Last Updated:September 03, 2025, 09:25 IST
Superior Class Prisoners: जेल में कुछ कैदी ऐसे भी हैं, जिन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता है. सामन्यतय: इन कैदियों को सुपीरियर क्लास प्रिजनर्स या कैटेगरी ए के कैदी कहा जाता है.

Superior Class Prisoners: जेल का नाम जहन में आते ही एक भयावह तस्वीर आंखों के सामने तैरने लगती है. लेकिन कुछ भाई लोगों के मामले में यह तस्वीर हकीकत से थोड़ा अलग है. इन भाई लोगों के लिए जेल में न केवल खास इंतजाम होते हैं, बल्कि उनके लिए कैद की यह जिंदगी अन्य कैदियों से बिल्कुल अलग होती है. इन भाई लोगों के रहने का तो खास इंतजाम होता ही है, साथ ही दूसरे कैदियों की तरह इनको जेल में कोई खास काम भी नहीं करना पड़ता है. इनके लिए जेल का मतलब सिर्फ इतना ही है कि वे बाहरी दुनिया से कट जाते हैं. बाकी रहने, खाने और पहनने का इंतजाम वैसा तो बिल्कुल भी नहीं होता है, जैसा जेल को लेकर हमसब के बीच में एक धारणा बनी हुई है.
जी हां, जेल के जिन कैदियों की हम बात कर रहे हैं, कुछ राज्यों में उन्हें सुपीरियर क्लास कन्विक्ट कहा जाता है, तो कहीं पर उन्हें कैटेगरी-A के कैदी के तौर पर जाना जाता है. सुपीरियर क्लास अथवा कैटेगरी-ए के कैदियों की बात करें, इससे पहले आपको बताते हैं कि जेलों में कैदियों का बंटवारा किस तरह से किया जाता है. जेल मैनुअल के तहत, सामान्यतय: किसी भी जेल के कैदियों को चार कैटेगरी में बांटा गया है. इसमें पहली कैटेगरी अंडरट्रायल पिजनर्स (Undertrial Prisoners) की होती है. इस कैटेगरी में वे कैदी आते हैं, जिनका किसी कोर्ट में मुकदमा चल रहा होता है और उनका अपराध अभी तक साबित नहीं हुआ है.
दूसरी कैटेगरी कन्विक्टेड प्रिजनर्स (Convicted Prisoners) की है, जिनका अपराध साबित हो चुका है और कोर्ट उन्हें सजा सुना चुकी है. तीसरी कैटेगरी में वह प्रिजनर्स आते हैं, जिनके खिलाफ को कोई दीवानी का मामला होता है और उन्हें सिविल प्रिजनर्स (Civil Prisoners) कहा जाता है. वहीं चौथी कैटेगरी डिटेन्यू (Detenues) की है. इस कैटेगरी के कैदियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) या प्रिवेंटिव डिटेंशन कानूनों के तहत जेल में रखा जाता है. जेल में कैदियों का बंटवारा सिर्फ इन्हीं चार कैटेगरियों तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्यों के अपने जेल मैनुअल के आधार पर इन कैटेगरीज को भी दो से तीन कैटेगरी में बांटा गया है.
कौन होते हैं सुपीरियर क्लास के प्रिजनर्स या कैटेगरी-ए के पिजनर्स
जेलों में सबसे पहली कैटेगरी सुपीरियर क्लास प्रिजनर्स (Superior Class Prisoners) की होती है. कुछ राज्यों में इन पिजनर्स को कैटेगरी-ए के प्रिजनर भी कहा जाता है. इस कैटेगरी में सामान्यत: सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक जगत में खास ओहदा रखने वाले कैदी आते हैं. सामान्यत: इन कैदियो में मंत्री, सांसद, विधायक, बड़े उद्योगपति, उच्च पदस्थ अधिकारी, लेखक, प्रोफेसर, समाजसेवी जैसे लोग आते हैं. जेल मैअनुअर के अनुसार, यह कैटेगरी केवल उन्हीं कैदियों को दी जाती है, जिनका पूर्व का जीवन पूरी तरह से सभ्य, शिक्षित और सम्मानित रहा होता है.
इन वीआईपी पिजनर्स को सेल मिलती है या बैरक, क्या करते हैं काम
कैटेगरी ए के पिजनर्स को सामान्यत: अन्य कैदियों से अलग सेल में रखा जाता है. बैरक में इन कैदियों को तभी रखा जाता है, जब एक ही नेचर के अन्य कैदी हों. वहीं, सुविधा के नाम पर कैटेगरी ए के कैदियों को सोने के लिए तखत के साथ एक छोटी मेज, स्टूल, लैंप, मच्छरदानी मिलती है. इसके अलावा बर्तन के तौर पर इन्हें गिलास, कप, जग, चम्मच और थाली मिलती है. जहां तक काम की बात है तो तो इस कैटेगरी के कैदियों को कभी शारीरिक मेहनत वाले कठोर काम नहीं दिए जाते हैं, बल्कि उनके सामर्थ्य, चरित्र, पूर्व जीवन के आधार पर छोटे मोटे काम ही दिए जाते हैं. इन कामों मे लाइब्रेरी, अन्य कैदियों को पढ़ाने, पत्राचार जैसे छोटे मोटे काम शामिल हैं.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
September 03, 2025, 09:25 IST