गेडेन शेडुप चोइकोरलिंग में LG मनोज सिन्हा ने टेका मत्था, क्या है मठ का ऐतिहासिक महत्व?

2 hours ago

LG Manoj Sinha: दुनियाभर में कई धार्मिक स्थल हैं जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं. इनकी धार्मिक मान्यता की वजह से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए जाते हैं. बौद्ध धर्म में भी ऐसे कई मठ हैं जो प्रसिद्ध हैं. आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को रूस के कलमीकिया स्थित एलिस्टा स्थित बौद्ध मठ में मत्था टेका, इसे गेडेन शेडुप चोइकोरलिंग मठ के नाम से भी जाना जाता है. इस मठ का इतिहास काफी ज्यादा दिलचस्प और ऐतिहासिक है. आइए जानते हैं इसके बारे में. 

उपराज्यपाल ने किया पोस्ट
उपराज्यपाल कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, भारत से लाए गए और एलिस्टा के मुख्य बौद्ध मठ, जिसे गेडेन शेडुप चोइकोरलिंग मठ के नाम से जाना जाता है में स्थापित भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को नमन किया. मैं भगवान बुद्ध से प्रार्थना करता हूं कि वे हम सभी को आशीर्वाद दें और लोगों के बीच आध्यात्मिक बंधन को मजबूत करें.बता दें कि मनोज सिन्हा रूस के कलमीकिया की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं. उपराज्यपाल एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जिसे एक सप्ताह की प्रदर्शनी के बाद भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को वापस लाने का काम सौंपा गया है.

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— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) October 18, 2025

कहां पहुंचे उपराज्यपाल?
कल्मीकिया की राजधानी एलिस्टा पहुंचने पर, उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि वह पवित्र अवशेषों के प्रति सम्मान प्रकट करने और कलमीकिया गणराज्य के प्रमुख और कलमीकिया के बौद्धों के प्रमुख बटू सर्गेयेविच खासिकोव, साथ ही शाजिन लामा, आदरणीय भिक्षुओं और स्थानीय लोगों से बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं. 

कश्मीर ऐतिहासिक मठ
कश्मीर अपने बौद्ध ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध रहा है, जिनमें हरवन बौद्ध स्थल भी शामिल है, जहां चौथा बौद्ध सम्मेलन आयोजित किया गया था.कश्मीर में कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल हैं, जिनमें हरवन और उशकुर जैसे प्राचीन खंडहर शामिल हैं, जो शिक्षा के केंद्र थे और बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण थे और ऐतिहासिक मठ जैसे अलची मठ और शंकराचार्य मंदिर, जिनका बौद्ध धर्म से ऐतिहासिक संबंध है. अन्य स्थलों में अखनूर के पास अंबरन बौद्ध खंडहर और प्राचीन परिहासपुर मठ शामिल हैं. श्रीनगर में हरवन एक प्राचीन स्थल है जहां कुषाण काल ​​के दौरान चौथी बौद्ध संगीति आयोजित की गई थी और एक मठ मौजूद था.

क्या है मठ का इतिहास
जिस मठ में आज उपराज्यपाल मे मत्था टेका वो काफी ज्यादा ऐतिहासिक मठ है. बता दें कि रूस के कलमीकिया गणराज्य में स्थित इस मठ को 5 अक्टूबर, 1996 को खोला गया था, इस मठ के उद्घाटन में 30,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे. 1920 के बाद कलमीकिया में बनाया गया पहला तिब्बती बौद्ध मठ था. यह मठ अब "शाक्यमुनि बुद्ध का स्वर्ण निवास" के रूप में भी जाना जाता है और यह क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण तिब्बती बौद्ध केंद्र है. यह मठ सोवियत काल के दौरान धार्मिक दमन का शिकार हुआ था. (आईएएनएस)

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