‘चिकन नेक’ के पास एयरबेस पर चीन का साया? संसद में सरकार ने बताई सच्चाई

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Last Updated:August 08, 2025, 18:19 IST

India China Relation: बांग्लादेश के लालमोनिरहाट एयरबेस को सक्रिय करने की खबरों पर भारत ने संसद में कहा कि बांग्लादेश का सैन्य इस्तेमाल का कोई इरादा नहीं है. यह लोकेशन सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बेहद करीब है.

‘चिकन नेक’ के पास एयरबेस पर चीन का साया? संसद में सरकार ने बताई सच्चाईलालमोनिरहाट एयरबेस के सैन्य इस्तेमाल की खबरों पर भारत ने संसद में कहा कि बांग्लादेश का ऐसा कोई इरादा नहीं है.

नई दिल्ली: बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एक पुराने एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की खबरों ने भारत में सुरक्षा को लेकर हलचल मचा दी थी. यह इलाका भारत के रणनीतिक ‘चिकन नेक’ यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बेहद करीब है. इस बीच भारत सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश के सैन्य संचालन निदेशक के मुताबिक इस एयरबेस को वर्तमान में किसी सैन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने की कोई योजना नहीं है.

राज्यसभा में सांसद कौशलेंद्र कुमार के सवाल पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि सरकार ने मीडिया रिपोर्ट्स और 26 मई 2025 को बांग्लादेश सेना की प्रेस ब्रीफिंग का संज्ञान लिया है. बांग्लादेश ने साफ किया है कि लालमोनिरहाट एयरबेस को फिलहाल सैन्य रूप से इस्तेमाल करने का कोई इरादा नहीं है. मंत्री ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हर घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है और जरूरत के मुताबिक कदम उठा रहा है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि क्या इस मुद्दे पर बांग्लादेश से औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई गई है.

एयरबेस और चीन का कनेक्शन
1931 में बना यह एयरबेस द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभा चुका है. लेकिन कई दशकों से निष्क्रिय है. हालिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने मार्च में चीन यात्रा के दौरान इसे फिर से सक्रिय करने के लिए तकनीकी और वित्तीय मदद मांगी. खबरें यह भी हैं कि इस प्रोजेक्ट में पाकिस्तान की एक कंपनी को सब-कॉन्ट्रैक्टर बनाने पर चर्चा हुई. यूनुस ने इसी यात्रा में भारत के पूर्वोत्तर को ‘लैंड-लॉक्ड’ बताते हुए बांग्लादेश को समुद्री व्यापार का ‘एकमात्र संरक्षक’ करार दिया, जिसे भारत ने आपत्तिजनक माना.

भारत की चिंताएं और रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि लालमोनिरहाट में चीन की सक्रियता न सिर्फ सैन्य ठिकाने, बल्कि खुफिया नेटवर्क और कूटनीतिक दबाव के लिए भी इस्तेमाल हो सकती है. चीन पहले से ही बांग्लादेश में मोंगला पोर्ट और चटगांव आर्थिक पार्क जैसे प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहा है. इसके साथ ही बांग्लादेश की तुर्की से Bayraktar TB2 ड्रोन और चीन-पाकिस्तान निर्मित JF-17 थंडर फाइटर जेट खरीदने की योजना भी भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ा रही है.

भारत ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए अपनी त्रिशक्ति कोर को राफेल जेट, ब्रह्मोस मिसाइल और S-400 डिफेंस सिस्टम से लैस किया है. साथ ही त्रिपुरा के कैलाशहर एयरबेस को भी फिर से सक्रिय करने की योजना शुरू की गई है, जिसे ‘चीनी प्लान’ का जवाब माना जा रहा है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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First Published :

August 08, 2025, 18:19 IST

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