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क्या आपके पास है LMV लाइसेंस? अब चला सकेंगे 7,500 KG तक के वाहन, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
पेश मामले में जुलाई 2023 से सात दिनों तक बेंच ने सुरक्षा और आजीविका पर दलीलों सहित दलीलें सुनीं थी. इस मुद्दे को मार्च 2022 में तीन जजों की बेंच ने संविधान पीठ को भेजा था. तब यह पाया गया था कि मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड केस में कोर्ट के 2017 के फैसले में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के कुछ प्रावधानों पर ध्यान नहीं दिया था जबकि यह माना गया था कि 7500 किलो से कम वजन वाला ट्रांसपोर्ट वाहन एलएमवी होगा. हालांकि यह मामला पहले सुरक्षा और रेगुलेटरी मुद्दों पर केंद्रित था. बाद में इसमें उन हजारों वर्कर्स की आजीविका को ध्यान में रखा गया, जो परिवहन उद्देश्यों के लिए एलएमवी चलाते हैं.
मुकुंद देवांगन मामले में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच को यह तय करने के लिए कहा गया था कि क्या एमवीए की धारा 10(2)(डी) के तहत चलाने के लिए लाइसेंस रखने वाले व्यक्ति को परिवहन वाहन (एमवीए की धारा 10(2)(ई) के तहत) चलाने के लिए अलग लाइसेंस की आवश्यकता होगी, जो उस पर कोई सामान लोड होने से पहले 7500 किलोग्राम से कम था. तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि “एक परिवहन वाहन और ओमनीबस, जिनमें से किसी का भार 7500 किलोग्राम से अधिक नहीं है, एक हल्का मोटर वाहन होगा.” मार्च 2022 में, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस बनाम रंभा देवी मामले में, कई बीमा कंपनियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसमें कहा गया कि मुकुंद देवांगन ने एलएमवी लाइसेंस धारकों को परिवहन वाहन चलाने की अनुमति देकर गलत किया.
FIRST PUBLISHED :
November 6, 2024, 11:48 IST