Last Updated:June 06, 2025, 14:34 IST

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि मामले में तुरंत सुनवाई की जरूरत क्यों है?
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में विशालगढ़ किले में स्थित दरगाह पर ईद-उल-अजहा और उर्स के लिए पशु वध की अनुमति देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया. यह किला एक संरक्षित स्मारक है, जिसका हवाला देते हुए अधिकारियों ने परिसर में पशु और पक्षियों के वध पर रोक लगा दी थी.
हाईकोर्ट के 3 जून के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को जस्टिस संजय करोल और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के सामने तुरंत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया. मामले का उल्लेख करने वाले वकील ने कहा, “कल बकरीद है और महाराष्ट्र के विशालगढ़ में एक संरक्षित स्मारक में हाईकोर्ट ने वध की अनुमति दी है.” उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने 12 जून तक उर्स के लिए संरक्षित स्मारक क्षेत्र में भी पशु वध की अनुमति दी है.
पीठ ने कहा, “संरक्षित स्मारकों में बहुत सारी धार्मिक गतिविधियां चल रही हैं.” वकील ने दावा किया कि महाराष्ट्र राज्य की एक विशेष अधिसूचना है, जिसमें कहा गया है कि संरक्षित क्षेत्र में जानवरों का वध नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि पिछले साल, हाईकोर्ट ने बंद परिसरों में जानवरों के वध की अनुमति दी थी. वकील ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पिछले साल जो प्रतिबंध थे, वे इस साल भी लागू होंगे. पीठ ने कहा, “चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था का हो, संरक्षित स्मारक में बहुत सारी गतिविधियां चल रही हैं.”
‘मैंने त्रिपुरा में पशु वध पर प्रतिबंध लगाया था’
न्यायमूर्ति करोल ने कहा, “मैं आपको बता दूं कि त्रिपुरा (हाईकोर्ट) में बैठकर मैंने वहां पशु वध पर प्रतिबंध लगाया था और फिर इस न्यायालय ने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि इसे एक बंद स्थान पर किया जाएगा.” इसके बाद वकील ने पीठ से मामले को अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया. पीठ ने कहा, “इसमें इतनी जल्दी क्या है? यह मामला निरर्थक होगा.”
बॉम्बे हाईकोर्ट ने की थी मामले की सुनवाई
हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने हजरत पीर मलिक रेहान दरगाह ट्रस्ट की ओर से पशुओं के वध की अनुमति मांगने के लिए दायर आवेदन पर सुनवाई की थी. हाईकोर्ट ने 7 जून को ईद-उल-अजहा और 8 से 12 जून तक विशालगढ़ किले में स्थित ‘दरगाह’ पर आयोजित होने वाले चार दिवसीय उर्स (मेले) के लिए पशु वध की अनुमति दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह आदेश केवल ‘दरगाह’ ट्रस्ट पर ही लागू नहीं होगा, बल्कि अन्य श्रद्धालुओं पर भी लागू होगा. हाईकोर्ट ने कहा था कि पिछले साल भी इसी तरह की अनुमति दी गई थी.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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