नई दिल्ली. दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई (CBI) के मामले में दाखिल चार्जशीट पर जारी किए गए समन पर राऊज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई के दौरान जैसे ही केस का नंबर आया तो कोर्ट के स्टॉफ ने अरविंद केजरीवाल नाम की आवाज लगाई जिसके बाद वह कोर्टरूम में लगे टीवी पर नजर आए. कोर्ट के समन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बतौर आरोपी राउज ऐवन्यू कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. आपको बता दें कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था.
वहीं दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI के मामले आप नेता दुर्गेश पाठक, अमित अरोड़ा, आशीष माथुर, पी शरद रेड्डी, विनोद चौहान को भी आरोपी के तौर पर पेश हुए. अदालत ने इन आरोपियों को भी समन जारी किया था. कोर्ट ने आरोपियों को डाक्यूमेंट्स देने को कहा है. इस पर सीबीआई ने दलील दी कि नई चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी तुरंत मुहैया करा दी जाएगी, जबकि हॉर्ड कॉपी देने मे तीन से चार दिनों का वक्त लगेगा. कोर्ट ने सीबीआई मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी है. इससे पहले, सीबीआई ने शराब घोटाले से जुड़े करप्शन के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य आरोपियों के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला नहीं सुनाया है, जिसमें उन्होंने सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और भ्रष्टाचार के मामले में जमानत मांगी है.
केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला आना बाकी
आपको बता दें कि 5 सितंबर को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान सिंंघवी ने दलील दी कि सीबीआई ने दो साल तक केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई को रोकने के लिए जल्दबाजी में इंशोरेंस अरेस्ट किया.
सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दी क्या दलीलें
सिंघवी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले संवैधानिक पदाधिकारी केजरीवाल ने जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया. उन्होंने कहा, कि उनके भागने का खतरा नहीं है, वे जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए आएंगे और दो साल बाद लाखों पन्नों के दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते. दूसरी ओर, केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि केजरीवाल की रिहाई से कई गवाह ‘प्रतिकूल’ हो जाएंगे और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत पर रिहा न करने का आग्रह किया.
सीबीआई ने दी थी क्या दलीलें?
एएसजी राजू ने कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव में आप के कई उम्मीदवार केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ही केंद्रीय एजेंसी के समक्ष अपना बयान देने के लिए आगे आए. उन्होंने कहा कि यदि आप केजरीवाल को जमानत पर रिहा करते हैं तो वे (गवाह) प्रतिकूल हो जाएंगे. उन्होंने तर्क दिया कि केजरीवाल की जमानत याचिका को ट्रायल कोर्ट में वापस भेजा जाना चाहिए और उन्हें पहली बार में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर नहीं करनी चाहिए थी.
एएसजी ने कहा कि गिरफ्तारी जांच का एक हिस्सा है और आम तौर पर, एक जांच अधिकारी को गिरफ्तारी करने के लिए अदालत से किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है. उन्होंने कहा कि लेकिन, वर्तमान मामले में, अदालत ने (गिरफ्तारी करने का) अधिकार देने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि जब न्यायालय के आदेश के अनुसार गिरफ्तारी की जाती है, तो आरोपी मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप नहीं लगा सकता.
Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam
FIRST PUBLISHED :
September 11, 2024, 15:54 IST