Last Updated:December 28, 2025, 07:09 IST
Kishtwar Search Operation: सर्दियों का मौसम आने से पहले सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है. आतंकवादियों की घुसपैठ पर नकेल कसने के लिए सुरक्षाबलों की तरफ से भी मुकम्मल रणनीति तैयार की गई है. ड्रोन की भी मदद ली जा रही है.
Kishtwar Search Operation: जैश-ए-मोहम्मद के इनामी कमांडर सैफुल्लाह की मौजूदगी का पता चलने के बाद किश्तवाड़ में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. (फोटो: PTI)Kishtwar Search Operation: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना ने एक बार फिर बड़े और निर्णायक अभियान की शुरुआत की है. पिछले एक सप्ताह से सेना जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के स्थानीय कमांडर सैफुल्लाह, उसके करीबी सहयोगी आदिल और अन्य आतंकियों को पकड़ने या मार गिराने के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन चला रही है. सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकी किश्तवाड़ के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में छिपे हुए हैं. सैफुल्लाह और आदिल दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है.
सेना का यह अभियान किश्तवाड़ जिले के छत्रू सबडीविजन से शुरू हुआ था. शुरुआती चरण में सेना ने गांवों और आसपास के जंगलों में गहन तलाशी अभियान चलाया. इसके बाद सर्च ऑपरेशन को और विस्तृत करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों और संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई. फिलहाल किश्तवाड़ के केशवान इलाके में भी एक अलग ऑपरेशन जारी है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है. इसके साथ ही डोडा जिले के सेओजधार क्षेत्र में भी सेना के जवान लगातार तलाशी ले रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, छत्रू इलाके में यह अभियान पिछले एक सप्ताह से लगातार जारी है, जबकि केशवान में सेना ने आज से नया ऑपरेशन शुरू किया है, जो रविवार 28 दिसंबर 2025 तक जारी रहने की संभावना है. इस पूरे अभियान में सेना के करीब 2000 जवान तैनात हैं, जो अलग-अलग टुकड़ियों में बंटकर जंगलों, पहाड़ियों और घाटियों में आतंकियों की तलाश कर रहे हैं.
दुर्गम इलाके में स्पेशल ऑपरेशन
इस अभियान की एक खास बात यह है कि स्थानीय ग्रामीण भी सेना की मदद के लिए आगे आए हैं. अपने इलाके की भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह परिचित ये ग्रामीण संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी साझा कर रहे हैं और कठिन रास्तों की पहचान में सुरक्षा बलों का सहयोग कर रहे हैं. इससे सेना को आतंकियों के संभावित ठिकानों तक पहुंचने में काफी मदद मिल रही है. किश्तवाड़ के पड्डर उपमंडल में भी सेना का एक अलग अभियान चल रहा है. यह इलाका पहले से ही हिज्बुल मुजाहिदीन के कुख्यात आतंकी कमांडर जाहंगीर सरूरी का गढ़ माना जाता रहा है. उसके साथ दो अन्य स्थानीय आतंकियों (मुदस्सिर और रियाज) की भी तलाश की जा रही है, जिन पर दस-दस लाख रुपये का इनाम घोषित है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी नेटवर्क अब भी सक्रिय हैं और किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में हो सकते हैं.
कड़ाके की ठंड भी बेअसर
सेना ने पूरे क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों को और तेज कर दिया है. यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब कश्मीर घाटी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. 21 दिसंबर से शुरू होने वाला 40 दिनों का ‘चिल्लई कलां’ आमतौर पर आतंकवादी गतिविधियों में अस्थायी कमी लेकर आता है, क्योंकि भारी बर्फबारी से संचार मार्ग बंद हो जाते हैं और पहाड़ी इलाके अलग-थलग पड़ जाते हैं. हालांकि, इस बार सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस सर्दी में सेना ने प्रोएक्टिव विंटर पोस्टर अपनाया है. इसका मतलब है कि ठंड के बावजूद अभियान धीमा नहीं किया गया, बल्कि बर्फ से ढके इलाकों में अस्थायी बेस और निगरानी चौकियां स्थापित की गई हैं. इसका उद्देश्य आतंकियों को किसी भी तरह का सुरक्षित ठिकाना न मिल पाने देना है.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
Location :
Jammu,Jammu and Kashmir
First Published :
December 28, 2025, 07:09 IST

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