कौन है ब्रिटेन में बैठा इस्लामिक प्रीचर शम्सुल हुदा,जिस पर ED में केस दर्ज

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Last Updated:December 26, 2025, 11:17 IST

ब्रिटेन में रह रहे शम्सुल हुदा खान पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. उन पर अवैध फंडिंग, मदरसा निर्माण और कट्टरता फैलाने के आरोप हैं. यह मामला अपने आप में खास इसलिए है क्योंकि पहली बार है, जब विदेश में रह रहे किसी धार्मिक उपदेशक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हो.

कौन है ब्रिटेन में बैठा इस्लामिक प्रीचर शम्सुल हुदा,जिस पर ED में केस दर्जईडी ने उत्तर प्रदेश की एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड की एफआईआर और जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया है.

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने ब्रिटेन में रहने वाले मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है. यह मामला अपने आप में खास इसलिए है क्योंकि पहली बार है, जब विदेश में रह रहे किसी धार्मिक उपदेशक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हो. ईडी ने यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश की एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड की एफआईआर और जांच रिपोर्ट के आधार पर की है.

शम्सुल हुदा खान मूल रूप से आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने धार्मिक शिक्षा और मदरसों की मदद के नाम पर विदेश से भारत में अवैध फंडिंग की. जांच में पता चला है कि उन्होंने अपनी एनजीओ और नेटवर्क के जरिए आजमगढ़ और संत कबीर नगर में दो मदरसे बनवाए थे, लेकिन बाद में इनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया.

सूत्रों के अनुसार शम्सुल हुदा खान 2007 में भारत छोड़कर ब्रिटेन चले गए और 2013 में वहां की नागरिकता ले ली. इसके बाद भी वे भारत और पाकिस्तान आते-जाते रहे. एजेंसियों को शक है कि उनके पाकिस्तान के कुछ कट्टरपंथी संगठनों से संबंध हैं. जानकारी के अनुसार वे ब्रिटेन में बैठकर भारत में धार्मिक कट्टरता फैलाने और युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.

अब ईडी उनकी फंडिंग, विदेशी नेटवर्क और संपत्तियों की जांच कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने संदिग्ध स्रोतों से करीब 33 करोड़ रुपये की संपत्ति और 5 करोड़ रुपये नकद जुटाए थे. जांच में यह बात भी सामने आई है कि वे भारत में रहते हुए सरकारी मदरसे में नौकरी और पेंशन के नाम पर पैसा लेते रहे, जबकि वे लंबे समय से विदेश में थे. इस गड़बड़ी में शामिल चार सरकारी अधिकारियों को निलंबित किया गया है.
यह कार्रवाई देश में धर्म के नाम पर हो रही अवैध फंडिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर केंद्र सरकार की सख्ती को दर्शाती है. फिलहाल ईडी और एटीएस मिलकर इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही हैं.

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Sharad Pandeyविशेष संवाददाता

करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्‍यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...और पढ़ें

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New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

December 26, 2025, 11:17 IST

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