Last Updated:August 12, 2025, 12:49 IST
India-US Tariff Dispute News: भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद के बीच पूर्व राजनयिक तरनजीत सिंह संधू क्यों चर्चा में हैं? पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की बैठक में संधू की मौजूदगी भारत की नई रणनीतिक तैयारी को दर्...और पढ़ें

भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद के बीच पूर्व राजनयिक तरनजीत सिंह संधू चर्चा में आ गए हैं. मंगलवार को पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की मीटिंग में तरनजीत सिंह संधू की मौजूदगी के अब मायने तलाशे जा रहे हैं. भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद को लेकर चल रही कूटनीतिक चर्चाओं के बीच इस उच्चस्तरीय बैठक ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू की मौजूदगी क्या इशारा कर रहा है? क्या भारत भी अब अमेरिका के नए टैरिफ नियमों को घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है? यह बैठक भारत-अमेरिका संबंधों के लिए क्या मायने रखती है? आइए जानते हैं कौन हैं तरनजीत सिंह संधू और उनकी किस क्षेत्र में महारथ हासिल है?
तरनजीत सिंह संधू एक अनुभवी पूर्व राजनयिक हैं, जिन्होंने 2020 से 2024 तक अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया. 35 साल के कूटनीतिक करियर में उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. खास तौर पर, 2013-2017 के बीच वाशिंगटन डीसी में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन के रूप में उन्होंने पीएम मोदी की 2014 की ऐतिहासिक अमेरिका यात्रा की नींव रखी और तत्कालीन राजदूत जयशंकर के साथ मिलकर कई कूटनीतिक चुनौतियों का समाधान किया. संधू ने श्रीलंका में भारत के हाई कमिश्नर और जर्मनी में कॉन्सुल जनरल के रूप में भी काम किया है. मार्च 2025 में वे द एशिया ग्रुप में सीनियर एडवाइजर के रूप में शामिल हुए, जहां वे भारत-अमेरिका व्यापार और रक्षा नीतियों पर सलाह दे रहे हैं. उनकी मौजूदगी इस बैठक में उनके अनुभव और अमेरिकी प्रशासन के साथ गहरे संपर्कों को दर्शाती है.
टैरिफ विवाद के बीच अहम बैठक
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागाया है. ट्रंप ने अप्रैल 2025 से भारत सहित कई देशों पर 10% बेसलाइन टैरिफ और 26% कस्टमाइज्ड रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया था, जिसे उन्होंने ‘लिबरेशन डे’ उपाय बताया. भारत, जिसका 2023 में अमेरिका के साथ 190 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार था, इस नीति से प्रभावित हो रहा है. भारत का व्यापार घाटा अमेरिका के पक्ष में 45 बिलियन डॉलर है और ट्रंप ने भारत के टैरिफ ढांचे पर नाराजगी जताई है. जवाब में, भारत ने बोरबॉन व्हिस्की, वाइन और इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैरिफ कम किए, ताकि ट्रंप प्रशासन को सकारात्मक संदेश दिया जाए. लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसे नखाफी माना और भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद 25 प्रतिशत और टैरिफ रूस से तेल खरीदने के कारण लगा दिया.
इस बैठक के क्या हैं मायने
मंगलवार को संधू की मौजूदगी से संकेत मिलता है कि भारत अमेरिका के साथ रणनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर गहन चर्चा की तैयारी में है. बैठक का समय महत्वपूर्ण है. संधू की विशेषज्ञता, खासकर उनकी अमेरिकी नीति निर्माताओं के साथ नेटवर्किंग, भारत को टैरिफ विवाद में बेहतर स्थिति में ला सकती है. संधू की मौजूदगी और इस बैठक का समय भारत की रणनीतिक तैयारी को दर्शाता है. भारत न केवल टैरिफ विवाद को संबोधित करने की कोशिश कर रहा है, बल्कि रक्षा, प्रौद्योगिकी और व्यापार जैसे क्षेत्रों में अमेरिका के साथ गहरे संबंध बनाने पर जोर दे रहा है. यह बैठक भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने का संकेत हो सकती है, जिसमें संधू जैसे अनुभवी राजनयिक की भूमिका अहम होगी.
तरनजीत सिंह संधू कौन हैं?
मौजूदा समय में तरनजीत सिंह संधू अमेरिकी मामलों के सबसे अनुभवी भारतीय राजनयिकों में से एक हैं, जिन्होंने वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय मिशन में दो बार सेवा की है. वे जुलाई 2013 से जनवरी 2017 तक वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में मिशन उप-प्रमुख रहे. इससे पहले, वे 1997 से 2000 तक वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (राजनीतिक) के पद पर कार्यरत थे और संयुक्त राज्य अमेरिका की कांग्रेस के साथ संपर्क के लिए ज़िम्मेदार थे. वे जुलाई 2005 से फरवरी 2009 तक न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में भी रहे हैं.
संधू जनवरी 2017 से जनवरी 2020 तक श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त थे. उन्होंने इससे पहले दिसंबर 2000 से सितंबर 2004 तक कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग में राजनीतिक विंग के प्रमुख के रूप में भी कार्य किया था. संधू सितंबर 2011 से जुलाई 2013 तक फ्रैंकफर्ट में भारत के महावाणिज्यदूत रहे. पूर्व राजदूत संधू ने लॉरेंस स्कूल, सनावर से शिक्षा प्राप्त की और सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से इतिहास में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. संधू का विवाह रीनत संधू से हुआ है, जो भारतीय विदेश सेवा में एक वरिष्ठ अधिकारी हैं और वर्तमान में नीदरलैंड में भारत की राजदूत हैं.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
August 12, 2025, 12:49 IST