Last Updated:November 24, 2025, 17:23 IST
Umar Khalid Bail Plea: दिल्ली दंगों से जुड़े UAPA मामले में उमर खालिद को आज सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा. खालिद जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग लेकर पहुंचे थे, लेकिन जज ने कहा, “टाइम नहीं है” और मामले को 2 दिसंबर तक के लिए टाल दिया. खालिद लंबे समय से जमानत की कोशिश कर रहा है.
उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई.दिल्ली दंगों से जुड़ी बड़ी साजिश के मामले में गिरफ्तार पूर्व जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा. जमानत के लिए गुहार लेकर कोर्ट पहुंचे खालिद की याचिका पर सुनवाई आज टाल दी गई. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसके पास इस मामले को सुनने के लिए पर्याप्त समय नहीं बचा है. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई अब 2 दिसंबर के लिए स्थगित कर दी है. इस मामले में खालिद के साथ सह-आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर भी सुनवाई टल गई है.
क्या है दिल्ली दंगा मामला?
यह मामला फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ी बड़ी साजिश का है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन दंगों के पीछे एक गहरी साजिश का आरोप लगाते हुए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी. पुलिस का आरोप है कि खालिद और अन्य आरोपियों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध की आड़ में इन दंगों को भड़काने की साजिश रची थी. उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं. उसपर भड़काऊ भाषण देने, विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाने और दंगों को अंजाम देने के लिए अन्य सह-आरोपियों के साथ साजिश रचने का आरोप है.
जेल से बार-बार याचिकाएं लगा रहा खालिद
उमर खालिद पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार जमानत के लिए निचली अदालतों से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. निचली अदालत: उनकी ज़मानत याचिका को अक्टूबर 2021 में निचली अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं. दिल्ली हाईकोर्ट: निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को अक्टूबर 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि खालिद के कृत्य आतंकी गतिविधि की श्रेणी में आते हैं. हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद खालिद ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 24, 2025, 17:23 IST

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