जॉब के लिए खुद तरस रहा दुनियाभर में नौकरी का पसंदीदा देश! भारत पर भी असर

1 month ago

नई दिल्‍ली. दुनिया में ऐसा कौन है जो अमेरिका में नौकरी करने के सपने नहीं देखता. करोड़ों की नौकरी का सपना बनने वाले इस देश में अब खुद बेरोजगारों की संख्‍या बेतहाशा बढ़ती जा रही है. आलम ये हो गया है कि यहां बेरोजगारी भत्‍ते का लाभ उठाने के लिए आवेदन करने वालों की संख्‍या में बड़ा उछाल आया है और यह संख्‍या साल के उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच गई है. अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट ने यह आंकड़ा जारी किया है.

श्रम विभाग के अनुसार, अमेरिका में बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदन करने वालों की संख्या पिछले सप्ताह उछलकर साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. श्रम विभाग ने बताया कि तीन अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदनों की संख्या 33,000 बढ़कर 2,58,000 हो गई है. यह पांच अगस्त, 2023 के बाद से सबसे अधिक है. साथ ही यह विश्लेषकों के 2,29,000 के अनुमान से कहीं अधिक है.

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क्‍या है बेरोजगारी बढ़ने का कारण
विश्लेषकों ने कहा कि चक्रवात हेलेन से प्रभावित फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना, दक्षिण कैरोलिना और टेनेसी सहित अन्य राज्यों में बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ी है. ऑक्सफ़ोर्ड इकनॉमिक्स की प्रमुख अमेरिकी अर्थशास्त्री नैन्सी वैंडेन हाउटन ने कहा, ‘तूफान हेलेन और मिल्टन के साथ-साथ बोइंग हड़ताल से प्रभावित राज्यों में बेरोजगारी लाभ के दावों में वृद्धि की आशंका है और यह तब तक रहेगा जब तक कि इसका असर समाप्त नहीं हो जाता.’

फेडरल से ब्‍याज घटाने की उम्‍मीद
उन्होंने कहा कि जनता में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए ऐसी प्रबल संभावना है कि फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) इन प्रभावों को अस्थायी मानेगा और उम्मीद है कि नवंबर की बैठक में वह नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कमी करेगा. अगर बेरोजगारी की समस्‍या स्‍थायी तौर पर बढ़ती है तो फेडरल भी ब्‍याज दरें घटाने के फैसले से फिलहाल पीछे हट सकता है.

भारत पर क्‍या असर
आपको बता दें कि हर साल बड़ी संख्‍या में भारतीय युवा नौकरी के लिए अमेरिका जाते हैं. जाहिर है कि अगर वहां की जॉब मार्केट की हालत खराब होती है तो इसका बुरा असर भारतीय युवाओं के सपनों पर भी पड़ेगा. इसके अलावा अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी से अगर वहां की अर्थव्‍यवस्‍था प्रभावित होती है तो इससे भारत ही नहीं दुनियाभर के देश परेशान होंगे.

Tags: Business news, Job and growth, Job insecurity

FIRST PUBLISHED :

October 11, 2024, 07:41 IST

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