जहां दिखा खतरा,आसमान से आएगा 'तेज और अंतिम' वार! सेना को मिलेगा दुश्मन का काल

4 hours ago

Last Updated:June 09, 2025, 21:25 IST

Indian Army News: QRSAM मिसाइल सिस्टम भारत की वायु सीमा की सुरक्षा को नई धार देगा. यह दुश्मन के ड्रोन, जेट या मिसाइल को तुरंत ट्रैक कर नष्ट कर सकता है. साल 2026 तक तैनाती की उम्मीद है.

जहां दिखा खतरा,आसमान से आएगा 'तेज और अंतिम' वार! सेना को मिलेगा दुश्मन का काल

QRSAM एक छोटी दूरी की सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम है. (फोटो DRDO)

हाइलाइट्स

QRSAM मिसाइल सिस्टम 2026 तक तैनात होगा.यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन, जेट, मिसाइल को नष्ट कर सकता है.QRSAM स्वदेशी, तेज, सटीक और जानलेवा है.

QRSAM Air Defence Missile: अब दुश्मन का कोई भी मिसाइल, ड्रोन या फाइटर जेट भारत की सीमा के आसमान में ज्यादा देर टिक नहीं पाएगा. भारतीय सेना को मिलने जा रहा है एक ऐसा ब्रह्मास्त्र जो हवा में उड़ती किसी भी साजिश को पलक झपकते ही राख कर देगा. इस घातक हथियार का नाम है QRSAM, यानी क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम.

रक्षा मंत्रालय जल्द ही इस मिसाइल सिस्टम की 30,000 करोड़ रुपए की भारी-भरकम डील को मंजूरी देने वाला है. यह निर्णय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत इंडियन एयर डिफेंस सिस्टम को और ज्यादा धारदार बनाने के लिए लिया गया है.

दुश्मन को अब मिलेगा आसमान से जवाब!
QRSAM सिस्टम का मतलब है – जहां से खतरा दिखेगा, वहीं से आएगा जवाब. यानी भारत की सीमाओं पर अब इंतजार नहीं तुरंत कार्रवाई होगी. यह मिसाइल सिस्टम सेना को ऐसी शक्ति देगा जिससे दुश्मन का कोई भी हवाई हमला चाहे वो ड्रोन हो, लड़ाकू विमान हो या क्रूज मिसाइल कुछ ही सेकेंड्स में ध्वस्त किया जा सकेगा.

ऑपरेशन सिंदूर: आक्रामक भारत की तैयारी
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मकसद भारत की सीमाओं को रक्षा से आगे बढ़कर प्रतिरोधक और हमलावर क्षमता देना है. इसमें QRSAM जैसे हथियार उस रणनीति के अहम स्तंभ हैं जो यह संदेश देते हैं कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा. जहां से खतरा दिखेगा वहीं पर जवाब दिया जाएगा… और वह भी आसमान से!

पूरी तरह स्वदेशी सिस्टम, DRDO और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा विकसित. एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है. ऑटोमैटिक फायरिंग फैसले लेता है. यानी तेज, सटीक और जानलेवा. किसी भी प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है चाहे वह ट्रक हो, बंकर हो या मोबाइल यूनिट.

क्यों कहा जा रहा है इसे ‘ब्रह्मास्त्र’?
क्योंकि ये वही हथियार है जो दुश्मन की हर ‘पहली चाल’ को उसकी ‘आखिरी भूल’ बना सकता है. यह मिसाइल सिस्टम कुछ ही सेकेंड्स में 70 से 100 किलोमीटर की रेंज में किसी भी हवाई खतरे को पहचानकर उसे नष्ट कर देता है.

LOC और LAC पर तैनाती से पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ जाएगी. सीमाई इलाकों में तैनात जवानों को मिलेगा तत्काल वायु सुरक्षा कवच. दुश्मन की घुसपैठ की कोशिशें होंगी नाकाम.

कब तक मिलेगा ये सिस्टम?
रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही QRSAM के पहले बैच का उत्पादन शुरू हो जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि 2026 तक सेना की पहली तैनाती पूरी हो जाएगी.

गौतरलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइल से जबरदस्त जवाबी हमला किया. यह पहली बार था जब भारत ने करगिल युद्ध के बाद किसी सक्रिय ऑपरेशन में एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम्स को तैनात किया.

पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमले भी नाकाम
भारतीय कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट्स ने L-70 और Zu-23 एंटी-एयरक्राफ्ट गन से खतरे को तुरंत नष्ट कर दिया.

स्वदेशी सिस्टम्स ने दिखाई ताकत
भारतीय वायुसेना और सेना ने इस हमले के दौरान स्वदेशी रक्षा प्रणालियों जैसे आकाश मिसाइल और MRSAM सिस्टम का बेहतरीन इस्तेमाल किया. इन प्रणालियों को एयरफोर्स के अत्याधुनिक स्पाइडर, सुदर्शन और रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का भी समर्थन मिला.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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