Last Updated:June 18, 2025, 13:48 IST
Divorce Petition in Supreme Court: यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि जब संवाद और संवेदनशीलता हो, तो कोर्ट सिर्फ फैसला नहीं, रिश्ते भी बचा सकता है. आखिर जब कोर्टरूम में पति पत्नी के तलाक का मा...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट में जब तलाक की याचिका पहुंची तो जज ने क्या किया?
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने एक शादी को टूटने से बचाया.पति-पत्नी ने पॉकेट मनी और घरेलू सहायक पर समझौता किया.सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशीलता का उदाहरण पेश किया.नई दिल्ली. जब कोर्ट रूम में रो रहे थे पति-पत्नी और दोनों की आंखों में खुशी के आंसू थे. कोर्टरूम में अकसर शादियां टूटती है लेकिन ऐसा बहुत कम बार होता है कि जज केस में शामिल होने के बाद शादी बच जाए. सुप्रीम कोर्ट ने पॉकेट मनी, घरेलू सहायक और माता-पिता की गैरहस्तक्षेप की शर्तों पर टूटी शादी को मिला नया जीवन मिला है.
दिल्ली की सुप्रीम कोर्ट में एक खास दृश्य था जब कोई बहस नहीं, कोई आरोप नहीं सामने एक पति-पत्नी थे, जिनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू दर्द के नहीं, नई शुरुआत की उम्मीद और राहत के थे. कोर्टरूम की गंभीरता के बीच दो दिलों ने फिर से साथ चलने का फैसला किया एक ऐसा फैसला जिसने ना केवल उनका रिश्ता बचाया, बल्कि न्यायपालिका की संवेदनशीलता का भी उदाहरण पेश किया.
प्यार से शुरू, कड़वाहट में टूटा
फरवरी 2024 में इस जोड़े ने प्रेम विवाह किया, लेकिन सिर्फ चार महीने बाद ही रिश्ता तनावों में घिर गया. जून तक वे अलग हो गए पत्नी मुंबई में मायके चली गई और पति जौनपुर चला गया. जल्द ही घरेलू हिंसा की शिकायत, एफआईआर और तलाक की अर्जी जैसी कानूनी लड़ाइयां शुरू हो गईं. जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुझाव दिया कि दोनों को शांतिपूर्वक तलाक लेकर आगे बढ़ना चाहिए. मामला सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र को सौंपा गया लेकिन जब वापस आया तो सबको चौंका गए.
‘तलाक’ नहीं, ‘समझौता’ लाए पति-पत्नी
सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में फरवरी से मई 2025 तक चली 5 बैठकों के बाद दोनों ने एक असामान्य लेकिन व्यावहारिक समझौता किया: पति पत्नी को हर महीने 15000 रुपये की पॉकेट मनी देगा (UPI से सीधे बैंक खाते में), दूसरा घर के लिए एक फुल-टाइम घरेलू सहायक (नौकरानी) की व्यवस्था होगी. तीसरा दोनों एक-दूसरे और उनके परिवारों के प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार करेंगे. चौथा पुराने झगड़े माफ करके, नए सिरे से रिश्ते को निभाने की कोशिश करेंगे. पांचवां और सबसे महत्वपूर्ण दोनों परिवार जोड़े के रिश्ते में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
मुकदमे खत्म, रिश्ता फिर शुरू
दोनों पक्षों ने साथ मिलकर सभी केस वापस लेने पर सहमति दी घरेलू हिंसा की शिकायत, एफआईआर, तलाक की अर्जी सब खत्म हो गया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत एक याचिका भी दायर की गई ताकि सभी केस औपचारिक रूप से बंद किए जा सकें.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
न्यायमूर्ति जेबी पर्डीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने कहा कि हमें प्रसन्नता है कि पक्षकारों ने अपने विवाद सुलझा लिए हैं और अपने वैवाहिक जीवन को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है.
अरुण बिंजोला इस वक्त न्यूज 18 में बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह करीब 15 सालों से पत्रकारिता में सक्रिए हैं और पिछले 10 सालों से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं. करीब एक साल से न्यूज 1...और पढ़ें
अरुण बिंजोला इस वक्त न्यूज 18 में बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह करीब 15 सालों से पत्रकारिता में सक्रिए हैं और पिछले 10 सालों से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं. करीब एक साल से न्यूज 1...
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