Last Updated:December 08, 2025, 16:24 IST
सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल चुनावों में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण अनिवार्य कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. CJI सूर्यकांत की बेंच ने स्पष्ट किया कि यह लाभ केवल सक्रिय रूप से प्रैक्टिस करने वाली महिला अधिवक्ताओं को मिलेगा. जिन काउंसिलों की चुनाव अधिसूचना जारी नहीं हुई है, वहां यह नियम लागू होगा. इस साल 20% सीटें चुनाव से और 10% सीटें सह-चयन से भरी जाएंगी. छह काउंसिलों को प्रक्रिया शुरू होने के कारण फिलहाल छूट दी गई है.
सीजेआई सूर्यकांत ने बड़ा फैसला लिया.नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के बार काउंसिल चुनावों को लेकर एक ऐतिहासिक निर्देश जारी किया है. CJI सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट कर किया कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. यह फैसला महिला अधिवक्ताओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए लिया गया है. यह फैसला कानूनी पेशे में लैंगिक समानता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
केवल सक्रिय अधिवक्ताओं को लाभ
सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने कहा कि जो महिलाएं घर पर बैठी हैं उन्हें यह लाभ नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो लोग पेशे का चेहरा नहीं हैं उन्हें इसमें शामिल नहीं करना चाहिए. केवल सक्रिय रूप से प्रैक्टिस करने वाली महिला अधिवक्ताओं को ही इस आरक्षण का लाभ मिलेगा. वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि कुछ बार काउंसिलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है. यह राहत उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में लागू करनी पड़ सकती है. उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण भी दिया, जहां संख्या अधिक है पर सक्रिय प्रैक्टिस कम है.
सुप्रीम कोर्ट के अहम निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिन राज्य बार काउंसिलों के चुनाव की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है उनमें यह 30% आरक्षण लागू करना अनिवार्य होगा. कोर्ट ने इस साल के चुनावों के लिए एक खास फार्मूला भी तय किया है. इसके तहत 20% सीटें महिला सदस्यों के चुनाव द्वारा भरी जाएंगी. वहीं, शेष 10% सीटें सह-चयन (co-option) द्वारा भरी जाएंगी. इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट ने उन काउंसिलों के लिए एक प्रस्ताव भी मांगा है. यह उन काउंसिलों के लिए है जहां महिलाओं की संख्या अपर्याप्त हो सकती है. इन काउंसिलों में सह-चयन का प्रस्ताव कोर्ट के सामने रखा जाएगा.
छह काउंसिलों को छूट
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने छह बार काउंसिलों को इस नियम से फिलहाल छूट दी है. कोर्ट ने कहा कि इन छह काउंसिलों में सीटें निर्धारित करना विवेकपूर्ण नहीं होगा. इन काउंसिलों में चुनाव प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी. इसलिए आरक्षण का नया नियम अभी इन पर लागू नहीं होगा. यह फैसला देश भर की महिला अधिवक्ताओं के लिए उत्साहजनक है. इससे कानूनी ढांचे में महिलाओं की भागीदारी मजबूत होगी.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
First Published :
December 08, 2025, 16:19 IST

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