Last Updated:March 17, 2025, 16:08 IST
Rajnath Singh Meeting With Tulsi Gabbard: भारत ने विदेशी धरती से संचालित हो रही भारत विरोधी तत्वों, जिसमें खालिस्तान समर्थक समूह भी शामिल हैं, पर चिंता जताई है. यह कदम कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर पर हमले के...और पढ़ें

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की. (फोटो X/Rajnath Singh)
हाइलाइट्स
राजनाथ सिंह ने खालिस्तानी समूहों पर चिंता जताई.अमेरिका में खालिस्तानी समूहों पर कड़ी कार्रवाई की मांग.भारत-अमेरिका ने रक्षा और खुफिया साझेदारी पर जोर दिया.Rajnath Singh Meeting With Tulsi Gabbard: दुनिया भर में खालिस्तानी भारक के खिलाफ जहर बोते रहते हैं. कनाडा से लेकर ब्रिटेन तक में भारतीयों पर हमला करते हैं और भारतीय संस्थानों पर अटैक करते हैं. लेकिन अब भारत ने भी खालिस्तानियों को सबक सिखाने का फैसला कर लिया है. भारत ने अमेरिका में संचालित खालिस्तानी समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) की गतिविधियों पर चिंता जताई है. यह चिंता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बीच सोमवार को हुई बैठक के दौरान व्यक्त की गई.
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी प्रशासन से इस समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया. रक्षा मंत्री और गबार्ड की बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना था. इसमें रक्षा और खुफिया साझेदारी पर जोर दिया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने जोर दिया कि रणनीतिक सुरक्षा दोनों देशों के व्यापक वैश्विक रणनीतिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है.
बहुत से मुद्दों पर दोनों के बीच हुई बात
आधिकारिक बयान में कहा गया, “राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने सैन्य अभ्यास, रणनीतिक सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में सूचना-साझाकरण सहयोग के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की. दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक रक्षा नवाचार और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसरों का पता लगाया, जो उनके साझा रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इसके अलावा उन्होंने अंतर-संचालन को बढ़ाने और रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की.”
डोभाल के साथ भी हई थी बैठक
गबार्ड की भारत यात्रा ट्रंप प्रशासन के किसी अधिकारी की पहली उच्च-स्तरीय यात्रा है. राजनाथ सिंह के साथ उनकी चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ रविवार को हुई बैठक के बाद हुई, इसमें खुफिया साझाकरण और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई.
गबार्ड ने भारत द्वारा आयोजित वैश्विक खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में भी भाग लिया. इसमें अमेरिका, कनाडा और यूके के प्रतिनिधि शामिल थे. बंद दरवाजों के पीछे हुई चर्चाओं में खुफिया साझाकरण, आतंकवाद विरोधी प्रयास, उभरती प्रौद्योगिकी खतरों और इंडो-पैसिफिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया.
भारत ने खालिस्तानियों पर जताई चिंता
भारतीय पक्ष ने विदेशी धरती से संचालित हो रही भारत विरोधी तत्वों, जिसमें खालिस्तान समर्थक समूह भी शामिल हैं, पर चिंता जताई. सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व संघर्ष जैसे वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा हुई. गबार्ड की बहु-देशीय यात्रा में जापान, थाईलैंड और फ्रांस भी शामिल हैं.
अमेरिका में भी खालिस्तानी हिंदू मंदिरों पर कर रहे हैं हमला
गौरतलब है कि 9 मार्च को कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों द्वारा “भारत विरोधी” ग्रैफिटी के साथ हमला किया गया. इससे भारत ने कड़ी निंदा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इस तरह के कृत्यों को “घृणित” करार देते हुए कहा कि स्थानीय अधिकारियों को पूजा स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. यह घटना न्यूयॉर्क के बीएपीएस मंदिर में हुई एक समान घटना के दस दिन बाद हुई. पिछले साल भी हिंदू मंदिरों में इसी तरह की घटनाएं हुई थीं.
भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) अमेरिका और अन्य देशों में भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ “निराधार” मामले दर्ज कराकर भारत विरोधी प्रचार कर रहा है. भारत ने SFJ पर “राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों” में शामिल होने का आरोप लगाया है. भारतीय सरकार ने कनाडा और अमेरिका में पन्नून और अन्य खालिस्तान समर्थक नेताओं की गतिविधियों पर लगातार चिंता जताई है, जिसमें भारतीय राजनयिकों और राजनयिक मिशनों के खिलाफ हिंसा भड़काने में उनकी संलिप्तता भी शामिल है.
First Published :
March 17, 2025, 16:08 IST