Last Updated:June 06, 2025, 14:53 IST
Calcutta High Court Judge Threat: जज पार्थ सारथी चटर्जी को एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर को बेल न देने पर जान से मारने की धमकियां मिली. जज की निजी जानकारी तक शेयर कर दी गई.

सोशल मीडिया पर जज को जान से मारने की धमकी
हाइलाइट्स
इंफ्लुएंसर को बेल न देने पर हाईकोर्ट जज को जान से मारने की धमकी.फर्जी X अकाउंट्स ने जज की निजी जानकारी शेयर कर दी.सोशल मीडिया पर केस को लेकर बढ़ी नफरत और गुस्सा.कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही हैं. यह सब तब शुरू हुआ जब उन्होंने मंगलवार को एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर को नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) के मामले में अंतरिम बेल देने से मना कर दिया. इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर कई अनजान अकाउंट्स ने भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट डालनी शुरू कर दीं.
फर्जी अकाउंट्स से फैलाई जा रही नफरत
धमकी देने वाले ज़्यादातर अकाउंट्स फर्जी नाम और नकली तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ ने लिखा कि “इस जज को अज्ञात बंदूकधारियों से मिलवाना चाहिए”, तो किसी ने कहा कि “इसकी पहचान और ठिकाने की जानकारी चाहिए, ताकि जनता अपना काम कर सके.” कई पोस्ट्स में जज की पुरानी जानकारी, जैसे कि उनके कॉलेज (हुगली मोहसिन कॉलेज) और बायो डिटेल्स तक शेयर की गईं.
सोशल मीडिया पर पुलिस को टैग कर की गई शिकायतें
इस तरह की धमकियों से परेशान होकर कुछ यूज़र्स ने कोलकाता पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों को टैग करके शिकायत की. लेकिन पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा और जॉइंट सीपी (क्राइम) रूपेश कुमार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. हाईकोर्ट की रजिस्ट्रार जनरल, नबनीता रे ने कहा कि अदालत 9 जून के बाद इस मामले पर संज्ञान लेगी, जब छुट्टी के बाद कोर्ट दोबारा खुलेगा.
जज की नसीहत- “बोलने से पहले सोचें”
इस केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस चटर्जी ने साफ तौर पर कहा था कि “हमारे देश में कई धर्म, भाषाएँ और समुदाय के लोग रहते हैं. ऐसे में किसी भी मंच पर बोलते समय सावधानी बेहद ज़रूरी है.” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि हेट स्पीच और भड़काऊ बातें समाज के लिए नुकसानदेह हैं और इनकी सख्त निंदा होनी चाहिए.
वैकेशन बेंच ने दी बेल
इंफ्लुएंसर जो कि एक लॉ स्टूडेंट है, उसे गुरुवार को वैकेशन बेंच से अंतरिम ज़मानत मिल गई. कोर्ट ने पहले राज्य सरकार से केस डायरी मंगवाई थी ताकि सही तरीके से फैसला लिया जा सके. इस फैसले के बावजूद, जज को निशाना बनाने का सिलसिला थमा नहीं है, जो देश की न्यायिक व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है.
Location :
Kolkata,West Bengal