Last Updated:December 31, 2025, 10:44 IST
India-Pakistan Conflict: पहलगाम की बैसरन घाटी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी. इस घटना से पूरे देश में गुस्सा और आक्रोश का आलम था. इसके बाद इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. साथ ही पाकिस्तानी एयरबेस को भी निशाना बनाया था.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच बीजिंग ने मध्यस्थता की थी. (फाइल फोटो/AP)India-Pakistan Conflict: क्या शी जिनपिंग को भी डोनाल्ड ट्रंप की तरह नोबेल का शांति पुरस्कार चाहिए? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि अमेरिका के बाद अब चीन ने क्लेम किया है कि उसने तनाव के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की थी. चीन से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई मौकों पर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा कर चुके हैं. अब चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा कि उनके देश ने टकराव के दौरान नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मध्यस्थता की थी और संघर्ष विराम कराने के साथ ही शांति लाने में अपनी भूमिका निभाई थी. चीन और पाकिस्तान की दोस्ती के बारे में पूरी दुनिया जानती है. वहीं, हाल के दिनों में भारत-चीन संबंधों में भी सुधार आया है.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार (30 दिसंबर, 2025) को कहा कि इस साल चीन ने कई ‘हॉटस्पॉट मुद्दों’ में मध्यस्थता की, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी शामिल है. वांग यी बीजिंग में ‘अंतरराष्ट्रीय स्थिति और चीन की विदेश नीति’ पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. हालांकि, भारत ने चीन के इस दावे को पहले भी खारिज किया है. नई दिल्ली का साफ कहना है कि मई 2025 में 7 से 10 मई के बीच भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ सैन्य टकराव दोनों देशों की सेनाओं के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच सीधे बातचीत से सुलझा था. विदेश मंत्रालय ने 13 मई की प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि संघर्षविराम की तारीख, समय और शर्तें 10 मई 2025 को दोपहर 3:35 बजे हुई DGMO स्तर की फोन बातचीत में तय की गई थीं. भारत का यह भी स्पष्ट रुख है कि भारत-पाक मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.
चीन का दोहरा चरित्र
वांग यी ने अपने भाषण में कहा कि इस साल द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा स्थानीय युद्ध और सीमा पार संघर्ष देखने को मिले. उन्होंने कहा कि चीन ने ‘निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ’ रुख अपनाते हुए समस्याओं के कारण और लक्षण दोनों पर ध्यान दिया. उन्होंने दावा किया कि चीन ने उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मुद्दे, भारत-पाक तनाव, इजरायल-फिलिस्तीन विवाद और कंबोडिया-थाईलैंड संघर्ष में मध्यस्थता की. मई 2025 में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत-पाक संघर्ष में चीन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे थे. खासकर पाकिस्तान को दिए गए सैन्य समर्थन को लेकर चीन की आलोचना हुई. संघर्ष के पहले दिन 7 मई को चीन ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की थी और भारतीय हवाई हमलों पर ‘खेद’ जताया था. चीन के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि वह आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है, जो पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में देखा गया.
चीन पर भारत का आरोप
भारत की ओर से सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने आरोप लगाया था कि चीन ने इस संघर्ष को ‘लाइव लैब’ की तरह इस्तेमाल किया और पाकिस्तान को हर संभव मदद दी. उन्होंने कहा था कि चीन ने अपनी प्राचीन सैन्य रणनीतियों के तहत ‘उधार के चाकू से वार’ करने की नीति अपनाई. चीन ने इस आरोप पर सीधे जवाब देने से बचते हुए इसे कमतर दिखाने की कोशिश की. अब अपने भाषण में वांग यी ने भारत-चीन संबंधों में सुधार की ‘अच्छी गति’ का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि अगस्त में तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक संकेत दिखे हैं. इसके अलावा वांग यी ने ब्रिक्स के विस्तार, पड़ोसी देशों के साथ चीन के रिश्तों और चीन-अमेरिका संबंधों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि चीन-अमेरिका संबंध दुनिया के सबसे अहम द्विपक्षीय रिश्तों में से एक हैं और दोनों देशों को आपसी सम्मान और संवाद के जरिए मतभेद सुलझाने चाहिए.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
First Published :
December 31, 2025, 06:42 IST

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