चीन-पाक के छूटेंगे पसीने! भारतीय सेना को मिलने जा रहे 5 महाबली, मचेगा कोहराम

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Last Updated:December 26, 2025, 10:53 IST

HAL to Deliver least 5 LCA Mk-1A Indian Air Force: इस वित्त वर्ष में भारतीय सेना की ताकत बेतहाशा बढ़ने वाली है. ना केवल जमीन बल्कि जल और नभ में भी सेना की ताकत में इजाफा होगा. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) एयर फोर्स को 5 तेजस फाइटर जेट देने जा रही है. इसके अलावा नेवी को भी काफी खतरनाक हथियार मिलने वाले हैं. चलिए जानते हैं, भारतीय सेना की ताकत कैसे बढ़ने वाली है?

चीन-पाक के छूटेंगे पसीने! भारतीय सेना को मिलने जा रहे 5 महाबली, मचेगा कोहरामभारतीय सेना की ताकत बढ़ाने आ रहे हैं ये 5 महाबली. (एआई इमेज)

India Defence News: आने वाला साल भारतीय सेना की ताकत के लिए जाना जाएगा. भारतीय सेना को एक से बढ़कर एक हथियार मिलने जा रहे हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि भारत अपनी सैन्य ताकत को लेकर शांत बैठा है, तो यह खबर आपको हिलाकर कर रख देगी. दरअसल, 2026 में भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना को ऐसे घातक हथियार और सिस्टम मिलने जा रहे हैं, जो दुश्मनों की नींद हराम करने के लिए काफी होंगे. ‘मेक इन इंडिया’ की गूंज अब सरहदों पर सुनाई देगी. एचटी के अनुसार, अगले साल फाइटर जेट्स से लेकर परमाणु पनडुब्बी तक, हथियारों का एक पूरा जखीरा सेना के बेड़े में शामिल होने वाला है.

भारतीय सेना ऑपरेशन सिंदूर में अपनी ताकत को लोहा मनवा दिया था. लेकिन, पड़ोसियों की हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना भविष्य की जंग के लिए तैयारियों को मज़बूत कर रही है. इसमें फ़ाइटर जेट, जंगी जहाज, एक देसी न्यूक्लियर-पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन, लोकल लेवल पर बने ट्रांसपोर्ट प्लेन और मिसाइलें शामिल करने की कायवाद चल रही है.

कौन-कौन से हथियार हो रहे हैं शामिल

एक्सपर्ट्स के अनुसार जो मुख्य प्लेटफॉर्म सर्विस में आएंगे उनमें- लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA Mk-1A), न्यूक्लियर-पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन अरिदमन, कुछ प्रोजेक्ट 17A स्टेल्थ फ़्रिगेट, इंडिया में बने C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, आकाश नेक्स्ट-जेनरेशन सरफेस-टू-एयर मिसाइलें, और इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस (ISR) के लिए ड्रोन शामिल हैं.

जोधपुर एयर फ़ोर्स स्टेशन के आसमान में स्वदेशी तेजस फ़ाइटर जेट। (PTI फोटो)

आइए जानते हैं उन 5 गेम-चेंजर्स के बारे में जो अगले साल भारत की रक्षा दीवार को अभेद्य बनाने जा रहे हैं-

आसमान का सिकंदर: LCA तेजस Mk-1A की धमाकेदार एंट्री- जिस पल का इंतजार वायुसेना बेसब्री से कर रही थी, वह अब करीब है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने कमर कस ली है. वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक यानी मार्च 2026 तक, भारतीय वायुसेना को कम से कम 5 LCA Mk-1A फाइटर जेट्स मिले जाने की संभावना बढ़ गई है. ये फाइटर जेट्स अपने पुराने वर्जन से कहीं ज्यादा घातक और अत्याधुनिक रडार सिस्टम से लैस है.
याद दिला दें कि वायुसेना ने कुल 180 LCA Mk-1A जेट्स के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये के दो अलग-अलग ऑर्डर दिए हैं. पहला सौदा फरवरी 2021 में 83 जेट्स के लिए और दूसरा सितंबर 2025 में 97 जेट्स के लिए हुआ था. हालांकि, इसकी डिलीवरी में देरी हुई है (पहला विमान मार्च 2024 में आना था), लेकिन अब देरी के बाद HAL की निर्माण इकाईं ने रफ्तार पकड़ ली है. 2026 से आसमान में देसी तेजस की गूंज और तेज होगी. समंदर का सिक्रेट योद्धा: परमाणु पनडुब्बी अरिधमन- नौसेना की ताकत में सबसे बड़ा इजाफा 2026 की शुरुआत में होगा. भारत की दूसरी स्वदेशी परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN), INS अरिधमन, कमीशन की जाएगी. यह खबर चीन जैसे देशों के लिए किसी झटके से कम नहीं है. अब तक केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के पास ही पनडुब्बी से परमाणु हमला करने की क्षमता थी. 9 साल पहले आई INS अरिहंत के बाद, अरिधमन भारत की ‘न्यूक्लियर ट्रायड’ (जल, थल, नभ से परमाणु हमले की क्षमता) को और भी मजबूत करेगी. देसी C-295 ट्रांसपोर्ट विमान: वडोदरा से भरेगा उड़ान- अगला साल एयरोस्पेस सेक्टर के लिए भी ऐतिहासिक साबित होने वाला है. 2026 में वायुसेना को अपना पहला ‘मेड-इन-इंडिया’ C-295 ट्रांसपोर्ट विमान मिलेगा. यह विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के प्लांट से सितंबर 2026 में आसमान में अपनी मौजूदगी का एहसास कराएगा. टाटा और एयरबस मिलकर 21,935 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. कुल 56 विमानों में से 16 स्पेन से बनकर आ चुके हैं, लेकिन बाकी 40 अब भारत की धरती पर ही तैयार होंगे. समंदर के ‘अदृश्य’ शिकारी: प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स- दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर, प्रोजेक्ट 17A क्लास के स्टील्थ फ्रिगेट्स (युद्धपोत) तारागिरी, महेंद्रगिरी, दूनागिरी और विंध्यगिरी अगले साल अगस्त-सितंबर तक नौसेना में शामिल हो जाएंगे. 45,000 करोड़ रुपये की लागत वाले ये युद्धपोत शिवालिक क्लास के अपग्रेडेड वर्जन हैं. ये समंदर में भारत की निगरानी और हमले की क्षमता को कई गुना बढ़ा देंगे. आकाश मिसाइल और ड्रोन्स- सिर्फ बड़े प्लेटफॉर्म ही नहीं, बल्कि आकाश नेक्स्ट-जनरेशन (NG) सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और खुफिया निगरानी (ISR) के लिए अत्याधुनिक ड्रोन्स भी सेना को सौंपे जाएंगे. बताते चलें कि भारतीय नौसेना ने 2047 तक पूरी तरह ‘आत्मनिर्भर’ बनने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल देश के अलग-अलग शिपयार्ड्स में लगभग 60 युद्धपोत बन रहे हैं.

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Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 26, 2025, 10:42 IST

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