क्या होती है मर्लिन मछली, आंध्र के मछुआरे को खींच ले गई, एक हफ्ते से लापता

9 hours ago

आंध्र प्रदेश के मछुआरे येरया ने समुद्र में जाल फेंका. इसमें एक ऐसी मछली फंसी, जिसे ब्लैक मर्लिन के नाम से जानते हैं. ये सबसे भयंकर शिकारी मछली प्रजातियों में एक है. जैसे ही ये मछली जाल में फंसी, दूसरे मछुआरे घबरा गए. क्योंकि ये मछली ना केवल जाल काट देती है बल्कि खतरनाक तो है ही. लेकिन युवा मछुआरा येरैया को पक्का किया कि वो इसे जरूर पकड़ेगा. जैसे ही उसने इसको ऊपर खींचा. इस मछली ने उसे ही ताकत लगाकर पानी में खींच लिया. इसके बाद वो समुद्र में कहां गई, किसी को नहीं पता.उसके साथ हफ्ते भर से येरया मछुआरा भी लापता है.

इस मछली की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है, ये सबसे तेज गति से शिकार करने वाली मछली मानी जाती है. जो मछली येरया के जाल में फंसी, वो बहुत बड़ी थी, वजन करीब 200 किलो. मछुआरा टोली ने सुझाव दिया कि वे जाल काट दे, येरया ने ज़िद की कि वो मछली को खींच लेगा, “आखिरकार, वह सात साल की उम्र से मछली पकड़ रहा है. वह एक बड़ा और ताकतवर आदमी था, इसलिए मछलियों से लड़ता रहता था.

येरया ने अपनी ओर से जोर लगाया तो मर्लिन ने अपनी ओर से. लेकिन जैसे ही येरया के पैर जाल में फंसे और वो कुछ असंतुलित हुआ. बस मर्लिन ने नाव से नीचे खींचा और फिर फर्राटा भरते हुए समुद्र में गायब हो गई. मछुआरों ने उसको खोजने की कोशिश लेकिन नहीं ढूंढ पाए. अब येराया को गायब हुए 7 दिन हो चुके हैं.

कभी कभी ये जाल में फंस भी जाती हैं

आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट पर मार्लिन के हमले असामान्य नहीं है. 80-200 किलोग्राम वजन वाली ये मछलियां कभी-कभी मछुआरों के जाल में फंस जाती हैं लेकिन उन्हें पकड़ना बहुत खतरा भरा ही माना जाता रहा है. वैसे अगर मर्लिन मछली को सही तरीके से पकड़ा जाए तो वह मछुआरों के लिए बोनस है क्योंकि ये मांसल मछली 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकती है.

लंबी और तलवार जैसी होती है इसकी थूथन

ये मछली अपनी लंबी, तलवार जैसी थूथन (जिसे “बिल” कहा जाता है) और तेज गति के कारण मछुआरों और नाविकों के बीच प्रसिद्ध है. मर्लिन को अक्सर खेल मछली माना जाता है. इसे पकड़ना एक चुनौतीपूर्ण काम है. कुछ लोककथाओं और मछुआरों की कहानियों में इसे “नाविकों को खींचने वाली मछली” के रूप में भी जाना जाता है.

मर्लिन मछली क्या है?

मर्लिन एक बड़ी शिकारी मछली है जो इस्टीफोराइड (Istiophoridae) परिवार से संबंधित है. इस परिवार में कई प्रजातियां शामिल हैं, जैसे ब्लैक मर्लिन (Istiompax indica), ब्लू मर्लिन (Makaira nigricans), व्हाइट मर्लिन (Kajikia albida) और स्ट्राइप्ड मर्लिन (Kajikia audax). इनमें से ब्लू मर्लिन और ब्लैक मर्लिन भारत के समुद्री क्षेत्रों में अधिक आम हैं.

 वजन 900 किलो तक, लंबाई 5 मीटर

मर्लिन मछलियाँ आकार में बहुत बड़ी हो सकती हैं. इनका वजन 900 किलोग्राम तक हो सकता है. लंबाई 5 मीटर तक. इनका शरीर लंबा, पतला और मांसपेशियों से भरा होता है, जो इन्हें तेज तैराक बनाता है. मर्लिन की सबसे बड़ी विशिष्ट विशेषता इसका नुकीला, तलवार जैसा थूथन है, जिसे यह शिकार को घायल करने या नियंत्रित करने के लिए उपयोग करती है. कई बार जाल भी इसी थूथन से जाल भी काट देती है.

मर्लिन का शरीर नीले, काले या चांदी जैसे रंगों का होता है. इसका पीठ से लगे पंख बड़े और आकर्षक होते हैं, ये पंख मछली को तेजी से तैरने में मदद करता है.

स्पीड 110 किमी प्रति घंटा

मर्लिन दुनिया की सबसे तेज़ मछलियों में एक है, जो 110 किमी/घंटा तक की गति से तैर सकती है. इस गति के कारण इसे पकड़ना मुश्किल होता है. ये शिकारी मछली है जो छोटी मछलियों, जैसे टूना, मैकेरल, और स्क्विड को खाती है. यह खुले समुद्र में रहती है. अक्सर गहरे पानी में पाई जाती है.

नाविकों को खींचने वाली मछली

मछुआरों और नाविकों की कहानियों में मर्लिन को “नाविकों को खींचने वाली मछली” कहा जाता है. जब मर्लिन मछुआरों के जाल या मछली पकड़ने की रस्सी में फंसती है, तो यह अपनी पूरी ताकत से विरोध करती है. इसकी ताकत इतनी अधिक होती है कि यह छोटी नावों को खींच सकती है या मछुआरों को पानी में खींचने का कोशिश करती है.

भारत के पास के समुद्रों में मर्लिन की उपलब्धता

भारत का अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर मर्लिन मछली के लिए एक उपयुक्त निवास स्थान प्रदान करते हैं. मर्लिन एक पेलैजिक मछली है, जो गहरे और खुले समुद्र में रहती है.

मर्लिन मछली कितनी खतरनाक है?

मर्लिन मछली बहुत शक्तिशाली होती है. जब इसे पकड़ने की कोशिश की जाती है, तो यह उछल-कूद करती है. तेजी से भागने की कोशिश करती है. इस दौरान मछुआरे घायल हो सकते हैं, खासकर अगर मछली का थूथन अगर नाव या मछुआरे को लगे.

मर्लिन का नुकीला थूथन एक हथियार की तरह काम करता है. अगर यह किसी नाविक या मछुआरे को लगे, तो गंभीर चोट लग सकती है. कुछ मामलों में, मर्लिन के थूथन से नावों को भी नुकसान पहुंचा है.

मर्लिन को पकड़ना जोखिम भरा काम है. इसकी ताकत और गति के कारण मछुआरे अपनी नाव से गिर सकते हैं या रस्सी में उलझ सकते हैं। कुछ मामलों में मर्लिन ने मछुआरों को पानी में खींच लिया है, जिससे डूबने का खतरा बढ़ जाता है.

कितनी खाने लायक

मर्लिन मछली खाने योग्य है, लेकिन इसमें पारा की मात्रा अधिक हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए.

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