Last Updated:December 10, 2025, 21:59 IST
Investment in India : माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला पिछले दिनों जब पीएम मोदी से मिले तो उन्होंने तत्काल बाद ही भारत में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान कर दिया. आखिर भारत ऐसा क्या बड़ा प्लान कर रहा है, जो दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं.
भारत में डाटा लोकलाइजेशन लागू होने के बाद निवेश भी खूब आ रहा है. नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों जब अमेरिकी कंपनियों के साथ मीटिंग की थी तो उन्होंने साफ-साफ कहा था कि वे भारत में अपने निवेश न करें. ट्रंप ने ऐपल के सीईओ टिम कुक से तो यहां तक कह दिया था कि भारत अपना देख लेगा, आपको वहां अपने कारोबार का विस्तार करने की जरूरत नहीं है. इसके बाद कयास लग रहे थे कि अमेरिकी कंपनियां यहां पैसा लगाने से कतरा सकती हैं. लेकिन, पिछले कुछ महीनों से तमाम अमेरिकी कंपनियों ने भारत में निवेश का ऐलान कर दिया है. आखिर ऐसा क्या बड़ा प्लान किया जा रहा है कि अमेरिका की तमाम दिग्गज कंपनियां यहां पैसे लगाना चाहती हैं.
अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने एक दिन पहले जब पीएम मोदी से मुलाकात की थी तो इसके तत्काल बाद उन्होंने भी भारत में निवेश करने का ऐलान कर दिया. सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट ही नहीं, ऐपल, गूगल, अमेजन जैसी कंपनियों ने भी भारत में तगड़े निवेश का ऐलान कर दिया है. यह सभी कंपनियां भारत के टेक इकोसिस्टम का फायदा उठाना चाहती हैं. यही वजह है कि इंटेल जैसी मल्टीनेशनल कंपनी ने भी यहां दांव लगाने की पूरी मंशा बना ली है.
किस कंपनी का कितना अच्छा निवेश
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि उनकी कंपनी भारत में 17.5 अरब डॉलर (करीब 1.57 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करना चाहती है. कंपनी की मंशा देश के क्लाउड और एआई इन्फ्रा में अगले 4 साल में यह निवेश करने की बात कही है. कंपनी ने बताया है कि यह एशिया के किसी भी देश में किया जाने वाला सबसे बड़ा निवेश है. माइक्रोसॉफ्ट के अलावा चिप मेकर कंपनी इंटेल के सीईओ लिप बू टैन ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की और भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को सपोर्ट करने की बात कही है.
अमेजन का भी बड़ा प्लान
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने भी भारतीय बाजार को लेकर बड़ा प्लान बनाया है. कंपनी का मकसद भारत में अपने निवेश को दोगुना करने की है. अमेजन का फोकस एआई, एक्सपोर्ट और जॉब्स के क्षेत्र में 35 अरब डॉलर (करीब 3.15 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करना है. कंपनी की मंशा भारत में करीब 10 लाख नौकरियां पैदा करना है. साथ ही देश के ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को भी 80 अरब डॉलर तक पहुंचाने में योगदान देना है.
गूगल ने खेला हजारों करोड़ का दांव
अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भी भारत में 15 अरब डॉलर (करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये) के निवेश की बात कही है. गूगल ने विशाखापत्तनम में गीगावॉट की क्षमता वाला टाटा सेंटर और एआई हब बनाने की बात कही है. देश में बढ़ते ओपनएआई को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि इस फील्ड में भी आगे मोटा निवेश आ सकता है. भारत के डाटा सेंटर बूम का फायदा सिर्फ टेक कंपनियां ही नहीं उठाना चाहतीं, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर भी आवासीय और कॉमर्शियल सेक्टर के बाद अब डाटा सेंटर बनाने पर आगे बढ़ना चाहते हैं.
सत्या नडेला ने दिया बड़ा संकेत
भारत की डाटा सेंटर क्षमता पर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने कहा कि हम इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि भारत की कैपिसिटी कब सामने आती है. इसके लिए हमारे पास पहले से ही पुणे, चेन्नई और मुंबई में संसाधन हैं. उन्होंने कहा कि हम हैदराबाद में बनने वाले साउथ सेंट्रल क्लाउड रीजन को लेकर काफी उत्साहित हैं. यह रीजन अगले साल तक तैयार हो जाएगा.
क्यों आया भारत में निवेश का बूम
भारतीय बाजार में अमेरिकी टेक कंपनियों का निवेश अपनी मर्जी से नहीं आ रहा है, बल्कि भारत सरकार के एक सख्त नियम का परिणाम है. दरअसल, भारत सरकार ने देश में डाटा लोकलाइजेशन का नियम लागू कर दिया है. इसके तहत भारतीय ग्राहकों का डाटा देश के बाहर नहीं भेजा जा सकता है. यही वजह है कि डाटा के साथ क्लाउड और एआई को भी बढ़ावा मिलना शुरू हो गया है. सबसे ज्यादा जरूरत एआई कंपनियों को है, क्योंकि उन्हें बड़ी मात्रा में डाटा को संरक्षित करना होगा.
लाखों नौकरियां होंगी पैदा
इन डाटा सेंटर के बनने के बाद लाखों की संख्या में नौकरियां पैदा होने की भी संभावना है. इसका असर निर्माण, रिटेल और परिचालन सेक्टर पर भी पड़ेगा. कई निर्माण कंपनियों ने देश में डाटा सेंटर की बिल्डिंग बनाने में अपनी रुचि दिखाई है. विशाखापत्तनम में बन रहा गूगल का एआई और डाटा सेंटर 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा कर सकता है. प्राइसवॉटर हाउसकूपर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डाटा सेंटर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जॉब मार्केट में 6 गुना उछाल आ सकता है.
किस सेक्टर में पैदा होंगी नौकरियां
भारत एआई डाटा सेंटर के विकास से कई सेक्टर में बंपर नौकरियां आएंगी. इसमें इंजीनियर्स, आईटी एक्सपर्ट, निर्माण से जुड़े काम, रिटेल और अन्य औद्योगिक कार्यों के लिए लोगों की जरूरत होगी. भारत ने भी इसकी तैयारियां कर ली हैं. देश में बड़ी संख्या में इंजीनियर्स और आईटी एक्सपर्ट सामने आ रहे हैं, जबकि चिप बनाने के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. आने वाले समय में इससे भी नौकरियों के सृजन का रास्ता खुलेगा.
About the Author
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 10, 2025, 21:59 IST

2 hours ago
