई सैटेलाइट GPS को ब्रीच करके उसे बाधित कर देगा, तो भी INS के जरिए रॉकेट अपने टार्गेट को हिट करेगा. अभी जो पिनाका सेना में शामिल है, उसकी क्षमता की बात करें तो एक साथ पूरी बैटरी दागने पर दुश्मन के 1000 गुना 800 मीटर के इलाक़े को पूरी तरह से तहस-नहस कर सकता है. और अब गाइडेड पिनाका वेपन सिस्टम के आने के बाद तो यह दुश्मन को तहस-नहस कर देगा.

पाक झेल नहीं सका, अब चीन की बारी है
रेंज वेपन के वॉरफेयर का दौर जारी है. भारत अपनी दो पड़ोसी देशों, चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखकर अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है. इसी कड़ी में भारतीय सेना ने अपने लॉंग रेंज मल्टी बैरल रॉकेट की ताकत को स्वदेशी तरीके से बढ़ाना शुरू किया था. अब तक भारत के पास कुल पिनाका की 4 रेजिमेंट थीं. इसकी संख्या को बढ़ाते हुए इसे 10 रेजिमेंट करने का फैसला लिया गया था, यानी 6 अतिरिक्त पिनाका रेजिमेंट को शामिल किया जाना था. लेकिन फिलहाल कोई नई रेजिमेंट स्थापित नहीं की जा रही है. मौजूदा 120 mm मोर्टार लाइट रेजिमेंट को ही पिनाका रेजिमेंट में बदला जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, पिछले साल ही 2 लाइट रेजिमेंट को पिनाका रेजिमेंट में बदल दिया गया है. दो नई रेजिमेंट को इसी साल से बदलना शुरू कर दिया जाएगा. अगले 2 साल में सेना के पास रेजिमेंट की संख्या 10 हो जाएगी. सेना में कुल 25 पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर का प्लान है. पिनाका की एक बैटरी में 6 फायरिंग यूनिट यानी लॉन्चर होते हैं. एक लॉन्चर में 12 ट्यूब होती हैं, यानी एक पूरी बैटरी में कुल मिलाकर 72 रॉकेट होते हैं। सिर्फ 44 सेकंड में ये सारे रॉकेट लॉन्च हो जाते हैं. लॉन्चिंग के तुरंत बाद लॉन्चर अपना लोकेशन बदलते हैं और फिर दोबारा से आर्मड किए जा सकते हैं. पिछले दिनों ही PINAKA मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) के लिए एरिया डिनायल म्यूनिशन (ADM) टाइप-1 (DPICM) और हाई एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैग्मेंटेड (HEPF) Mk-1 (एन्हांस्ड) रॉकेट की खरीद की गई.

First Published :

August 04, 2025, 20:46 IST

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