Tulsi Gabbard: अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की निदेशक तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं, जहां वे 18 मार्च को रायसीना डायलॉग में शिरकत करेंगी. लेकिन इससे पहले राजधानी दिल्ली केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड से मुलाकात की. इस द्विपक्षीय चर्चा में दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई. खासतौर पर रक्षा और सूचना साझा करने के क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. साथ ही, भारत ने खालिस्तानी चरमपंथियों के देश विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया.
सूत्रों ने बताया, 'भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की और अमेरिकी प्रशासन से गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा.' सोमवार को हुई इस बैठक में राजनाथ सिंह ने अमेरिका में एक्टिव ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) संगठन पर चिंता जताई, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है. उन्होंने अमेरिका से इस अवैध संगठन पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया.
बैठक में भारत-अमेरिका रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने कहा, 'नई दिल्ली में अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड से मिलकर खुशी हुई. हमने रक्षा और सूचना साझेदारी सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों को और गहरा किया जा सके.'
यह बैठक अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का हिस्सा थी. इससे पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी गबार्ड से मुलाकात की थी, जिसमें खुफिया साझेदारी और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई.
सिख फॉर जस्टिस (SFJ) क्या है?
सिख फॉर जस्टिस (SFJ) एक अमेरिकी संगठन है, जो भारत से अलग 'खालिस्तान' नामक एक स्वतंत्र सिख राष्ट्र की मांग करता है. यह संगठन 2007 में गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा स्थापित किया गया था. SFJ मुख्य रूप से कानूनी गतिविधियों, लॉबिंग और जनमत संग्रह आयोजित करने के माध्यम से अपने अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देता है.
भारत में बैन
भारत सरकार ने SFJ को 2019 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित कर दिया. भारत ने इस संगठन को आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला संगठन करार दिया है.
खालिस्तान आंदोलन और SFJ की भूमिका
SFJ 1980 के दशक में पंजाब में हुए खालिस्तान आंदोलन को फिर से जीवित करने की कोशिश कर रहा है. यह संगठन विदेशी ताकतों, खासकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) से समर्थन प्राप्त कर भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता है.
भारत सरकार की कार्रवाई
भारत ने SFJ की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कूटनीतिक और कानूनी कदम उठाए हैं. इससे पहले भी अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों से इस समूह के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है, खासकर इसके नेता और नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ, जिस पर भारत में कई मामले दर्ज हैं. भारत सरकार ने SFJ की वेबसाइट भी ब्लॉक कर दी है, प्रमुख सदस्यों की संपत्ति जब्त कर ली है और इसके भारत विरोधी अभियानों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.