जहां से शेरशाह सूरी ने की थी एंट्री, आज खंडहर में बदल रहा इतिहास

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जहां से शेरशाह सूरी ने की थी एंट्री, आज खंडहर में बदल रहा इतिहास

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Sultanpur News: सुल्तानपुर केवल अंग्रेजी हुकूमत का ही गवाह नहीं रहा, बल्कि इसने मुगलिया शासन को भी बेहद करीब से देखा है, जिसका जीवंत उदाहरण हसनपुर गांव में स्थित वह प्राचीन गेट है, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है और जिससे लगभग 500 वर्ष पहले शेरशाह सूरी ने प्रवेश किया था. हसनपुर रियासत में मेहमान के रूप में वह 19 दिनों तक राजा के किले में ठहरा रहा था. हसनपुर रियासत के अंतिम और 20वें वंशज कुंवर मसूद अली के अनुसार, शेरशाह सूरी करीब 1540 के आसपास सुल्तानपुर आया था. शेरशाह सूरी अकेला नहीं आया था, बल्कि हाथी, घोड़े और हजारों सैनिकों वाली पूरी सेना के साथ हसनपुर किले, जो अब इमामबाड़ा के नाम से जाना जाता है के दक्षिण दिशा में स्थित इसी गेट से उसने प्रवेश किया था. हालांकि वर्ष का पक्का प्रमाण उपलब्ध नहीं है.

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