क्या PK के ट्रैप में फंस गए तेजस्वी यादव, भ्रष्टाचार को क्यों बनाया हथियार?

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Last Updated:September 28, 2025, 16:22 IST

Bihar Chunav: बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव ने भी पीके की तरह भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया. क्या पीके के नैरेटिव को अपनाकर तेजस्वी यादव बड़ा खेल करेंगे या जन सुराज के जाल में फंस जाएंगे?

क्या PK के ट्रैप में फंस गए तेजस्वी यादव, भ्रष्टाचार को क्यों बनाया हथियार?तेजस्वी यादव भी क्यों चल पड़े पीके की राह पर?

पटना. बिहार चुनाव में भ्रष्टाचार कितना बड़ा मुद्दा बनने वाला है, यह बात रविवार को तेजस्वी यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस से स्पष्ट हो गई. रविवार की सुबह तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिससे पत्रकारों को लगा कि तेजस्वी यादव कुछ बड़ा करने वाले हैं. लेकिन बातें वही थीं, बस नेता बदल गया था. पीके जो बातें अपने चुनावी भाषण और सभा में कहते हैं, वही बातें अब तेजस्वी यादव भी जनता के बीच करेंगे. दरअसल, तेजस्वी को भी बिहार चुनाव में जनता का मिजाज समझ में आ गया है. पीके ने जनता की नब्ज पकड़कर नेता, अफसर और मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई सबूत जुटाए हैं. इसी तरह तेजस्वी यादव ने भी रविवार को ऐलान किया कि उनके पास भी भ्रष्ट अफसरों और नेताओं की एक लिस्ट है, जिसका वह जल्द ही खुलासा करेंगे.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार में ऐसा कोई विभाग नहीं है जहां पर भ्रष्टाचार नहीं है. उन्होंने कहा, ‘बिहार की जनता भ्रष्ट अधिकारियों से त्रस्त है. डीके गिरोह के छत्रछाया में ये अधिकारी काम कर रहे हैं. इन्हीं अधिकारियों ने पिछली बार महागठबंधन को सत्ता में आने से रोका था. लेकिन इस बार जनता सतर्क और सचेत है. महागठबंधन की सरकार बनने पर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं. इंजीनियर के यहां करोड़ों रुपये मिल रहे हैं और कार्रवाई नहीं हो रही है. अधिकारी अपने बेटे-बेटियों के नाम पर विदेश में निवेश कर रहे हैं. सबकी सूची मेरे पास है और आने वाले दिनों में खुलासा किया जाएगा. पीएम मोदी ने एक सभा में बिहार में 31 घोटाले गिनाए थे. अब उनकी सरकार है तो क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है?’

तेजस्वी यादव बिहार चुनाव से पहले एक बार फिर यात्रा पर निकले हैं.

पीके के धुन पर क्यों नाचने लगे तेजस्वी यादव?

बिहार चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा इस बार सबसे बड़े विवाद और रणनीति का केंद्र बन गया है. प्रशांत किशोर यानी पीके के भ्रष्टाचार पर उठाए गए सवालों के बाद अब तेजस्वी यादव ने इसे अपना सबसे बड़ा ‘हथियार’ बना लिया है, जबकि तेजस्वी यादव खुद भ्रष्टाचार के कई आरोपों और मुकदमों का सामना कर रहे हैं. क्या तेजस्वी पीके के जाल में फंस गए हैं? क्या आरजेडी को अपना वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है?  या फिर नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ तेजस्वी भी पीके के तर्ज पर एक नया राजनीतिक नैरेटिव भी सेट कर रहे हैं?

बिहार चुनाव में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बनेगा?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पीके ने अपनी जमीन तैयार करने के लिए भ्रष्टाचार और व्यवस्थागत कमजोरी को मुख्य आधार बनाया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरजेडी के जंगलराज की तुलना में नीतीश सरकार का सुशासन केवल एक भ्रम है और सरकारी योजनाओं से लेकर छोटी नौकरियों तक में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है. पीके के इस नैरेटिव को अब तेजस्वी यादव ने पकड़ा है और वह इसे मुख्यधारा की राजनीति में खींच लाए हैं.

बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर और सम्राट चौधरी में जंग?

तेजस्वी यादव का अतीत क्या पीछा छोड़ पाएगा?

तेजस्वी यादव का यह कदम आरजेडी की रणनीति में एक बड़ा बदलाव दिखाता है. पारंपरिक रूप से जातीय समीकरणों पर आधारित राजनीति करने वाली आरजेडी अब सीधे-सीधे एंटी इनकम्बेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर और शासन के मुद्दों को उठा रही है. तेजस्वी अपने भाषणों में सरकारी भर्तियों में धांधली, घोटाले और विकास कार्यों में कमीशनखोरी जैसे मामलों को उठाकर जनता के बीच एक संदेश देना चाहते हैं कि वर्तमान सरकार बदलाव के लायक नहीं है.

हालांकि, तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लिए इस मुद्दे पर खुलकर हमला करना दोधारी तलवार साबित हो सकता है. तेजस्वी यादव खुद लैंड फॉर जॉब (नौकरी के बदले जमीन) घोटाले सहित कई भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में नामजद हैं, जिनमें केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई और ईडी कार्रवाई कर रही हैं. उनके पिता लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजा काट चुके हैं. तेजस्वी और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार से संबंधित कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

September 28, 2025, 16:22 IST

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