क्या NEET में पास होने भर से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा? समझिए हर नियम

22 hours ago

नई दिल्ली (NEET UG Result 2025). नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के नीट यूजी 2025 शेड्यूल के अनुसार, नीट यूजी रिजल्ट 14 जून 2025 तक neet.nta.nic.in पर जारी कर दिया जाएगा. नीट यूजी रिजल्ट 2025 जारी होने से पहले मेडिकल कॉलेज में एडमिशन से जुड़े सभी नियमों की जानकारी होना जरूरी है. कई स्टूडेंट्स को लगता है कि नीट यूजी परीक्षा में पास होने भर से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है, जोकि गलत है. इसके बाद भी कई शर्तें पूरी करना अनिवार्य है.

एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएसएमएस और बीएचएमएस जैसे मेडिकल और डेंटल कोर्सेस में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट यूजी पास करना जरूरी है. नीट यूजी 2025 में पास होना मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की पहली शर्त है, लेकिन केवल पास होने से डायरेक्ट एडमिशन की गारंटी नहीं मिलती है. मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए कई अन्य नियमों और प्रक्रियाओं का पालन भी करना होता है.

नीट यूजी में पास होने का क्या मतलब है?

नीट यूजी 2025 में पास होने के लिए उम्मीदवारों को न्यूनतम क्वॉलिफाइंग पर्सेंटाइल हासिल करने होंगे. इनका निर्धारण एनटीए करता है. 2025 के लिए कट-ऑफ पर्सेंटाइल इस प्रकार हो सकती है:

सामान्य वर्ग (UR): 50वां पर्सेंटाइल
ओबीसी/एससी/एसटी: 40वां पर्सेंटाइल
सामान्य-दिव्यांग (UR-PwD): 45वां पर्सेंटाइल
ओबीसी/एससी/एसटी-दिव्यांग: 40वां पर्सेंटाइल

2024 में सामान्य वर्ग के लिए कट-ऑफ अंक 720 में से 162 थे. 2025 में परीक्षा की कठिनाई और उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर कटऑफ बदल सकती है. नीट यूजी 2025 में पास होने का मतलब है कि उम्मीदवार काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र है, लेकिन कॉलेज में सीट पाने के लिए उच्च रैंक और कट-ऑफ अंक को प्राथमिकता दी जाएगी.

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मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कैसे मिलेगा?

रैंक और मेरिट लिस्ट: नीट यूजी में प्राप्त अंक और ऑल इंडिया रैंक (AIR) के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए उच्च रैंक (जैसे, 1000 के अंदर) की जरूरत होती है, जबकि निजी कॉलेजों में अपेक्षाकृत कम रैंक भी स्वीकार्य हो सकती है. टाई ब्रेकिंग के लिए NTA के नियम (जैसे, जीव विज्ञान में उच्च अंक, कम गलत उत्तर, अधिक आयु) लागू होते हैं.

नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया: नीट यूजी पास करने के बाद काउंसलिंग के जरिए एडमिशन होता है, जो 2 स्तरों पर आयोजित होती है:

ऑल इंडिया कोटा (AIQ): मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) 15% AIQ सीटों के लिए काउंसलिंग आयोजित करती है. इसमें सरकारी और डीम्ड यूनिवर्सिटी की सीटें शामिल हैं. उम्मीदवारों को mcc.nic.in पर रजिस्टर करना होता है और चॉइस फिलिंग के बाद रैंक के आधार पर सीट आवंटित होती है.

राज्य कोटा: 85% सीटों के लिए राज्य-स्तरीय काउंसलिंग संबंधित राज्य की काउंसलिंग अथॉरिटी द्वारा आयोजित होती है. हर राज्य के अपने नियम, कट-ऑफ और डोमिसाइल संबंधित नियम होते हैं. उदाहरण- हरियाणा में उम्मीदवार के लिए राज्य का निवासी होना अनिवार्य है.

पात्रता मानदंड: नीट यूजी में पास होने के साथ ही उम्मीदवार को नीचे बताई गई कुछ शर्तें भी पूरी करनी होंगी:

12वीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान/बायोटेक्नोलॉजी में न्यूनतम 50% अंक (OBC/SC/ST के लिए 40%).

न्यूनतम आयु 17 वर्ष (31 दिसंबर 2025 तक).

कुछ कॉलेजों में अतिरिक्त मानदंड- जैसे डोमिसाइल या विशेष आरक्षण लागू हो सकते हैं.

सीटों का प्रकार और शुल्क: एडमिशन सरकारी, निजी, डीम्ड या मैनेजमेंट कोटा सीटों पर मिल सकता है. सरकारी कॉलेजों में फीस कम (लगभग ₹10,000-₹50,000 प्रति वर्ष) होती है, जबकि निजी कॉलेजों में यह ₹10-25 लाख प्रति वर्ष हो सकती है. मैनेजमेंट या NRI कोटे की फीस और ज्यादा होती है.

नीट यूजी काउंसलिंग और सीट आवंटन

नीट यूजी काउंसलिंग कई राउंड में होती है, जिसमें उम्मीदवार अपनी रैंक के आधार पर कॉलेज और कोर्स चुनते हैं. अगर पहले राउंड में सीट आवंटित नहीं होती है तो अगले राउंड या मॉप-अप राउंड में भाग ले सकते हैं. सीट स्वीकार करने के बाद उम्मीदवार को कॉलेज में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फीस जमा करनी होती है. अगर उम्मीदवार सीट छोड़ता है तो उसे पेनल्टी (जैसे, ₹1-5 लाख) देनी पड़ सकती है.

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