चीन-पाक‍िस्‍तान की निकल जाएगी हेकड़ी..., क्‍वाड देशों ने दिया कड़ा संदेश

1 month ago

टोक्‍यो. पाक‍िस्‍तान चाहे क‍ितना कंगाल हो जाए, लेकिन वह भारत के ख‍िलाफ सा‍ज‍िशें रचने से बाज नहीं आता. चाहे जम्‍मू-कश्मीर में आतंंकी भेजना हो या फ‍िर वारदातें करानी हो. बीते कुछ दिनों में जम्‍मू-कश्मीर में बढ़ी आतंकी वारदातें इसका गवाह हैं. लेकिन अब पाक‍िस्‍तान को क्‍वाड देशों ने चेतावनी दी है. अमेर‍िका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने संयुक्‍त बयान में चेताया है क‍ि पाक‍िस्‍तान को जैश-ए-मोहम्‍मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंक‍ियों पर कार्रवाई करनी ही होगी. क्‍वाड देशों ने चीन को भी चेताया क‍ि एकतरफा कार्रवाई नहीं होनी चाह‍िए, जो क्षेत्र की शांत‍ि में खलल डाले.

‘क्वाड’ समूह के विदेश मंत्रियों की जापान में बैठक हुई. इसके बाद संयुक्‍त घोषणापत्र जारी क‍िया गया. इसमें साफ कहा गया है क‍ि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके छद्म संगठनों समेत उन सभी आतंकी गुटों के ख‍िलाफ कार्रवाई की जाए, जो संयुक्‍त राष्‍ट्र की सूची में हैं. परोक्ष रूप से पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए सभी देशों ने कहा क‍ि सीमा पार से आतंक‍ियों को भेजना बंद होना चाह‍िए. इसे रोकने के ल‍िए तत्‍काल और प्रभावी कार्रवाई की जानी चाह‍िए.

आख‍िर आंतक‍ियों तक कैसे पहुंच रहे हथ‍ियार-ड्रोन
संयुक्‍त बयान में कहा गया है, हम 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमलों, और पठानकोट हमलों सहित अन्य आतंकवादी हमलों की फिर से निंदा करते हैं. इन हमलों को अंजाम देने वालों को बिना देरी न्याय के कठघरे में लाया जाना चाह‍िए. क्‍वाड देशों ने इस बात पर चिंता जताई क‍ि आतंक‍ियों के पास अत्‍याधुन‍िक यूएवी, ड्रोन औ अन्‍य तकनीकें पहुंच रही हैं. वे आसानी से सुरंगें खोद रहे हैं.

आतंकी हरकतों से मिलकर निपटेंगे
पाक‍िस्‍तान पर भारत ही नहीं, अफगान‍िस्‍तान, बांग्‍लादेश समेत कई पड़ोसी देश आतंक‍ियों को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं. भारत बार-बार कहता रहा है क‍ि पाक‍िस्‍तान अल-कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी गुटों को पाल रहा है. उन्‍हें धन मुहैया करा रहा है. क्‍वाड देशों ने इस पर चिंता जताई. साफ क‍िया क‍ि ऐसी क‍िसी भी हरकत से सभी देश मिलकर निपटेंगे. आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से पैदा हो रहे खतरों को रोकने, उनका पता लगाने और उनका मुकाबला करने के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे.

चीन को भी भेजा संदेश
क्‍वाड देशों ने बिना नाम ल‍िए चीन को भी कड़ा संदेश भेजा. साफ कहा क‍ि पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में बलपूर्वक क‍िसी एक तरफा कार्रवाई का वे विरोध करते हैं. अगर कोई देश ऐसी हरकत करता है, तो उसके ख‍िलाफ सब मिलजुलकर मुकाबला करेंगे. क्षेत्र में शांत‍ि और स्‍थ‍िरता बनाए रखने के ल‍िए यह जरूरी है.

Tags: QUAD Meeting, Quad summit, S Jaishankar

FIRST PUBLISHED :

July 29, 2024, 21:57 IST

Read Full Article at Source